टॉप 130+ कृषि प्रश्न उत्तर - खेती से जुड़े किसानों के सवालों के जवाब

Share Product प्रकाशित - 19 Jan 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

टॉप 130+ कृषि प्रश्न उत्तर - खेती से जुड़े किसानों के सवालों के जवाब

देश का किसान नई तकनीक अपनाकर आगे बढ़ रहा है। किसी भी तकनीक को अपनाने से पहले उसकी जानकारी होना आवश्यक है। ऐसे ही भारतीय किसानों को खेती से जुड़ी नई और लाभकारी जानकारी देने के लिए ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आगे रहा है। खेती में नई तकनीक, नए ट्रैक्टर व कृषि उपकरण, नए बीज, नई किस्म आदि का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है। 

हैलो किसान : ट्रैक्टर जंक्शन पर मिलेगा आपके सवालों का सही जवाब

किसान भी खेती के तरीकों को बदलना चाहते हैं, लेकिन सही जानकारी के अभाव में भटक रहे हैं। ट्रैक्टर जंक्शन ने हमेशा किसानों के मन की बात को समझा है। अब ट्रैक्टर जंक्शन किसानों के सवाल-ट्रैक्टर जंक्शन के जवाब नाम से एक पेज बनाया गया है। इस कृषि प्रश्नोत्तरी में आपको खेती-बाड़ी, ट्रैक्टर, कृषि उपकरण व सरकारी योजनाओं से संबंधी सभी जानकारी मिलेगी। आईए जानते हैं खेती से जुड़े कुछ बेसिक सवाल, जिनके जवाब हर किसान के पास होने चाहिए।

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कृषि और कृषि उपकरण के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न.1 ट्रैक्टर में PTO HP का उपयोग क्या है?

उत्तर : किसान का ट्रैक्टर खरीदते समय हॉर्स पावर (एचपी) के साथ-साथ पीटीओ एचपी का ध्यान रखना चाहिए। पीटीओ एचपी से जोड़कर ही अधिकांश कृषि उपकरण चलाए जाते हैं। ट्रैक्टर स्टार्ट करने पर ट्रैक्टर का इंजन पॉवर जनरेट करता है जो अलग-अलग हिस्सों में बंट जाती है, जैसे रडिएटर चलाने में, अल्टरनेटर चलाने में, गियर बॉक्स चलाने में। इसके बाद बची हुई पॉवर को पीटीओ एचपी के रूप में जाना जाता है जो कृषि उपकरण चलाने में काम आती है।

प्रश्न.2 ट्रैक्टर में एचपी का क्या मतलब होता है?

उत्तर : एक ट्रैक्टर के विभिन्न कार्यों को संचालित करने के लिए इंजन में पैदा होने वाली शक्ति को हॉर्स पावर या इंजन हॉर्स पावर कहते है।

प्रश्न.3 ट्रैक्टर में RPM क्या करता है?

उत्तर : RPM का मतलब ट्रैक्टर इंजन की प्रति मिनट की गति है। 1300 से 1500 RPM वाले ट्रैक्टर खेत में निरंतर गति से कार्य करने और ईंधन दक्षता बनाए रखने में मदद करने के लिए उपयुक्त है।

प्रश्न.4 कृषि में कितने प्रकार के ट्रैक्टर का उपयोग किया जाता है?

उत्तर. खेती में मिनी ट्रैक्टर, यूटिलिटी ट्रैक्टर, एसी केबिन ट्रैक्टर, रॉ क्रॉप ट्रैक्टर, आर्चर्ड ट्रैक्टर, गार्डन ट्रैक्टर आदि का उपयोग होता है जो 2 व्हील ड्राइव और 4 व्हील ड्राइव वेरिएंट में आते हैं। 

प्रश्न.5 ट्रैक्टर के पिछले टायर इतने बड़े क्यों होते हैं?

उत्तर : अधिकांश पुराने 2WD ट्रैक्टरों में आगे छोटे पहिए होते हैं और पीछे बड़े पहिए होते हैं। बड़े टायरों की तुलना में छोटे टायरों को चलाना बहुत आसान होता है, यही मुख्य कारण है कि छोटे टायर सामने की तरफ होते हैं। ट्रैक्टर से जो भी भार जुड़ा होता है उसे खींचने और ट्रैक्टर के वजन को बेहतर ढंग से वितरित करने के लिए आवश्यक टॉर्क उत्पन्न करने के लिए ट्रैक्टर में बड़े पहियों का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न.6 कौनसा ट्रैक्टर सबसे अच्छा और शक्तिशाली है?

उत्तर : भारत में महिंद्रा नोवो 755 डीआई, जॉन डियर 6110 B 4 WD आदि ट्रैक्टर सर्वश्रेष्ठ और शक्तिशाली ट्रैक्टरों में प्रमुख है।

प्रश्न.7 ट्रैक्टर में टॉर्क कितना होता है?

उत्तर : ट्रैक्टर टॉर्क उस भार को परिभाषित करता है जो एक ट्रैक्टर अपने अधिकतम इंजन RPM पर कार्य करते समय जनरेट कर सकता है, जो ट्रैक्टर की प्रमुख क्षमताओं को दर्शाता है।

प्रश्न.8 भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला ट्रैक्टर कौनसा है?

उत्तर : भारत में 2 WD ट्रैक्टर में, महिंद्रा 275 DI सबसे ज्यादा बिकने वाला ट्रैक्टर है। 4 WD ट्रैक्टर में, महिंद्रा अर्जुन नोवो 605 किसानों के बीच सबसे लोकप्रिय ट्रैक्टर है।

प्रश्न.9 ट्रैक्टर इंजन में CC क्या है?

उत्तर : CC का अर्थ है क्यूबिक सेंटीमीटर जो इंजन के विस्थापन या इंजन के आयतन को मापता है यानी सभी सिलेंडरों के आयतन का योग क्यूबिक सेंटीमीटर कहलाता हैं। इसे क्यूबिक कैपिसिटी भी कहा जाता है। 

प्रश्न.10 आप ट्रैक्टर का रखरखाव कैसे कर सकते हैं?

उत्तर : ट्रैक्टर का नियमित रूप से सही तरीके से रखरखाव करना चाहिए। रिडएट फ्लूइड लेवल, टायर में हवा, एयर फिल्टर, पिस्टन आदि की समय-समय पर जांच करनी चाहिए। फ्यूल लाइन में एयर आने पर उसे निकालना चाहिए। फ्यूल फिल्टर के एलीमेंट जैसे प्राइमरी फ्यूल फिल्टर और सेकेंडरी फ्यूल फिल्टर को समय-समय पर बदलना चाहिए। समय-समय पर ऑयल का लेवल नापना चाहिए। 40 नंबर ग्रेड का ऑयल काम में लेना चाहिए। बैटरी का पानी समय-समय पर बदलना चाहिए।

प्रश्न.11 सरसों की फसल में लगने वाले कीटों के लिए क्या करें?

उत्तर. सरसों की फसल को कीटों से बचाने के लिए समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का उपयोग करना चाहिए। खेतों में पानी की पर्याप्त मात्रा रखनी चाहिए जिससे विभिन्न प्रकार के कीटों का सफाया हो सके।

प्रश्न.12 मिनी और यूटिलिटी ट्रैक्टर में क्या अंतर है?

