प्रकाशित - 17 Apr 2024
Monsoon forecast 2024: निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर (Private weather agency Skymet Weather) के बाद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी साल 2024 के मानसून सीजन के लिए अपना पूर्वानुमान जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि इस साल देश में सामान्य से अधिक बारिश होगी। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार जून से सितंबर तक मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार 104 से लेकर 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर माना जाता है। मौसम विभाग द्वारा मानसून को लेकर जो पूर्वानुमान लगाया गया है वह भारतीय कृषि के लिए लाभकारी माना जा रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार इस साल 2024 में 106 प्रतिशत बारिश होगी। देश में 87 सेंटीमीटर बारिश होने का अनुमान है। चार महीने के मानसून सीजन के मानसून के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज जिसे (LPA) से व्यक्त किया जाता है, इसके द्वारा यह बताया जाता है कि देश में मानसून सीजन में कुल कितनी बारिश होनी चाहिए। मौसम विभाग के मुताबिक 4 महीने के मानसून सीजन के लिए LPA 868.6 मिलीमीटर यानी 86.86 सेंटीमीटर होता है।
आमतौर पर भारत में मानसून एक जून के आसपास केरल पहुंचता है। इसके बाद पूरे देश में मानसून बढ़ता है। वहीं चार माह की बारिश के बाद इसकी वापसी होती है जो सितंबर के अंत में राजस्थान के रास्ते से होती है। यानी हमारे देश में केरल से मानसून का आगमन होता है और राजस्थान से इसकी वापसी हो जाती है।
मौसम विभाग के मुताबिक इस बार साल 2024 के मानसून सीजन के दौरान देश में करीब 20 से अधिक राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। इसमें दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, प. बंगाल, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पुडुचेरी, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षदीप, दादरा और नगर हवेली, दमन दीव में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने देश के चार राज्यों के लिए बारिश का अनुमान व्यक्त किया है। जिन राज्यों के लिए मौसम विभाग की ओर से सामान्य बारिश का अनुमान लगाया गया है वे राज्य छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख है।
मौसम विभाग के मुताबिक देश में 6 ऐसे राज्य हैं जहां इस साल मानसून सीजन में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। जिन राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने की बात कही गई है वे राज्य ओडिशा, नागालैंड, असम, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा है।
इस बार मौसम के प्रभाव के कारण मानसून की शुरुआत धीमी रहेगी। इस दौरान जून व जुलाई माह में मानसून धीमी रफ्तार से आगे बढ़ेगा। लेकिन दूसरे फेज अगस्त से सितंबर माह में इसकी भरपाई हो जाएगी। इस समय मानसून की रफ्तार पकड़ लेगा जिससे अच्छी बारिश होगी। मौसम विभाग मानसून को लेकर अगली संभावना मई के आखिरी सप्ताह में जारी करेगा।
वैज्ञानिकों के अनुसार देश में भारी बारिश वाले दिनों की संख्या लगातार कम हो रही है। वहीं बहुत तेज बारिश वाले दिनों की संख्या बढ़ रही है यानी कम समय में बहुत अधिक बारिश का होना अब अधिक देखा जा रहा है। इसका मुख्य कारण सूखा और बाढ़ है।
भारतीय खेती पूरी तरह से मानसून पर आधारित है। ऐसे में इस बार मानसून खेती के लिए अच्छा संकेत दे रहा है। 2024 में अच्छी बारिश का होना बताया जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह बारिश खरीफ की फसल के लिए काफी अच्छी साबित हो सकती है। बता दें कि हमारे देश में खरीफ फसलों की बुवाई जून-जुलाई में बारिश के साथ शुरू हो जाती है।
मौसम विभाग से पहले निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर ने साल 2024 में मानसून सीजन को लेकर अपना पूर्वानुमान जारी किया जिसमें इस साल सामान्य मानसून रहने की बात कहीं गई है। जबकि मौसम विभाग ने सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद जताई है। स्काईमेट रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून से सितंबर के बीच भारत में सामान्य मानसून रहने की उम्मीद है। वहीं देश में 868.6 मिमी की लंबी अवधि के औसत एलपीए का 102 प्रतिशत बारिश हो सकती है। वहीं मौसम विभाग 106 प्रतिशत बारिश की होने की बात कर रहा है। ऐसे में दोनों के पूर्वानुमान लगभग कुछ हद तक समान है। यदि स्काइमेट वेदर द्वारा जारी मानसून पूर्वानुमान 2024 को देखा जाए तो उसमें बताया गया है कि जून से सिंतबर तक मध्य और पश्चिमी भागों में सामान्य से अधिक और उत्तरी और दक्षिणी भागों में सामान्य बारिश हो सकती है। इसके अलावा उत्तर पूर्व भारत और पूर्वी भागों में सामान्य से कम बारिश की संभावना जताई है। स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जैसे वर्षा आधारित क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश की उम्मीद की है। वहीं झारखंड, बिहार, प. बंगाल, ओडिशा सहित पूर्वी राज्यों में सामान्य से कम बारिश की संभावना व्यक्त की है। इसी के साथ पूर्वोत्तर भारत में सीजन की पहली छमाही में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। केरल, कर्नाटक, गोवा, कोंकण में सामान्य से अधिक बारिश होने की बात कही गई है। देश के मध्य हिस्सों में सामान्य बारिश की उम्मीद जताई है। इस तरह दोनों ही पूर्वानुमान में एक बात तो साफ है कि इस साल मानसून 2024 देश की कृषि के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है। ऐसी उम्मीद की जा सकती है।
बारिश को लेकर तय किए गए मानकों के अनुसार यदि मानसून सीजन में बारिश 90 प्रतिशत से कम होती है तो इसे कम बारिश माना जाता है। वहीं 90 से 96 प्रतिशत बारिश को सामान्य से कम बारिश कहा जाता है। इसके अलावा 96 से 104 प्रतिशत बारिश को सामान्य बारिश और 104 से 110 प्रतिशत बारिश को सामान्य से अधिक बारिश की श्रेणी में रखा जाता है। इसी प्रकार 110 प्रतिशत से अधिक बारिश को अधिक मानसूनी बारिश के रूप में माना जाता है। इस तरह मानसूनी बारिश का निर्धारण किया जाता है।
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