प्रकाशित - 13 Apr 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
ग्रीष्मकालीन सीजन आने वाला है। रबी की फसल (rabi crop) की कटाई के बाद किसान जायद फसलों की बुवाई करेंगे। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध कराएं जाने पर जोर दिया जा रहा है ताकि किसानों को सिंचाई कार्य (irrigation works) में परेशानी नहीं आए। अलग-अलग राज्य अपने स्तर पर किसानों को सिंचाई यंत्रों पर अनुदान देती है। सरकार का जोर किसानों को ऐसे सिंचाई यंत्र या सिस्टम उपलब्ध कराना ताकि कम पानी में अधिक क्षेत्र की सिंचाई की जा सके। इसी क्रम में यूपी सरकार की ओर से यूपी से किसानों को 75 प्रतिशत की सब्सिडी पर स्प्रिंकलर सिस्टम उपलब्ध कराए जा रहे हैं। खास बात ये हैं कि यूपी की योगी सरकार की ओर से किसानों को घर बैठे स्प्रिंकलर सिस्टम उपलब्ध करा रही है ताकि किसानों को इसे प्राप्त करने में कोई असुविधा नहीं हो। बता दें कि आज सभी जगह पर पानी की कमी हो गई है। पानी की कमी से किसानों को खेतीबाड़ी में काफी परेशानी आती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने किसानों घर बैठे स्प्रिंकलर सिस्टम जिसे फव्वारा सिस्टम भी कहते हैं उपलब्ध कराएं जा रहे है ताकि किसान कम पानी में अधिक फसलों की सिंचाई कर सकें।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी सरकार की ओर से बौछारी सिंचाई योजना चलाई जा रही है। इसके तहत आवेदन करने वाले किसानों को स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम उपलब्ध करवाया जाएगा। किसानाें को स्प्रिंकलर की खरीद पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। इससे किसान सस्ती कीमत पर स्प्रिंकलर की खरीद करके फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।
किसानों को 25 प्रतिशत पैसा खर्च करके अपने खेत में सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर सेट लगवा सकेंगे। इसके लिए सरकार ने गुजरात बेस्ट कंपनी को कॉन्ट्रेक्टर दिया है। समझौते के अनुसार किसान जीजीआरसी नाम की कंपनी को स्प्रिंकलर सेट की कीमत (sprinkler set price) का 25 प्रतिशत पैसा ही भुगतान करना होगा। इसके बाद सीधा किसान को घर पर स्प्रिंकलर सिस्टम की होम डिलीवरी की जाएगी। इस योजना के तहत किसानों को बिना किसी परेशानी के घर बैठे स्प्रिंकलर सिस्टम मिल जाएगा। अभी फिलहाल होम डिलीवरी की सुविधा बुदेलखंड जिले के लिए शरू की गई है। यह सुविधा हमीरपुर सहित पूरे क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता के लिए दिया जा रहा है। इसके लिए यहां यूपी सरकार की ओर से बौछारी सिंचाई योजना नाम से अलग से योजना चलाई गई है। इस योजना के तहत किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। हालांकि यूपी सरकार की ओर से राज्य के सभी किसानों को सब्सिडी पर स्प्रिंकलर उपलब्ध कराएं जाते हैं जिस पर सीमांत एवं लघु किसानों को मिनी व माइक्रो स्प्रिंकलर सेट और ड्रिप सिंचाई सिस्टम की खरीद पर यंत्र की लागत का 90 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जाती है। वहीं अन्य किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। लेकिन अभी यहां स्प्रिंकलर पर होम डिलीवरी की सुविधा नहीं दी गई है।
स्प्रिंकलर सिंचाई की वह पद्धति या जिससे कम पानी में अधिक सिंचाई में फसल को उगाया जा सकता है। इस तकनीक में स्प्रिंकलर यंत्र की सहायता से पानी फसलों पर बारिश की बूंदों की तरह गिरता है। इसे फव्वारा विधि के नाम से भी जाना जाता है। इस पद्धति में कम पानी खर्च होता है। इसमें फसलों के अनुसार उचित दूरी पर स्प्रिंकलर सिस्टम को सेट किया जाता है। इसके बाद पंप को चलाया जाता है। इसके बाद पानी तेजी से पाइप में आता है और इसमें लगी नोजल इस पानी को बौछारों के रूप में फसलों पर गिराती है।
स्प्रिंकलर सिस्टम से सिंचाई करने का लाभ ये हैं कि इसकी सहायता से कम पानी में अधिक क्षेत्र में फसलों की सिंचाई की जा सकती है। इसमें किसान को सिंचाई के लिए एक-एक पेड़ या पाइप से सिंचाई के लिए पूरे खेत में घुमना नहीं पड़ता है। किसान पंप स्टार्ट कर देते हैं और खेत में लगे स्प्रिंकलर सिस्टम (sprinkler system)से पूरे खेत में लगी फसल की सिंचाई कम समय और श्रम में हो जाती है। वहीं इससे सिंचाई करने पर 60 प्रतिशत तक पानी की बचत की जा सकती है। यानि किसान 40 प्रतिशत पानी में अपनी फसल की सिंचाई कर सकते हैं।
स्प्रिंकलर सिस्टम के उपयोग (sprinkler system use)से किसान धान, आलू, प्याज, सब्जी, चाय, गेहूं, दलहन, तिलहन आदि फसलों की सिंचाई कर सकते हैं। इन फसलों की सिंचाई में किसान जब सतही सिंचाई पद्धिति (surface irrigation system)का उपयोग करते हैं तो फसलों को आवश्यकता से अधिक पानी चल जाता है जिससे फसल को नुकसान हो सकता है। जबकि स्प्रिंकलर सिस्टम से फसलों को आवश्यकतानुसार पानी दिया जाता है जिससे फसल की सिंचाई अच्छी तरह से हो जाती है और खेत में नमी भी बनी रहती है।
अब बात करें स्प्रिंकलर सिस्टम लगवाने पर खर्च की तो यदि किसान एक हैक्टेयर में स्प्रिंकलर सेट लगवाते हैं तो इसके लिए करीब 70 हजार से लेकर 1.40 लाख रुपए का खर्च आता है। लेकिन यूपी सरकार इस पर सब्सिडी दे रही है तो ऐसे में बुंदेलखंड के किसानों को बहुत कम में ही स्प्रिंकलर सिस्टम का लाभ मिल जाएगा। उन्हें इसकी लागत का 25 प्रतिशत पैसा ही देना होगा। बता दें कि अलग-अलग कंपनी के स्प्रिंकलर सेट का अलग-अलग रेट होता है। यहां किसानों को स्प्रिंकलर की अनुमानित कीमत बताई गई है।
बंदेलखंड के जो किसान स्प्रिंकलर सेट की खरीद पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं वे अपने जिले के कृषि विभाग से इसकी जानकारी ले सकते हैं। बता दें कि इस साल पीएम किसान सम्मान निधि योजना (pm kisan samman nidhi yojna) के तहत किसानों को ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो और रेनगन सिंचाई से 2985 हैक्टेयर रकबा कवर किए जाने की योजना है। इसमें बुंदेलखंड के 1207.62 लाख से अधिक किसानों को लाभान्वित किए जाना है।
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