उत्तर. मिनी ट्रैक्टर साइज में छोटे होते हैं, जो छोटे पैमाने पर खेती और भूमि की कटाई के कार्यों के लिए आदर्श होते हैं। ये ट्रैक्टर 11.1 एचपी -36 एचपी में आते हैं। यूटिलिटी ट्रैक्टर साइज में बड़े होते हैं और 40 एचपी से 100+ एचपी में आते हैं। बड़े कृषि कार्यों में काम आते हैं। सभी प्रकार के उपकरण आसानी से चला सकते हैं।

प्रश्न.13 भारत में पुराना ट्रैक्टर खरीदने का सबसे आसान तरीका क्या है?

उत्तर. आप ट्रैक्टर जंक्शन पर पूरी जानकारी के साथ भारत में सबसे अच्छा पुराना ट्रैक्टर खरीद सकते हैं।

प्रश्न.14 पुराना ट्रैक्टर खरीदने से पहले क्या जांच करनी चाहिए?

उत्तर. पुराना ट्रैक्टर को खरीदने से पहले इंजन, टायर, ग्रीसिंग, क्लच की जांच करनी चाहिए।  

प्रश्न.15 ट्रैक्टर की डिस्प्लेसमेंट कैपेसिटी और सीसी में क्या अंतर है?

उत्तर. दोनों में कोई अंतर नहीं है, क्योंकि सीसी ट्रैक्टरों के इंजन डिस्प्लेसमेंट की इकाई है।

प्रश्न.16 देश के किस राज्य में खेतीहर मजदूर को सबसे ज्यादा और किस राज्य में सबसे कम दिहाड़ी मजदूरी मिलती है?

उत्तर. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार केरल में सबसे ज्यादा 726.8 रुपये और मध्यप्रदेश में सबसे कम 217.8 रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी मजदूरी मिलती है।

प्रश्न.17 क्या किसान भाई 15 नवंबर के बाद गेहूं की बुवाई कर सकते हैं?

उत्तर. गेहूं की बुवाई का उचित समय 15 अक्टूबर से 25 नवंबर तक सबसे अच्छा माना गया है। गेहूं की कई किस्मों की बुवाई 15 दिसंबर तक की जा सकती है।

प्रश्न.18 गेहूं की सबसे प्रमुख 5 किस्में कौन-कौनसी है?

उत्तर. करण नरेंद्र, करण वंदना, एच. डब्ल्य.- 2045, राजलक्ष्मी, के 8027

प्रश्न.19 पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की संख्या कितनी है?

उत्तर. नवंबर 2022 में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की संख्या 10 करोड़ से अधिक है।

प्रश्न.20 पीएम किसान सम्मान निधि योजना कब शुरू हुई और उस समय कितने लाभार्थी योजना से जुड़े थे?

उत्तर. पीएम किसान योजना की घोषणा फरवरी 2019 में शुरू हुई थी, उस समय योजना से 3.16 करोड़ लाभार्थी जुड़े थे।

प्रश्न.21 ट्रैक्टर में थ्री पाइंट लिंकेज क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर. ट्रैक्टर में थ्री-पॉइंट हिच कृषि उपकरणों को संभालता है, जो खेती के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रश्न.22 अब किस राज्य के किसानों को बिजली का बिल जमा नहीं कराना होगा?

उत्तर. महाराष्ट्र में सितंबर और अक्टूबर महीने में भारी बारिश की वजह से कपास, सोयाबीन और मक्का सहित कई तरह की फसलों का भारी नुकसान हुआ था। अब राज्य सरकार ने पीड़ित किसानों का बिजली बिल माफ कर दिया है।

प्रश्न.23 सरसों की खेती में कब सिंचाई करनी चाहिए?

उत्तर.  सरसों की सभी वैरायटी में सिंचाई की कम आवश्यकता होती है। पहली सिंचाई बुवाई के 25-30 दिन बाद शाखा बनने और फूल लगने पर करनी चाहिए। दूसरी सिंचाई फली बनने की अवस्था में करनी चाहिए।

प्रश्न.24 सोयाबीन की कीमतों में तेजी की क्या संभावना है?

उत्तर. मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार स्टॉकिस्टों की लिवाली शुरू होने पर सोयाबीन में तेजी की धारणा बनेगी।

प्रश्न.25 पीएम जनधन खाता धारकों को 10 हजार रुपए का लाभ कैसे मिल सकता है?

उत्तर. जनधन खाते पर केंद्र सरकार की ओर से 10 हजार रुपए के ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है। जिसका फायदा खाता धारक उठा सकते हैं।

प्रश्न.26 किस आयुवर्ग के जनधन खाता धारकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलती है?

उत्तर. 18 से 60 आयु वर्ग के किसानों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलती है।

प्रश्न.27 रबी फसलों का बीमा कब तक कराया जा सकता है?‌

उत्तर. रबी फसलों का बीमा सामान्यत: 31 दिसंबर तक कराया जा सकता है, लेकिन राज्य सरकार अपने प्रदेश के हिसाब से तिथि में बदलाव करती रहती है। किसान को अपने राज्य के निर्देश देखने चाहिए।

प्रश्न.28 रबी सीजन की कौन-कौनसी फसलों का बीमा होता है?

उत्तर. गेहूं, सरसों, जौ, तारामीरा, चना, जीरा सहित अन्य फसलों का बीमा कराया जा सकता है।

प्रश्न.29 वर्तमान में सोयाबीन के क्या भाव है और कीमतों में गिरावट के पीछे क्या कारण है?

उत्तर. दिसंबर 2022 के महीने में सोयाबीन के भाव 4600 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। कीमतों में कमी के पीछे बड़ा कारण देश में अन्य तिलहनों की बेहतर बुवाई है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोर मांग है।

प्रश्न.30 सरसों की फसल में कौन-कौन से रोग लगने की संभावना रहती है?

उत्तर. कड़ाके की सर्दी में सरसों की फसल में कई रोग लग जाते हैं, जिनमें अल्टरनेरिया झुलसा, मृदुरोमिल आसिता, सफेद गेरुई रोग प्रमुख है।

प्रश्न.31 देश में रबी सीजन 2022 में कितने रकबे में गेहूं की बुवाई हुई है?

उत्तर. देश में गेहूं की बुवाई का रकबा 2.11 करोड़ हेक्टेयर से अधिक पहुंच गया है। अभी गेहूं की बुवाई का दौर 15 दिसंबर तक चलेगा।

प्रश्न.32 देश के किस राज्य में गेहूं की सबसे ज्यादा बुवाई हुई है?

उत्तर. गेहूं की सबसे ज्यादा बुवाई मध्यप्रदेश में 66.29 लाख हेक्टेयर भूमि पर हुई है।

प्रश्न.33 देश में पराली जलाने की घटनाएं किन राज्यों में अधिक होती है?

उत्तर. पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली व राजस्थान में। इसके अलावा एनसीआर में शामिल जिलों में भी पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा होती हैं।

प्रश्न.34 क्या पराली जलाने की घटनाएं कम हो रही है?

उत्तर. सरकार के प्रयासों से पराली जलाने की घटनाओं में करीब 31 प्रतिशत की कमी आई है। इसके लिए केंद्र सरकार 5 साल के दौरान करीब 3062 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।

प्रश्न.35 फसल बीमा योजना 2022 में नया अपडेट क्या है‌‌?

