प्रकाशित - 12 Apr 2023
भारतीय कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है, क्योंकि भारतीय कृषि (Indian agriculture) पूर्णरूप से वर्षा पर आधारित है। यदि बारिश अच्छी होती है तो फसल उत्पादन बढ़ता है और कम बारिश होती है तो फसल उत्पादन पर भी इसका असर पड़ता है। मौसम का असर हमारी दिनचर्या पर भी पड़ता है। बाजार में उतार और चढ़ाव का गणित भी मौसम पर ही आधारित होता है। ऐसे में मानसून की खबर किसानों के लिए तो काफी महत्वपूर्ण होती ही है, साथ ही आम लोगों के लिए भी। ऐसे में हर कोई मौसम की जानकारी जानना चाहता है कि इस साल कैसा मानसून रहेगा। इस साल के मानसून को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपडेट अनुमान जारी किया है। इसके अनुसार इस साल मानसून सामान्य रहेगा। ये छठी बार है कि देश में मानसून सामान्य रहेगा। बीते पांच सालों से भारत में मानसून सामान्य मानसून की स्थिति देखी गई है। आईएमडी ने मानसून 2023 को लेकर यह पहला अनुमान जारी किया है। दूसरा अनुमान मई के अंत तक जारी किया जाएगा।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आईएमडी (IMD) द्वारा जारी मानसून को लेकर पूर्वानुमान के साथ ही निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर के पूर्वानुमान के बारें में आपको जानकारी दे रहे है, जिससे आप जान पाएंगे कि देश के किन हिस्सों में बारिश होगी और किन किस्सों में कम या सूखे जैसी स्थिति रह सकती है। तो आइए जानते हैं इस साल के मानसून के पूर्वानुमान के बारें में।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने अपडेट मानसून पूर्वानुमान (monsoon forecast) में बताया है कि इस बार देश में सामान्य मानसून (normal monsoon) रहने वाला है। इस साल देश में औसत बारिश (average rainfall) 96 प्रतिशत होने का अनुमान है। मौसम विभाग (weather department) के अनुसार मानसून के दौरान अगस्त से सितंबर में अल नीनो (al nino) का असर देखने को मिल सकता है। हालांकि इसका बहुत ज्यादा असर दिखाई नहीं देगा।
आईएमडी ने विभिन्न माडल्स के आधार पर मानसून के बारें में भविष्यवाणी की है। इसके अनुसार प्रायद्वीपीय भारत के इलाकों के साथ ही उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य बारिश होगी। वहीं पश्चिमी-मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश की संभावना है। इस साल अल नीनो का प्रभाव मानसून के उत्तरार्ध में नजर आएगा। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बारिश कम होगी। ऐसा कई बार हुआ है कि अल नीनो के दौरान सामान्य या उससे अधिक बारिश देखने को मिली है।
निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर (skymet weather) के अनुमान के बाद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) यानि आईएमडी ने उसके उलट अपना अपडेट पूर्वानुमान जारी किया है। आईएमडी के इस अपडेट अनुमान ने स्काईमेट वेदर के अनुमान को बिलकुट पलट कर रख दिया है। जैसा कि मौसम विभाग के अनुमान से एक दिन पूर्व एजेंसी स्काईमेट ने अनुमान लगाया था कि इस बार कम बारिश हो सकती है। स्काईमेट के जारी किए गए मानसून को लेकर पूर्वानुमान में बताया गया था कि इस साल मानसून में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। इस पर आईएमडी ने मानसून का अपडेट पूर्वानुमान जारी करते हुए देश में सामान्य मानसून रहने की बात कही है।
यदि बात की जाए राजस्थान की जहां बारिश की आस किसानों को बहुत होती है। राजस्थान रेतीला इलाका है और जहां पानी की कमी रहती है, ऐसे में यहां बारिश होना बहुत मायने रखती है। मानसून 2023 को राजस्थान के संदर्भ में देंखें तो आगामी सीजन में यहां 40 प्रतिशत क्षेत्र में मानसून की बारिश सामान्य से कम हो सकती है। जबकि 60 प्रतिशत हिस्से में बारिश सामान्य रहने का अनुमान जताया गया है। इस बार मौसम विज्ञानियों ने राजस्थान में कहीं भी समान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान नहीं लगाया है। बता दें कि पिछले मानसून सीजन में आई बारिश से कोटा में बाढ़ के हालत बन गए थे। पिछले साल पूरे राजस्थान में सामान्य से अधिक बारिश हुई थी।
राजस्थान में मानसून सीजन (monsoon season in rajasthan) जून से सितंबर तक का माना जाता है। इस दौरान यहां 415 एमएम औसत बारिश होती है। पिछले साल की बात करें तो साल 2022 में राजस्थान में 595.9 एमएम औसत बारिश जो सामान्य बारिश से 37 प्रतिशत ज्यादा है हुई थी। पिछले साल राजस्थान में मानसून की शुरुआत तो कमजोर हुई थी जिससे जून माह में सामान्य से 12 फीसदी कम बारिश हुई थी। लेकिन इसके बाद जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश हुई जिससे पिछली बार मानसून अच्छा निकला गया था।
यदि मौसम केंद्र (weather station) से जारी रिपोर्ट पर नजर डालें तो राजस्थान में बीकानेर संभाग के गंगानगर, हनुमानगढ़ में कम बारिश हो सकती है। वहीं जोधपुर संभाग के जोधपुर, पाली में कम बारिश का अनुमान है। इसी प्रकार जयपुर संभाग के सीकर, जयपुर, झुंझुनूं में कम बारिश देखने को मिल सकती है। इधर उदयपुर संभाग के चितौड़गढ, प्रतापगढ़, उदयपुर, बांसबाड़ा और डूंगरगढ़ बेल्ट में सामान्य से भी कम बारिश होने की आशंका है। इन संभागों के अलावा शेष हिस्सों में सामान्य बारिश होने का संभावना है।
मौसम विभाग की ओर से इस बार झारखंड में भी सामान्य बारिश होने का अनुमान जताया गया है। मौसम केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार राज्य के कुछ शहरों में सामान्य या उससे अधिक भी बारिश हो सकता है। झारखंड के संताल परगना के कुछ जिलों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। राज्य में मानसून के दौरान करीब 1200 से लेकर 1300 मिली की बारिश होती है। मौसम केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद के अनुसार झारखंड में सामान्य बारिश होने का अनुमान है। मई में जारी होने वाले दूसरे पूर्वानुमान में और सटीक आकलन हो सकेगा।
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