प्रकाशित - 26 Nov 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
खेती के कामों के लिए ट्रैक्टर (Tractor) सबसे महत्वपूर्ण कृषि मशीन है। इससे खेती के सभी प्रकार के काम आसानी से पूरे किए जा सकते हैं। ट्रैक्टर के साथ कई प्रकार के कृषि यंत्र जैसे- रोटावेटर (Rotavator), कल्टीवेटर (Cultivator), सुपर सीडर (Super Seeder), हैप्पी सीडर (Happy Seeder) आदि को जोड़कर चलाया जाता है जिससे खेती के काम समय और मेहनत में पूरे हो जाते हैं।
आज हर किसान चाहता है कि उसके पास ट्रैक्टर (Tractor) हो ताकि उसके खेती के काम कम समय और श्रम में पूरे हो सके, लेकिन डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण खेती की लागत में भी बढ़ोतरी होने से किसान अक्सर चिंतित रहते हैं। किसानों की इस समस्या के समाधान के लिए आज हम उनके लिए लेकर आए हैं ऐसे चार तरीके जिन्हें अपनाकर वे अपने ट्रैक्टर में लगने वाले डीजल में बचत (Saving on Diesel) कर सकते है, तो आइये जानते हैं, कौनसे है ये चार तरीके और इन्हें अपनाकर कैसे की जा सकती है डीजल की बचत-
यदि खेत में ट्रैक्टर को चौड़ाई की जगह लंबाई में चलाया जाए तो इससे ट्रैक्टर को खेत के किनारों पर घूमने में कम समय लगता है। इससे ट्रैक्टर में लगने वाले डीजल में कमी होती है। डीजल इंजनों को उतने ही चक्करों में चलाना चाहिए जितनी आवश्यकता हो। इन्हें अधिक चक्करों में चलाने से डीजल की खपत अधिक होती है जिससे डीजल का खर्च बढ़ जाता है। इस तरह ट्रैक्टर को लंबाई में चलाने से डीजल की बचत की जा सकती है।
यदि इंजन चालू करने पर यदि वह शोर करता है तो इससे यह समझना चाहिए कि इंजन में हवा का आवागमन ठीक से नहीं हो रहा है। यदि इंजन में हवा कम जा रही होती है तो इसके कारण डीजल की खपत अधिक हो जाती है। यदि ऐसी कोई स्थिति होती है तो आपको अपने ट्रैक्टर के इंजन को एक बार फिर से शुरू करना चाहिए। इसी के साथ ही कंपनी की ओर से ट्रैक्टर और इंजन के साथ दी गई पुस्तिका में दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
यदि इंजन से काला धुआं निकल रहा है, तो इसका सीधा मतलब है कि डीजल अधिक खर्च हो रहा है। यदि ऐसा है तो आपको अपने इंजेक्टर और इंजेक्सन पंप की जांच करनी चाहिए। यदि इसके बाद भी काला धुआं लगातार निकल रहा है तो समझना चाहिए कि इंजन पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है जिससे यह काला धुआं दे रहा है। ऐसे में आपको चाहिए कि ट्रैक्टर पर उसकी बोझ उठाने की दी गई क्षमता से अधिक वजन नहीं रखना चाहिए जिससे इंजन काला धुआं नहीं दे पाए। ऐसा करने से ट्रैक्टर की कार्यक्षमता बनी रहेगी और इसके साथ ही डीजल की बचत भी होगी।
यदि आपके ट्रैक्टर के इंजन का मोबिल ऑयल अधिक पुराना हो गया है तो उसे बदलना चाहिए, क्योंकि अधिक समय तक इंजन का मोबिल ऑयल नहीं बदलने पर उसकी पावर कम हो जाती है। इससे डीजल का खर्च भी बढ़ जाता है। ऐसे में आवश्यक है कि निश्चित समय अवधि में इंजन का मोबिल ऑयल और फिल्टर को बदला जाना चाहिए। इससे ट्रैक्टर की पावर क्षमता बनी रहेगी और डीजल भी कम खर्च होगा।
किसान को डीजल की बचत के लिए उपरोक्त बातों का ध्यान रखने के अलावा उसके रखरखाव पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे ट्रैक्टर की कंडीशन को अधिक समय तक बेहतर रखा जा सकता है। ट्रैक्टर के रखरखाव से संबंधित आवश्यक बातें इस प्रकार से हैं-
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