जून महीने में भारत को कोरोना की दूसरी लहर से थोड़ी राहत मिलते दिख रही है लेकिन यह पूरी तरह मंद नहीं पड़ी है। इस बीच भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की आशंका भी जाहिर की गई है। महाराष्ट्र में अगले चार हफ्तों के अंदर कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने का अनुमान लगाया जा रहा है। यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो इससे महाराष्ट्र में करीब 8 लाख लोग संक्रमित हो सकते हैं। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में अगले 4 हफ्तों के अंदर कोरोना की तीसरी लहर अपना असर दिखाना शुरू कर सकती है और ये तीसरी लहर दूसरी के मुकाबले दोगुने कोरोना केस लेकर आएगी। एक्टिव केस की संख्या भी महाराष्ट्र में 8 लाख के पार पहुंच सकती है। ये बातें महाराष्ट्र की कोविड टास्क फोर्स की मीटिंग से सामने आई हैं। अमूमन महामारी की लहरें एक के बाद एक आती हैं, लेकिन उनका असर ज़्यादा होगा या कम ये उस बात पर भी निर्भर है कि लोग कितनी सावधानी बरतते हैं। भारत के अनलॉक होते ही सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की आदत कोसों दूर चली गई है और लापरवाही चरम पर है।
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एम्स के चीफ रणदीप गुलेरिया द्वारा एनडीटीवी से बातचीत के दौरान दिए बयान के आधार पर अगले 6 से 8 हफ्तों में यानी की 2 महीने के अंदर भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। उन्होंने कहा कि हमने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है और फिर से कोरोना नियमों का पालन करने में लापरवाही देखी जा रही है। ऐसा लगता है जैसे पहली और दूसरी लहर में जो कुछ हुआ, हमने उससे कुछ सीखा नहीं। फिर से भीड़ जमा हो रही है। लोग इकट्ठे हो रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढऩे में समय लगेगा लेकिन अगले 6 से आठ हफ्तों में केस बढऩे लगेंगे..या कुछ और देर से। यह सब निर्भर करता है कि हम कैसे कोरोना नियमों का पालन कर रहे हैं और भीड़ इकट्ठा होने से रोक रहे हैं।
महाराष्ट्र सरकार के राज्य कोविड टास्क फोर्स के सदस्यों के अनुसार, प्रदेश में अगस्त के मध्य में कोरोना के तीसरे लहर की संभावना है और इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी कर ली है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि टीकाकरण को तेज कर इसके असर को कम किया जा सकता है। वहीं राज्य में कुछ कड़े प्रतिबंध भी लगाने होंगे तो लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संभावित तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर बुधवार को एक बैठक बुलाई। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने अनुमान लगाया था कि राज्य में तीसरे लहर के समय संक्रमण के मामले दोगुना हो सकते हैं। ऐसे में एक्टिव मामलों की संख्या 8 लाख तक जा सकती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 12 से 18 सप्ताह में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। फोर्टिस अस्पताल में टास्क फोर्स के सदस्य और हेड इंटेंसिविस्ट डॉ राहुल पंडित ने कहा कि गणितीय अनुमानों से पता चलता है कि अगली लहर दूसरी लहर के आठ से 12 सप्ताह बाद आ सकती है। राज्य को अगले चार हफ्तों में इसके लिए तैयारी कर लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई भी मॉडल वायरस की सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार मंद होने से दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत लोगों को मिली छूट से बाजारों में काफी भीड़ उमड़ रही है। कई जगह तो लोग कोरोना गाइडलाइन का ठीक ढंग से पालन भी नहीं कर रहे हैं। बीते दिनों व्हाटअपऐप पर कुछ ऐसी ही तस्वीरे वाइरल हो रही थीं। जिन पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने तीसरी लहर की संभावना के आने की आशंका के मध्यनजर नाराजगी जाहिर की और कोविड-19 के नियमों का सख्ताई से पालन करने की बात कही। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट ने बाजारों में कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कोविड नियमों का इस तरह से उल्लंघन करने से कोरोना की तीसरी लहर को बढ़ावा मिलेगा। जिसकी अनुमति बिलकुल भी नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच तय नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो कोरोना की तीसरी लहर को नहीं रोका जा सकता है जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि तस्वीरों को देखकर पता चलता है कि लोग किस तरह बेखौफ होकर बाजारों में घूम रहे हैं। लोग मास्क नहीं पहने हैं। सोशियल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। बता दें कि जस्टिस नवीन चावला और आशा मेनन की डिविजन बेंच ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है।
देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कुल दो करोड़, 97 लाख, 75 हजार केस हैं। इनमें एक्टिव मरीजों की संख्या 7,95,955 हैं। वहीं इलाज के बाद संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों की संख्या 2,85,68,190 है। अब तक कुल 3,83,671 मौतें देश में कोरोना से हुई हैं। देश में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य है। महाराष्ट्र में कोरोना के मामले 59 लाख के आंकड़े को पार कर गए हैं। वहीं महाराष्ट्र में कोरोना से एक लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। इसके बाद कर्नाटक और केरल में 27-27 लाख केस हैं। तमिलनाडु में 23 लाख तो आंध्र प्रदेश में 18 लाख मामले हैं। उत्तर प्रदेश में 17 लाख से ज्यादा मामले आए हैं। पश्चिम बंगाल और दिल्ली में 14 लाख कोरोना के मामले आ चुके हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 9 लाख से ज्यादा मामले हैं। ओडिशा और गुजरात में आठ लाख केस आ चुके हैं। हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश में सात लाख से ज्यादा केस हैं। तेलंगाना में छह और पंजाब में पांच लाख से ज्यादा केस अब तक मिले हैं। असम में चार लाख मामले हैं। झारखंड, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में तीन लाख केस हैं। हिमाचल प्रदेश, गोवा और पुडुचेरी में एक लाख से ज्यादा मामले हैं।
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