महिंद्रा एआई-आधारित गन्ना कटाई कार्यक्रम का महाराष्ट्र से शुभारंभ

Share Product प्रकाशित - 05 Sep 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

महिंद्रा एआई-आधारित गन्ना कटाई कार्यक्रम का महाराष्ट्र से शुभारंभ

जानें, एआई तकनीक से किसानों क्या होगा लाभ

देश और दुनिया की नंबर 1 ट्रैक्टर निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एआई- आधारित गन्ना तकनीक का महाराष्ट्र से शुभारंभ कर दिया है। इसी के साथ महिंद्रा एंड महिंद्रा देश की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जो इस तकनीक को पेश कर रही है। इसने अहमदनगर, महाराष्ट्र में सहकार महर्षि शंकरराव कोल्हे एसएसके लिमिटेड (पूर्व में संजीवनी शुगर्स) को यह सुविधा उपलब्ध कराई है।

2024 पेराई सत्र के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य समय पर कटाई के लिए चीनी सामग्री के आकलन की सटीकता में सुधार करना है। महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश तमिलनाडु और हरियाणा में एक लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में तैनात एआई-आधारित प्रौद्योगिकी, उपज और चीनी उत्पादन में वृद्धि करने के लिए सबसे अनुकूल कटाई के समय के बारे में जानकारी प्रदान करती है।

खेती लिए फायदेमंद है एआई तकनीक

एआई तकनीक के विकास के बारे में महिंद्रा एंड महिंद्रा के फार्म इक्विमेंट सेक्टर के अध्यक्ष श्री हेमंत सिक्का ने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस एप्लिकेशन कृषि के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं ओर कई लाभ दे सकते हैं। ऐसा ही एक एप्लिकेशन चीनी उद्योग के लिए हमारा गन्ना विश्लेषण उपकरण है, जो कृषि में सबसे संस्थागत क्षेत्रों में से एक है। गन्ने की खेती के तहत कृषि भूमि पर एआई तकनीक की इस्तेमाल, गन्ना उत्पादन में बेहतर परिणाम दे सकता है। इस टेक्नोलॉजी के जरिये हमारा लक्ष्य खेती के तरीके को बदलना है और एसएसके के साथ साझेदारी करके हमें खुशी हो रही है।

एआई तकनीक से किसानों को होगा लाभ

कोल्हे शुगर फैक्ट्री के अध्यक्ष श्री विवेक कोल्हे ने टेक्नोलॉजी के प्रभाव पर कहा कि हमारी मिल एआई आधारित कटाई सोल्यूशन लागू करने वाली भारत की पहली मिल है। तीन साल पहले 3,000 एकड़ से अधिक भूमि पर एक पायलट परियोजना लागू की थी, इसके परिणामस्वरूप काफी लाभ हुआ और शुगर रिकवरी में भी सुधार हुआ। उन प्राप्त परिणामों के आधर पर, हमने इस साल महिंद्रा के साथ फिर से हस्ताक्षर करने और हमारे पूरे जलग्रहण क्षेत्र में समाधान लागू करने का निर्णय लिया है। इस एआई तकनीक में लंबी अवधि में भारत की चीनी मिलों ओर भारतीय किसानों को लाभ पहुंचाने की क्षमता है।

एआई तकनीक से मिलेगी यह जानकारी

गन्ने की फसल में मौजूद चीनी की मात्रा को सटीक रूप से निर्धारित करने के लिए महिंद्रा स्पेक्ट्रोमेट्री और सैटेलाइट इमेजिंग के साथ परिष्कृत सटीक कृषि विधियों का उपयोग करता है। एआई एल्गोरिदम परिपक्वता चरणों की पहचान करने और निर्धारित करने के लिए फसल की पत्तियों के प्रकाश संश्लेषक घटकों का विश्लेषण करता है और गणना करता है कि अधिकतम चीनी उपज और किसान को लाभ के लिए कटाई कब सबसे अच्छी है। बता दें कि गन्ना की कटाई में क्रांति लाने के लक्ष्य के साथ महिंद्रा ने चार साल से अधिक समय तक विभिन्न गन्ना मिलों के साथ काम किया है और भारत एआई आधारित कटाई का उपयोग करने वाली पहली कंपनी है।

चीनी उत्पादन में भारत का स्थान

चीनी उत्पादन में भारत का विश्व भर में पहला स्थान है। भारत ने 2023 और 2024 में करीब 34 मिलियन मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया। यह न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आजीविका का साधन है, बल्कि चीनी मिलों में करीब हजारों, लाखों श्रमिकों को रोजगार प्रदान है। बता दें कि गन्ना भारत की एक प्रमुख नकदी फसल है। इसे देश के कई राज्यों में उगाया जाता है और राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) में महत्वपूर्ण योगदान है। यह भोजन, फाइबर, चारा, ईंधन और रसायनों का एक प्रमुख स्त्रोत है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा के बारे में

महिंद्रा एंड महिंद्रा की स्थापना 1945 में हुई थी। यह समूह 100 से अधिक देशों में 2,60,000 कर्मचारियों के साथ कंपनियों के सबसे बड़े और सबसे प्रशंसित संघों में से एक है। यह भारत में कृषि उपकरण, उपयोगिता वाहन, सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवाओं में अग्रणी स्थान रखता है और मात्रा के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी है। अक्षय ऊर्जा, कृषि, रसद, आतिथ्य और रियल एस्टेट में इसकी मजबूत उपस्थिति है। महिंद्रा समूह का वैश्विक स्तर पर ईएसजी का नेतृत्व करने, ग्रामीण समृद्धि को सक्षम करने और शहरी जीवन को बेहतर बनाने पर स्पष्ट ध्यान है, जिसका लक्ष्य समुदायों और हितधारकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है ताकि वे आगे बढ़ सकें।

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