प्रकाशित - 14 Jul 2024
खेतीबाड़ी के काम के लिए ट्रैक्टर (Tractor) एक बहुत ही महत्वपूर्ण कृषि मशीन है। इसकी सहायता से खेती के सभी काम आसानी से किए जा सकते हैं। ट्रैक्टर का उपयोग बुवाई से लेकर कटाई तक और इसके बाद मंडी में फसल बेचने के लिए ले जाने में किया जाता है। ट्रैक्टर की उपयोगिता को देखते हुए आज हर किसान चाहता है कि उसके पास ट्रैक्टर हो जिससे वह खेती के काम कम समय में आसानी से कर सकें।
आपने अक्सर देखा होगा कि किसान खेत में ट्रैक्टर को चलाते समय ट्रैक्टर के पीछे वाले टायरों में पानी भरते है। ऐसा क्यों किया जाता है, किसान ट्रैक्टर के टायर में पानी क्यों भरते हैं। अक्सर यह प्रश्न हमारे दिमाग में आता है कि ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरने के पीछे क्या विज्ञान काम करता है। आज हम इसी विषय को लेकर इसके पीछे के कारण को समझने की कोशिश करते हैं।
ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरने की प्रक्रिया को बैलैस्टिंग ऑफ टायर्स कहा जाता है। इस प्रक्रिया के तहत ट्रैक्टर के टायरों में करीब 60 से 80 प्रतिशत तक पानी भरा जाता है। ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरने का प्रमुख कारण ट्रैक्टर का वजन बढ़ाना होता है। जब ट्रैक्टर के टायर में पानी भरा जाता है तो ट्रैक्टर का वजन बढ़ जाता है जिससे उसके पहियों की जमीन पर पकड़ मजबूत हो जाती है। अधिकतर अधिक फिसलन वाले खेत में या जगह पर ट्रैक्टर का उपयोग करने पर ऐसा किया जाता है ताकि भूमि से ट्रैक्टर के पहियों की पकड़ बनी रहे और फिसलन भी कम हो। इस तकनीक का उपयोग खेत जोतने या भारी उपकरणों को उठाने जैसे कामों को करते समय किया जाता है।
एग्रीकल्चरल ट्रैक्टर (Agricultural Tractor) में वॉल्व एयर और वाटर टाइप के होते हैं। जब ट्रैक्टर के टायर में पानी भरा जाता है तो टायर में मौजूद हवा दूसरे वाल्व से बाहर निकल जाती है। जिससे ट्रैक्टर भारी हो जाता है और फिसलन भरे खेत में भी आसानी से मजबूत पकड़ के साथ चल सकता है।
ट्रैक्टर को कभी-कभी पानी भरे खेत या फिसलन भरी जगह पर चलाना पड़ता है। ऐसे में हवा भरे टायर हल्के होने के कारण जमीन पर फिसलने लग जाते हैं या फिर एक ही जगह पर घूमने लग जाते हैं जिससे ट्रैक्टर चलाना बहुत कठिनाई भरा हो जाता है। ऐसे में ट्रैक्टर के टायरों को भारी करने के लिए इनमें पानी भरा जाता है ताकि वे जमीन से मजबूत पकड़ बना कर फिसलन भरे खेत में भी आसानी से चल सकें।
वॉटर बैलेस्टिंग या टायर में पानी भरने के पीछे का विज्ञान यह है कि जब ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरा जाता है तो उसके वजन में बढ़ोतरी होती है जिससे कर्षण (ट्रैक्शन) में बढ़ोतरी होती है। कर्षण का सीधा संबंध घर्षण से होता है, जबकि घर्षण भार पर निर्भर करता है। यही कारण है कि ट्रैक्टर में पानी भरने पर ट्रैक्टर भारी होने के साथ जमीन से अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखता है जिससे अधिक फिसलन होने पर भी ट्रैक्टर आसानी से चल पाता है।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों जॉन डियर ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
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