उत्तर. झारखंड में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को बीमा क्लेम दिया जाएगा। बीमा कंपनियां किसानों के लंबित दावे 811 करोड़ की राशि का भुगतान करेगी।

प्रश्न.36 किन किसानों को पीएम फसल बीमा योजना में क्लेम मिलेगा?

उत्तर. झारखंड के किसान जो पीएम फसल बीमा योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं तथा जिनका 2017-18 से 2020 तक का क्लेम सेटलमेंट नहीं हुआ है, उन किसानों को जल्द ही क्लैम का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

प्रश्न.37 4 व्हील ड्राइव वेरिएंट में टॉप 10 ट्रैक्टर कौन-कौन से हैं?

उत्तर. महिंद्रा जीवो 245 डीआई, महिंद्रा जीवो 365 डीआई, पॉवरट्रैक यूरो 45 प्लस, स्वराज 855 एफई,  जॉन डियर 5310, मैसी फर्ग्यूसन 6028, कुबोटा नियोस्टार B2741S,  आयशर 557 4wd प्राइमा जी 3, सोनालिका जीटी 22 और न्यू हॉलैंड 5500 टर्बो सुपर हैं।

प्रश्न.38 भारत में उपरोक्त टॉप 10 4व्हील ड्राइव ट्रैक्टर किस प्राइस रेंज में उपलब्ध है?

उत्तर. 4 डब्ल्यूडी ट्रैक्टर 3.60 लाख रुपए से लेकर 11.50 लाख रुपए तक की कीमत में उपलब्ध है।

प्रश्न.39 दिसंबर के महीने में कौनसी फसल बोनी चाहिए जिससे अधिक फायदा हो सके?

उत्तर. दिसंबर के महीने में टमाटर, काली सरसों के बीज, मूली, पालक, पत्ता गोभी, सलाद, बैंगन, प्याज की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

प्रश्न.40 टमाटर की उन्नत किस्में कौन-कौन सी हैं?

उत्तर. टमाटर की किस्मों में पूसा शीतल, पूसा-120, पूसा रूबी, पूसा गौरव, अर्का विकास, अर्का सौरभ और सोनाली प्रमुख हैं। जबकि इसकी हाइब्रिड किस्में में पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाईब्रिड-4, रश्मि और अविनाश-2 आदि अच्छा उत्पादन देने वाली मानी जाती हैं।

प्रश्न.41 सरसों की फसल में कौन सी खाद डालनी चाहिए?

उत्तर. सरसों की फसल की अच्छी पैदावार के लिए खेत में सल्फर का उपयोग करना चाहिए। सल्फर सरसों की फसल में पैदावार व दाने पर असर डालता है।

प्रश्न.42 डिजिटलीकरण का भारतीय कृषि में क्या महत्व है?

उत्तर.  डिजिटलीकरण ने भारतीय कृषि क्षेत्र पर भी सक्रिय प्रभाव पड़ा है। यही कारण है कि भारत के कृषि क्षेत्र में कई डिजिटल पदचिन्हों को देखा जा सकता है। कृषि क्षेत्र में कई तकनीकी नवाचारों को सफलतापूर्वक लागू किया गया है और कई चीजों के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र से जुड़े लोग बड़ी उम्मीदों के कारण इस पर जोर दे रहे हैं। कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण की शुरुआत से किसानों और उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा कर सकती है। जैसै 

  • ड्रोन द्वारा खेतों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना
  • सोशल मीडिया पर किसानों की समस्याओं का हल
  • खेतों में उपलब्ध जैविक पोषण तत्वों की जांच
  • ई चौपाल जैसी सेवाएं उपलब्ध होना
  • किसान क्रेडिट कार्ड आदि।

प्रश्न.43 न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या है?

उत्तर. सरकार द्वारा फसलों की बुआई से पहले फसल विशेष की न्यूतनम कीमत तय की जाती है, जिससे किसानों को उनकी फसलों काे एक निर्धारित मूल्य पर बेचने का अधिकार मिलता है। इसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कहते हैं।

प्रश्न.44 रबी फसलों के लिए निर्धारित एमएसपी क्या है?

उत्तर. कैबिनेट की मंत्रिमंडलीय समिति बैठक में 2023-24 के लिए 6 रबी फसलों का एमएसपी में बढ़ोत्तरी प्रति क्विंटल तय की गई है, जिसमें गेहूं 110 रुपये, जौ 100 रुपये, चना 105 रुपये, मसूर 500 रुपये, सरसों 400 रुपये शामिल हैं। कुसुम के लिए 209 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी गई है।

प्रश्न.45 फसल की सिंचाई कब करें?

उत्तर. सिंचाई कब करें यह मिट्टी की स्थिति और मौसम पर निर्भर करता है। जिसका फसल के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अच्छी वृद्धि के लिए फसलों को बार-बार सिंचाई की आवश्यकता होती है। फसलों को पानी देने का सही समय फसल और क्षेत्र की मिट्टी पर निर्भर करता है।

प्रश्न.46 फसलों की सिंचाई करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर. सिंचाई के समय फसल के प्रकार, मिट्‌टी में जल का स्तर, फसल की अवस्था, स्थानीय जलवायु आदि को ध्यान में रखना चाहिए। मिट्टी में जल की जांच करके ही अगली सिंचाई करना चाहिए।

प्रश्न.47 सर्दी के मौसम में पशुओं के दूध की मात्रा में कैसे वृद्धि कर सकते हैं?

उत्तर. सर्दी के मौसम में पशुओं में अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा खुराक देनी चाहिए। तुड़ा या पैडी खाने से पशुओं को ज्यादा ऊर्जा मिलती है इसलिए यह सर्दियों में पशुओं को भरपेट देना चाहिए। बरसीम जई हर चारे के रूप में दी जा सकती है। इसे सूखे तुड़े में चौथे हिस्से लेकर आधा हिस्से तक मिला सकते हैं। प्रतिदिन बिनोला और 100 ग्राम गुड भी खिलाना चाहिए।

प्रश्न.48 पशुओं का बिनोला कैसे बनाना चाहिए और दिन मे कितनी बार देना चाहिए?

उत्तर. पशुओं को हमेशा बिनोला खिलाना चाहिए। गेहूं का दलिया, खल, चना, ग्वार आदि का बिनोला अच्छा माना जाता है। बिनोले को रात को पानी में भिगोकर रखना चाहिए। सुबह इस पानी को फेंक देना चाहिए और ताजा पानी में उबालकर पशुओं को दिन में दो बार खिलाना चाहिए।

प्रश्न.49 गेहूं के एक एकड़ खेत में कितना पोटाश डालना चाहिए?

उत्तर. पोटाश का उपयोग गेहूं की फसल में दो बार किया जाता है। जो गेहूं की पैदावार पर काफी प्रभाव डालता है। बता दें कि गेहूं की बुआई से पहले 25 किलो पोटाश प्रति एकड़ में मिलना जरूरी होता है। यह स्थानीय जलवायु व मिट्टी पर निर्भर करता है। दूसरी बार जब गेहूं में बालियां आना शुरू हो जाए।

प्रश्न.50  गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए कौन सी खाद डालें?

उत्तर. गेहूं की बेहतर पैदावार के लिए उर्वरकों का प्रयोग मृदा परीक्षण के बाद करनी चाहिए। सामान्यत: खरीफ की फसल के बाद 150 किग्रा नाइट्रोजन, 60 किग्रा फास्फोरस एवं 40 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर तथा बाद में बुआई के लिए 80 किग्रा नाइट्रोजन  60 किग्रा फास्फोरस एवं 40 किग्रा पोटाश का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न.51  कीटनाशक दवाओं से फसलों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर. विशेषज्ञों के अनुसार कीटनाशक दवाएं फसलों के पोषक तत्वों पर प्रभाव डालता है। इसके साथ ही यह मिट्टी की जैविकता को भी नष्ट करता है। 

प्रश्न.52 चने की बुआई का उचित समय क्या है?

उत्तर. चने की बुआई का उचित समय मध्य अक्टूबर से नवंबर माह के पहले सप्ताह तक होता है।

प्रश्न.53 गेहूं की फसल में पीलापन के लक्षण आने पर क्या करना चाहिए?

उत्तर. पानी की मात्रा ज्यादा होने पर गेहूं की फसल पीला होने लगती है। ऐसी स्थिति में किसान भाइयों को अपने खेतों से आवश्यकता से अधिक जल निकाल देना चाहिए।

प्रश्न.54 कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण क्या है?

उत्तर. कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण को कृषि-प्रौद्योगिकी के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो आधुनिक तकनीकों जैसे इंटरनेट, क्लाउड कंप्यूटिंग और अन्य तकनीक की मदद से किसानों की सहायता करती है और अच्छा परिणाम प्रदान करती है।

प्रश्न.55 रबी की फसलों की बुआई कब से कब तक होती है?

उत्तर. रबी की फसलों की बुआई का मध्य अक्टूबर से शुरू होकर मध्य नवंबर तक होती है। दरअसल रबी की फसलों को बुआई के समय ठंडी वातावरण व पकने के समय गर्मी की आवश्यकता होती है।

प्रश्न.56 जायद की फसल कौन सी है?

उत्तर. रबी की फसलों की कटाई के बाद बोई जाने वाली फसलें जायद की फसल कहलाती है। इनमें मुख्यत: इन फसलों में¨तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, लौकी, तोरई, भिंडी, अरबी शामिल हैं।

प्रश्न.57 गेहूं की फसल पर वर्षा का क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर. अत्यधिक वर्षा के कारण खेत में खड़ी गेहूं की फसल के खराब होने की संभावना रहती है। बारिश और हवा के कारण गेहूं की फसल खेत में गिरने से गेहूं के दाने काले पड़ जाते हैं, क्वालिटी घट जाती है और कम पैदावार होती है।

प्रश्न.58 गेहूं के लिए कितनी बारिश की जरूरत है?

उत्तर. गेहूं की फसल के लिए सर्दियों में 15 डिग्री से 18 डिग्री सेल्सियस और गर्मियों में 21 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान बेहतर रहता है। यह 75 सेमी वर्षा में अच्छी तरह से बढ़ता है।

प्रश्न.59 यदि मानसून के दौरान गेहूं बोया जाए तो क्या होगा?

उत्तर. यदि गेहूं को मानसून या खरीफ के मौसम में उगाया जाता है तो वह अंकुरित नहीं होता है क्योंकि उसे उगाने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। मानसून के दौरान भारी वर्षा बीजों को नष्ट कर देती है।

प्रश्न.60 मानसून में उगाई जाने वाली फसल को क्या कहते हैं?

उत्तर. मानसून के दौरान अर्थात जून से सितंबर तक उगाई जाने वाली फसलें खरीफ फसलें कहलाती हैं। उन्हें वर्षा की फसलें भी कहा जाता है।

प्रश्न.61 मानसून की शुरुआत में बोई जाने वाली फसल का क्या नाम है?

उत्तर. खरीफ फसलें देश के विभिन्न भागों में मानसून की शुरुआत के बाद उगाई जाती हैं और सितंबर से अक्टूबर के महीनों में काटी जाती है। इस मौसम में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण फसलें चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, जूट, मूंगफली और सोयाबीन आदि हैं।

प्रश्न.62 कोहरे का फसलों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर. अत्यधिक कोहरे के कारण पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे फसलों में विभिन्न रोगों का विकास होता है, उसमें पीलापन प्रमुख है। कोहरे के प्रभाव से कीट फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं, जिससे उपज प्रभावित होती है।

प्रश्न.63 फसल को पाले से बचाने के लिए क्या करें?

उत्तर. पाले से सबसे ज्यादा नुकसान फसलों की नर्सरी में होता है। इसलिए नर्सरी में लगे पौधों को रात के समय प्लास्टिक शीट से ढक कर बचाया जा सकता है। इसके साथ ही खेत में खड़ी फसलों के लिए किसानों को रात 10 बजे से पहले फसलों में पानी देने की सलाह दी जाती है। सुबह व दोपहर में पानी देना काफी नुकसान पहुंचा सकता है।

प्रश्न.64 कोहरा और पाला क्या है?

उत्तर. पाले से सामान्य तौर पर हल्की सफेद चादर जमीन पर जमने लगती है। जिससे तालाबों व कुओं का पानी बहुत ही ठंडा हो जाता और ठिठुरन बढ़ जाती है। लेकिन कोहरा वास्तव में एक निम्न स्तरीय बादल ही होता है वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प का ओसांक से नीचे जाती है पर हिमांक से ऊपर रहती है।

प्रश्न.65 गेहूं की फसल पीली क्यों पड़ रही है?

उत्तर. नाइट्रोजन की कमी से पौधे का पूरा पीलापन हो जाता है, जिससे निचली पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और पत्तियों के सिरे अंदर की तरफ मर जाते हैं। नाइट्रोजन की कमी के प्राथमिक कारण अपर्याप्त उर्वरीकरण दर, अधिक वर्षा और बड़ी मात्रा में फसल अवशेष हैं।

प्रश्न.66 गेहूं की फसलों पर पाला कब गिरता है?

उत्तर. गेहूं फसल की उपज के बाद जब वायुमंडल का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से कम तथा शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो पाला पड़ता है।

प्रश्न.67 आलू की अधिक पैदावार के लिए क्या करें?

उत्तर. आलू की अधिक पैदावार क्षेत्र की जलवायु व मिट्टी पर निर्भर करती है। बेहतर पैदावार  के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी और बलुई दोमट उचित है। मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 5.7 के बीच होना चाहिए। साथ ही तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस उपयुक्त माना जाता है।

प्रश्न.68 आलू की फसल में कौन-कौनसे रोग लगते हैं?

उत्तर. आलू की फसलों में मुख्य रूप से दो रोग लगते हैं।

  • झुलसा रोग
  • आलू की पत्ती मुड़ने वाला रोग (पोटैटो लीफ रोल )

इन रोगों के अलावा अधिक ठंड के कारण फसलों में पाला का भी खतरा बढ़ जाता है।

प्रश्न.69 आलू में झुलसा रोग के क्या लक्षण हैं?

उत्तर. आलू में झुलसा रोग के लक्षण मुख्य रूप से पत्तियों और निचले तने की गांठों पर दिखाई देते हैं। प्रारंभिक अवस्था में निचली पत्तियों पर हल्के बैंगनी रंग के छोटे-छोटे धब्बे बन जाते हैं, जो धीरे-धीरे आंखों के आकार की तरह बढ़ते हैं। बीच में चौड़े और किनारों पर संकरे हो जाते हैं। इन धब्बों का रंग हल्का भूरा होता है।

प्रश्न.70 आलू की फसल में झुलसा रोग किसकी कमी से लगता है?

उत्तर. आलू की फसल में झुलसा रोग फाइटोफ्थोरा नामक फफूंद की वजह से होता है। जिसके कारण आलू की पत्तियों व बाली की गर्दन पर हल्के बैंगनी रंग के छोटे- छोटे धब्बे बनते हैं।

प्रश्न.71 पोटाश से आलू की फसल पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर. पोटाश मुख्य रूप से फसलों की पैदावार पर असर डालता हैं। पोटाश कोशिकाओं की दीवारों को मजबूत बनाता है। बात करें आलू की फसल की तो पोटाश आलू को सुखाने में मदद करता है व जड़ों से मजबूत बनाता है।

प्रश्न.72 दिसंबर महीने के अंत में कौन सी सब्जी लगाएं!

उत्तर.  दिसंबर का महीना सब्जी की खेती के लिए अनुकूल है। इस महीने में मिट्टी नम होती है और नाजुक फसलों के लिए अनुकूल होती है। इस माहौल में किसान विभिन्न प्रकार की सब्जियां जैसे मूली, पालक, टमाटर, बैंगन, गोभी आदि उगा सकते हैं।

प्रश्न.73 सर्दी के मौसम में जल्दी पकने वाली सब्जी कौन सी है?

उत्तर. ठंड के मौसम में मूली सबसे कम समय में व तेजी से उगने वाली सब्जियों में से एक है, जिसे पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 3 से 4 हफ्ते का समय लग सकता है।

प्रश्न.74 पालक की खेती कब तक तैयार हो जाती है।

उत्तर. ज्यादातर मामलों में पालक की बढ़ती डिमांड व बाजार में तेजी के चलते उगाए जाने वाले पालक के पौधों को बीज लगाने के लगभग 38 से 55 दिनों में ही एक बार में काट दिया जाता है। इसके अलावा सामान्य बाजार के लिए उगाए जाने वाले पालक के पत्तों को बीजारोपण के लगभग 60-80 दिनों में काटा जाता है।

प्रश्न.75 पालक की खेती कब करनी चाहिए?

उत्तर. पालक की खेती सही जलवायु में साल भर की जा सकती है। लेकिन पालक की फसल की अच्छी उपज लेने के लिए जनवरी-फरवरी, जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर में पालक की बुआई कर सकते हैं।

प्रश्न.76 पालक में कौन से रोगों का खतरा होता है?

प्रश्न.77 मूली की फसल कितने दिनों में तैयार होती है?

उत्तर. सर्दियों के मौसम में मूली की फसल 30 से 35 दिनों में तैयार हो जाती है। मूली की फसल कम समय में होने वाली फसल है। इस फसल के लिए ज्यादा किसान भाइयों को ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती है।

प्रश्न.78 मूली की खेती कब करनी चाहिए।

उत्तर. मूली बोने का सही समय जुलाई माह से शुरू होकर नवंबर महीने के अंत तक है। इस फसल की सही पैदावार के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।

प्रश्न.79 मूली की कौन सी प्रजाति सबसे तेज बढ़ती है?

उत्तर. 'चेरी बेले' मूली की प्रजाति सबसे तेज बढ़ने वाली मूली है क्योंकि इसे तैयार होने में केवल 22 दिन लगते हैं।

प्रश्न.80 मूली में कौन कौन से रोग लगते हैं?

उत्तर. मूली की फसलों में सामान्यत: लगने वाले रोगों के नाम इस प्रकार से है। जो मूली के फसलों को नष्ट कर देता है -

  • पौधे का मुरझाना
  • झुलसा रोग
  • जड़ सड़न
  • अल्टरनेरिया लिफ स्पॉट

प्रश्न.81 मूली की फसल को कितनी बार पानी देना चाहिए?

उत्तर. मूली की फसल में मिट्टी की नमी के आधार पर पौधों को प्रति सप्ताह लगभग एक इंच पानी दें। अगर मिट्टी की ऊपरी परत बहुत ज्यादा सूखी महसूस हो रही है, तो एक इंच अतिरिक्त पानी डालें। जब शुरुआती वसंत या पतझड़ में मौसम ठंडा होता है, तो बारिश न होने पर सप्ताह में लगभग एक बार मूली को पानी देना चाहिए।

प्रश्न.82 भारत में 2 एकड़ जमीन के लिए सबसे अच्छा ट्रैक्टर कौनसा है?

उत्तर. 15 एचपी से 25 एचपी का ट्रैक्टर 2 एकड़ जमीन के लिए बेहतर साबित होता है।

प्रश्न.83 सोयाबीन की बुवाई कौन से महीने में की जाती है?

उत्तर. सोयाबीन की बुवाई जून के अंत से शुरू होकर जुलाई के प्रथम सप्ताह तक होती है। इस फसल को बोने के लिए 3 से 4 इंच पानी की आवश्यकता होती है, सोयाबीन की यह आवश्यकता मानसून की शुरुआत में ही पूरी हो जाती है।

प्रश्न.84 सोयाबीन कितने दिन में तैयार हो जाती है?

उत्तर. सोयाबीन की फसल 60 से 70 दिन में तैयार हो जाती है। इस फसल को नमी युक्त बलुई मिट्टी की आवश्यकता होती है।

प्रश्न.85 सबसे ज्यादा पैदावार वाली सोयाबीन की किस्म कौन सी है?

उत्तर. सोयाबीन की जेएस 9560 किस्म की उपज लगभग 25-28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है। इस किस्म के दानों का रंग पीला होता है और यह मजबूत दाना होता है। इस किस्म की सोयाबीन की फसल 80-85 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

प्रश्न.86 सोयाबीन की सबसे अच्छी क्वालिटी कौन सी है?

उत्तर. कृषि अनुसंधान केंद्र ने सोयाबीन 95-60 जेएस नामक एक नई किस्म की खोज की है जो संबंधित क्षेत्र में सोयाबीन की सबसे अच्छी फसल प्रणाली है। यह सोयाबीन की कम अवधि वाली किस्म है, जिसमें पारंपरिक सोयाबीन किस्म जेएस-335 की तुलना में बेहतर उत्पादकता है।

प्रश्न.87 सोयाबीन में कौन कौन से रोग लगते हैं?

उत्तर. सोयाबीन की फसल रोगों से प्रभावित होती है। यह क्षेत्र की जलवायु पर निर्भर करता है। सोयाबीन की फसल को प्रभावित करने वाले रोग इस प्रकार हैं 

  • बैक्टीरियल पश्चूल
  • बैक्टीरियल ब्लाइट
  • चारकोल रॉट
  • कॉलर रॉट
  • राइजोक्टोनिया रूट रॉट
  • पाउडर मिल्ड्यू
  • एंथ्रेक्नोज एवं पैड ब्लाइट

प्रश्न.88 मटर की खेती कौन से महीने में की जाती है?

उत्तर. मटर की खेती के लिए अक्टूबर-नवंबर माह का समय सबसे उचित होता है। इस खेती में बीज अंकुरण के लिए औसत 22 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है, वहीं अच्छे विकास के लिए 10 से 18 डिग्री सेल्सियस तापमान बेहतर होता है।

प्रश्न.89 मटर की अच्छी पैदावार के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर. मटर की बेहतर पैदावार के लिए खेत में नमी और सर्दियों की वर्षा के आधार पर दो से तीन सिंचाई की आवश्यकता होती है। मटर का पहला पानी फूल आने के समय और दूसरा पानी फली बनने के समय देना चाहिए। सिंचाई करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि फसलों में पानी जमा न हो और सिंचाई हल्की हो ताकि फसल को नुकसान न हो।

प्रश्न.90 मटर में कितने पानी की आवश्यकता होता हैं?

उत्तर. मटर की खेती में फूलों और फलियों के विकास के लिए मिट्टी की नमी की मात्रा आवश्यक है। फसल वृद्धि के लिए 500 मिमी की औसत वर्षा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न.91 मटर का पौधा में पीलापन आने पर क्या करना चाहिए?

उत्तर. मटर की पत्तियां पीली हो रही हैं, तो यह आमतौर पर इस बात का संकेत है कि पौधे के निचले हिस्से में पानी की अधिकता हो गई है। एक और कारण बहुत अधिक खाद हो सकता है, जो पौधे की जड़ों को जला देता है।

प्रश्न.92 मटर के कोमल फफूंदी के लक्षण क्या है?

उत्तर. पत्ती के निचले भाग पर भूरी व हल्की सफेद रंग की फफूंद दिखाई देती है और धब्बे पत्ती के विपरीत तरफ दिखाई देते हैं। संक्रमित पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और ठंडे मौसम में मर जाती है। इसलिए डंठल (तना) विकसित और अविकसित रहता है। फलियों पर भूरे धब्बे दिखाई देते हैं और फलियों के अंदर फफूंद बन सकती है।

प्रश्न.93 सरसों की फसल में कौन-कौन सी  बीमारी का प्रकोप होता है?

उत्तर. सरसों की फसल में प्राय: ये चार प्रकार के रोग लगते हैं 

  • सफेद रोली या व्हाइट रस्ट
  • तना गलन रोग या स्टेम रोट
  • छाछिया रोग या पाउडर मिल्ड्यू
  • पत्ती धब्बा या लीफ स्पोट

प्रश्न.94 सरसों की फसल में कुल कितनी बार पानी देनी चाहिए?

उत्तर.  सरसों की फसल में पहली सिंचाई 28 से 35 दिनों के बाद फूल आने पर करनी चाहिए। दूसरी सिंचाई 70 से 80 दिनों बाद फलियां आने पर करनी चाहिए। जहां पानी की कमी हो या खारा पानी हो वहां सिर्फ एक ही सिंचाई करना अच्छा रहता है। यदि सिंचाई का पानी क्षारीय है तो पानी की जांच करवाकर उचित मात्रा में जिप्सम और गोबर की खाद का प्रयोग करें।

प्रश्न.95 सरसों की खली खेत में कब डालनी चाहिए?

उत्तर. सरसों की खली का उपयोग पौधे में फूल और फल नहीं आने या बहुत कम आने की अवस्था में करना चाहिए। सरसों की खली पौध का उत्पादन बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है। सरसों की खली को खाद के रूप में मिट्टी में मिलाया जाता है। फूल वाले पौधों में इसका उपयोग हर 15 से 20 दिनों में किया जाता है। फल देने वाले पौधों में इसके उपयोग से अधिक और तेजी से फल लगते हैं और फलों की गुणवत्ता बेहतर होती है।

प्रश्न.96 तिलहनी फसलों में सबसे कम पानी की फसल कौन सी है?

उत्तर. तिलहनी फसलों में अलसी एक ऐसी फसल है जिसे पानी की आवश्यकता कम मात्रा में होता है। इस फसल में न तो कोई कीटनाशक लगता है और न ही वातावरण का कोई असर पड़ता है। इस फसल को आवारा पशु भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। किसान भाई दो सिंचाई में एक हेक्टेयर में 20 क्विंटल से ज्यादा उपज ले सकता है।

प्रश्न.97 सरसों की बुवाई कब करनी चाहिए?

उत्तर.सरसों की फसलों की बुवाई अक्टूबर महीने से शुरू होकर मध्य नवंबर तक की जा सकती है।  सरसों की फसल के लिए 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए। इस फसल की बुवाई के लिए अच्छे जल निकासी वाली दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है।

प्रश्न.98 मोबाइल नंबर से पीएम किसान कैसे चेक करें?

उत्तर.मोबाइल नंबर से पीएम किसान चेक करने के लिए आप सरकार पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। इसके बाद बेनिफिशियरी स्टेटस (Beneficiary Status) के विकल्प को चुने। दिए गए बॉक्स में रजिस्ट्रेशन नंबर और कैप्चा कोड डालने के बाद GetData पर क्लिक करें।

प्रश्न.99 पीएम किसान सम्मान निधि में केवाईसी कैसे करें?

उत्तर. पीएम किसान सम्मान निधि में निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करके अपनी केवाईसी कर सकते हैं।

  • सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट ओपन करें।
  • फार्मर सेक्शन के eKYC पर क्लिक करे।
  • अब इसमें अपना आधार नंबर एंटर करें।
  • कैप्चा कोड एंटर करें।
  • रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर प्राप्त ओटीपी डालें।
  • सारी डिटेल सही होने पर eKYC पूरा हो जाएगा।

प्रश्न.100 पीएम किसान की 13वी किस्त कब तक आएगी?

उत्तर.केंद्र सरकार पीएम किसान की अब तक 12 किस्त पात्र किसानों के खातों में डाल चुकी है। ऐसे में लाभार्थियों को अब 13वीं किस्त का इंतजार है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जनवरी महीने के आखिर में 13वीं किस्त सरकार किसानों के खातों में डाल सकती है।

प्रश्न.101 जनवरी माह में कौन सी सब्जियां बोई जाती है?

उत्तर.जनवरी माह में बोई जाने वाली सब्जियां टमाटर, मूली, मिर्च, फ्रेंचबीन, गाजर, प्याज व लोबिया आदि शामिल हैं।

प्रश्न.102 सर्दियों में कौन से फलों के पौधों की बागवानी कर सकते हैं?

उत्तर. सर्दियों के मौसम में विंटर अमरूद, स्ट्रॉबेरी आदि की बागवानी की जा सकती है। बात करें स्ट्रॉबेरी की सर्दियों में यह फल आसानी से और जल्दी उग जाता है। इसे आप हैंगिंग गमले या खिड़की पर रखे छोटे से गमले में भी उगा सकते हैं। स्ट्रॉबेरी का पौधा आपके पास की किसी भी नर्सरी में 20 से 30 रुपये में आराम से मिल जाएगा।

प्रश्न.103 गन्ने की फसल कितने दिनों में तैयार हो जाती है?

उत्तर. गन्ने की फसल क्षेत्र की जलवायु पर निर्भर करती है, लेकिन सामान्य तौर पर गन्ने की फसल 13 से 14 महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। बाजार में मिलने वाली कुछ हाइब्रिड गन्ने की किस्म 9 से 10 महीने में तैयार हो जाती है।

प्रश्न.104 गन्ना बोने का सही समय कौन सा है?

उत्तर. गन्ने की फसल के बुवाई का सही समय जुलाई से अक्टूबर होता है। इस दौरान सामान्य जलवायु होती है और मृदा नमी 10 से 15 प्रतिशत रहती है। जिसमें गन्ने के बीज का अंकुरण सही ढंग से होता है।

प्रश्न.105 गन्ना बोते समय कौन सी खाद डालें?

उत्तर. गन्ने की बुवाई के समय गोबर खाद फायदेमंद होती है। यह गन्ने की फसल में उर्वरकता बरकरार रखती है। साथ ही फसल की सही ग्रोथ में मदद करती है।

प्रश्न.106 गन्ना की बुवाई किस-किस मौसम में की जा सकती है?

उत्तर. गन्ना सदाबहार मौसम की फसल है। इसकी बुवाई तीनों सीजन में की जा सकती है। गन्ने की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर-नवंबर है। बसंत कालीन गन्ने की बुवाई फरवरी-मार्च में करनी चाहिए।

प्रश्न.107 गेहूं में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?

उत्तर. इन तरीकों से गेहूं की फसलों के खरपतवार का नियंत्रण किया जा सकता है 

  • खरपतवार मुक्त गेहूं के बीज का प्रयोग करें।
  • 15 नवंबर से पहले गेहूं की बुवाई कर देनी चाहिए।
  • लाइन में कम से कम 18 सेमी. दूरी बनाए रखें।
  • गेहूं के पौधों की संख्या बढ़ाने के लिए तिरछी बुआई करनी चाहिए।
  • बीजों के नीचे 2-3 सेंटीमीटर कम्पोस्ट डालें।
  • मेड़ों पर बुआई करने से मंडूसी का प्रकोप भी कम होता है।
  • बांधों और जल चैनलों को साफ रखना चाहिए।

प्रश्न.108 गेहूं में खरपतवार की दवा कितने दिन में डालनी चाहिए?

उत्तर. गेहूं की बुआई के तुरन्त बाद पेन्डीमिथालिन 500 लीटर पानी में घोलकर 3.3 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव कर उभरते हुए खरपतवारों को नष्ट किया जा सकता है।

प्रश्न.109 चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार को कैसे पहचाना जा सकता है?

उत्तर. इन खरपतवारों में चौड़ी पत्तियां होती हैं और जाल-शिरा की व्यवस्था होती है और एक मूसला जड़ प्रणाली होती है, जिसे ब्रांड-लीव्स कहा जाता है। वे आमतौर पर द्विबीजपत्री होते हैं। यहां आपको बता दें कि सभी चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार द्विबीजपत्री नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, जलकुंभी और जिरकोनिया क्रिपस एकबीजपत्री होते हैं, हालांकि उनकी पत्तियां चौड़ी होती हैं।

प्रश्न.110 चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार कैसे फैलते हैं?

उत्तर. खेतों में बीज के कमजोर होने व कई दिनों तक खेतों में काम नहीं करने पर चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार फैलते हैं।

प्रश्न.111 सबसे अच्छी खरपतवार नाशक दवा कौन सी है?

उत्तर. घास एवं खरपतवार नियंत्रण के लिए फसलों के बुवाई के दो से तीन दिन के भीतर प्रेटीलाक्लोर 1250 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से दवा का छिड़काव करना चाहिए।

प्रश्न.112 गेहूं की फसलों में इल्ली क्यों लगती हैं।

उत्तर. सर्दी के कारण किसान फसलों के लिए पर्याप्त पानी नहीं दे पाते हैं, वहीं मौसम में आए परिवर्तन के चलते व सिंचाई की कमी के कारण गेहूं की फसलों में इल्ली के लगने का खतरा रहता है।

प्रश्न.113 गेहूं में इल्ली के प्रकोप से बचने के लिए क्या करें।

उत्तर. आम तौर पर गेहूं की फसल में कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया जाता है, लेकिन इन कीटों से बचने के लिए गेहूं की फसलों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना बहुत ही जरुरी होता है।

प्रश्न.114 इल्ली कीट किन फसलों को नुकसान पहुंचाते है।

उत्तर. आम तौर पर गेहूं की फसल में कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया जाता है, लेकिन इन कीटों से बचने के लिए गेहूं की फसलों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना बहुत ही जरुरी होता है।

प्रश्न.115 इल्ली सबसे ज्यादा फसल की किस भाग को नुकसान पहुंचाते हैं।

उत्तर. इल्ली के प्रभाव से सबसे ज्यादा नुकसान फसलों की बालियों को होता है। वातावरण में नमी के कारण इन फसलों में इल्ली समेत अन्य कीटों को पनपने के लिए अनुकूल वातावरण मिल जाता है।

प्रश्न.116 फसलों में पाला पड़ने की संभावना होने पर क्या करना चाहिए?

उत्तर. पाला पड़ने की अधिक संभावना होने पर फसल में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए। नम मिट्टी अधिक समय तक गर्म रहती है और मिट्टी का तापमान बिल्कुल भी नहीं गिरता है। यह तापमान को शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने से रोकेगा और फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाव होता हे।

प्रश्न.117 पत्ता गोभी की खेती कैसे करें?

उत्तर. गोभी के लिए प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल सड़े गोबर, 150 किग्रा नाइट्रोजन, 100 किग्रा फास्फोरस और 40 किग्रा पोटाश की आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन तीन भागों में बांटकर 15 दिन और 45 दिन के बाद बुवाई के समय देना चाहिए। सिंचाई के लिए सामान्यतः 10 से 15 दिन के अन्तराल पर सुबह और शाम को पानी देना चाहिए।

प्रश्न.118 पत्ता गोभी को कितनी सिंचाई की आवश्यकता होती है?

उत्तर. पत्ता गोभी की फसल को सामान्यतः 10 से 15 दिन के अन्तराल पर सुबह और शाम पानी देना चाहिए। फूलगोभी की तुलना में पत्ता गोभी को अधिक ठंड की आवश्यकता होती है। पत्ता गोभी को लगभग किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है। जल्दी पकने वाली किस्मों के लिए रेतीली, दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।

प्रश्न.119 गोभी पर काली सड़न का इलाज कैसे करते हैं?

उत्तर. पत्ता गोभी के नर्सरी अवस्था में तना छेदक (गोभी का कीड़ा) के हमले की स्थिति में 5% नीमबोली अर्क का प्रयोग करें। 4.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार करें और पौधों की जड़ों को दस मिनट तक घोल से उपचारित करने के बाद ही पौधे लगाएं।

प्रश्न.120 पत्ता गोभी की फसल तैयार होने में कितना समय लगता है?

उत्तर. आमतौर पर पत्ता गोभी फसल की अवधि 60-120 दिन होती है। औसत उत्पादन 200-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। किसान इसे सितंबर से अक्टूबर तक क्यारियों में बुवाई कर सकते हैं।

प्रश्न.121 फसल बीमा योजना का पैसा कैसे चेक किया जाता है?

उत्तर. फसल बीमा योजना का पैसा चेक करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाएं। एप्लीकेशन स्टेटस पर क्लिक कर अपना रिसिप्ट और कैप्चा डालने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।

प्रश्न.122 फसल बीमा में कितना पैसा मिलता है?

उत्तर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा राशि अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग होती है। कपास की फसल के लिए अधिकतम 36,282 रुपये प्रति एकड़, धान की फसल के लिए 37,484 रुपये, बाजरा की फसल के लिए 17,639 रुपये, मक्का की फसल के लिए 18,742 रुपये और मूंग की फसल के लिए 16,497 रुपये प्रति एकड़ रुपए मिलते हैं।

प्रश्न.123 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की लिस्ट में नाम कैसे देखें?

उत्तर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अपना नाम चेक करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। फिर सूची देखने के लिए विकल्प का चयन करें। इसके बाद अपना राज्य, जिला और ब्लॉक सेलेक्ट करें। फिर सारी जानकारी भरने के बाद आए सूची में अपना नाम चेक कर सकते हैं।

प्रश्न.124 एक वर्ष में कितनी बार चावल उगाया जा सकता है?

उत्तर. भारत के पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में साल में दो या तीन बार चावल की फसल होती है। देश के उत्तरी और पश्चिमी भागों में, जहां वर्षा अधिक होती है और सर्दियों का तापमान कम होता है, मई से नवंबर तक चावल की एक ही फसल उगाई जाती है।

प्रश्न.125 चावल की फसल कितने दिन में पकती है?

उत्तर. चावल का जैविक चक्र (बुआई से लेकर कटाई तक) 95 दिनों से लेकर लगभग 150 दिनों तक होता है। मध्यम पकने वाली किस्मों की कटाई बुवाई के 120-150 दिन बाद की जा सकती है। जब दाना पीला और सख्त होने लगे तो हमें इसकी कटाई कर देनी चाहिए।

प्रश्न.126 चावल के लिए कितनी वर्षा की आवश्यकता होती है?

उत्तर. चावल मुख्य रूप से वर्षा आधारित क्षेत्रों में उगाया जाता है जहां वार्षिक वर्षा प्रचुर मात्रा में होती है। तो यह मूल रूप से भारत में खरीफ की फसल है। इसमें लगभग 25 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान और 100 सेमी से अधिक की वर्षा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न.127 चावल की सबसे अच्छी किस्म कौन सी होती है?

उत्तर. बासमती भारत में लंबे चावल की सबसे अच्छी किस्म है। भारत में चावल की 6 हजार से अधिक किस्में उगाई जाती हैं। इनमें से बासमती चावल अपनी अनूठी सुगंध के लिए सबसे लोकप्रिय है।

प्रश्न.128 चावल में कौन कौन से रोग लगते हैं?

उत्तर. चावल की खेती में बैक्टीरियल ब्लाइट, बैक्टीरियल लीफ स्ट्रीक नामक दो रोग प्रायः लगते हैं जो जैन्थोमोनास ओराइजी के कारण होता है। यह सम शीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय जलवायु में उच्च आर्द्रता के साथ पाया जाता है।

प्रश्न.129 धान की फसल के लिए खेत कैसे तैयार करें?

उत्तर. धान की फसल के लिए खेत की तैयारी ग्रीष्मकालीन की 2-3 जुताई के बाद करनी चाहिए। ताकि शेष खरपतवारों को समाप्त किया जा सके।

प्रश्न.130 धान की फसल का पीलापन कैसे दूर करें?

उत्तर. धान की फसल में पीलापन पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है। इसके नियंत्रण के लिए यूरिया 2 किग्रा प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में + जिंक सल्फेट 1 किग्रा प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर धान की फसल पर छिड़काव करना चाहिए।

प्रश्न.131 धान में पहली बार कौन सी खाद डालना चाहिए?

उत्तर. धान के बेहतर उत्पादन के लिए अंतिम जुताई के समय 100 से 150 क्विंटल सड़ा हुआ गाय का गोबर खेत में मिलाकर 120 किग्रा नाइट्रोजन, 60 किग्रा फास्फोरस और 60 किग्रा पोटाश खाद के रूप में देते हैं।

प्रश्न.132 धान की फसल को अल्प वर्षा से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर. खरीफ की मुख्य फसल धान की खेती को कम वर्षा की स्थिति में नमक छिड़ककर 15 दिनों तक बचाया जा सकता है। नमक के छिड़काव से मिट्टी में नमी बनी रहती है और चावल की फसल बिना बारिश के 15 दिनों तक जीवित रह सकती है और मिट्टी की उर्वरता क्षमता को प्रभावित नहीं करती है।

प्रश्न.133 धान की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए खेत में क्या लगाना चाहिए?

उत्तर. धान की खेती के लिए मुख्यतः तीन प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन तीन पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए नाइट्रोजन के लिए यूरिया, फास्फोरस के लिए डीएपी या सिंगल सुपर फास्फेट, पोटाश के लिए म्यूरेट ऑफ पोटाश, एनपीके का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

प्रश्न.134 सेम के पौधे की देखभाल कैसे करें?

उत्तर. सेम के पौधे को प्रति सप्ताह कम से कम 1 इंच पानी अवश्य मिलना चाहिए। गर्म, शुष्क मौसम में सेम के पौधे की जड़ों को ठंडा रखने और मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए मिट्टी को गीली घास से ढकें। पौधों में फूल और फल आने के दौरान प्रतिदिन पानी देना आवश्यक है, क्योंकि पानी की कमी होने पर फूल गिरने लगते हैं।

प्रश्न.135 सेम की खेती कौन से महीने में की जाती है?

उत्तर. सेम की खेती के लिए जुलाई से अगस्त का समय बुवाई का उपयुक्त समय माना जाता है। याद रखें कि बुवाई समतल खेत में उठी हुई मेड़/क्यारी में करनी चाहिए। इस प्रकार फसल की उपज बेहतर और अधिक होती है।

प्रश्न.136 पौधों में फिटकरी डालने से क्या होता है?

उत्तर. फिटकरी मिट्टी की ताकत को बढ़ाती है, जिससे पेड़-पौधों की वृद्धि अच्छी होती है जिससे कि पौधे  हमेशा हरे-भरे रहते हैं। फिटकरी के पानी से आप पौधों और पेड़ों की सिंचाई भी कर सकते हैं।

प्रश्न.136 सेम खाने से क्या होता है?

उत्तर. सेम पोषक तत्वों का खजाना है - सेम में कॉपर, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस और मैग्नीशियम होता है। इसलिए यह सर्दियों में बहुत फायदेमंद होता है। इसके साथ सेम में विटामिन बी6, नियासिन और पैण्टोथेनिक एसिड भी होता है।

प्रश्न.137 सेम कितने दिन में फल देता है?

उत्तर. सेम को बोने के लगभग 100 से 150 दिन बाद सेम के पौधे में उत्पादन शुरू हो जाता है। एक हेक्टेयर सेम के खेत से करीब 100 से 150 क्विंटल उत्पादन हो सकता है। फसल की यह उत्पादकता जलवायु, मिट्टी, किस्म, सिंचाई सहित सुरक्षा प्रबंधन आदि पर निर्भर करती है।

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