प्रकाशित - 24 Jul 2024
देश में अवैध खनन बहुत तेज रफ्तार से हो रहा है। जमीन, पहाड़, नदियां सुरक्षित नहीं है। खनन माफिया पत्थर, बजरी, मिट्टी का अवैध खनन कर प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सख्त नियम भी बना रखे हैं। लेकिन ये नियम कई बार खनन माफिया की बजाए आम किसान को नुकसान पहुंचा देते हैं। अगर किसान अपने खेत की मिट्टी को खोदकर निजी उपयोग के लिए परिवहन करता है तो उससे खनन, पुलिस व अन्य विभागों द्वारा परमिट मांगा जाता है। कई बार तो किसान को मिट्टी का परिवहन करने पर अवैध खनन का आरोपी बना दिया जाता है। लेकिन अब सरकार ने खेत की मिट्टी खोदने के नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों के अनुसार किसान अपने खेत की मिट्टी खोद सकते हैं। आइए, ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में सरकार के इस नियम के बारे में जानते हैं।
अभी तक उत्तरप्रदेश में किसान व आम आदमी को खेत की मिट्टी का खनन करने के लिए खनन विभाग से परमिशन लेनी होती थी। लेकिन अब योगी सरकार ने खेत से निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन की अनुमति लेने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। नए नियमों के अनुसार अब मात्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर निजी कार्य के लिए 100 घन मीटर तक मिट्टी का खनन किया जा सकता है। पुलिस और प्रशासन द्वारा उनके परमिट की मांग नहीं की जा सकेगी।
यूपी सरकार को पिछले कुछ समय से यह शिकायत मिल रही थी कि यदि आम आदमी या किसान अपने निजी व सामुदायिक कार्य के लिए मिट्टी की खुदाई कर उसका परिवहन करता है तो रास्ते में पुलिस व प्रशासन द्वारा उनसे परमिट की मांग की जाती है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
मुख्य सचिव के आदेश के अनुसार 100 घन मीटर तक मिट्टी के खनन तथा ढुलाई के लिए लोगों को खनन विभाग की वेबसाइट upminemitra.in पर खनन से संबंधित आवश्यक सूचना अपलोड करनी होगी। रजिस्ट्रेशन की फोटो कॉपी लेकर बिना किसी रोकटोक के 100 घन मीटर तक मिट्टी का खनन व परिवहन बेखौफ कर सकेंगे, लेकिन यह मिट्टी उनके खेत की होनी चाहिए। सरकार के इस फैसले से किसानों, आम आदमी व कुंभकारों आदि को राहत मिलेगी।
उत्तरप्रदेश में यदि कोई व्यक्ति अपने खेत से 100 घन मीटर से ज्यादा मिट्टी का खनन करना चाहता है तो उसे सरकार से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए भी upminemitra.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा ऑनलाइन अनुमोदन किया जाएगा। इसके बाद ही परमिशन जारी की जाएगी। इसके साथ ही तहसील एवं थानों के कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह कड़ाई से इस आदेश की अनुपालना सुनिश्चित करवाएं। साथ ही गृह विभाग ने भी स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि स्थानीय पुलिस एवं डायल यूपी 112 के पुलिस कर्मी मिट्टी अथवा बालू के किसी वैध/अवैध परिवहन की जांच अपने आप नहीं करेंगे।
सामान्यत: एक ट्रैक्टर-ट्राली से तीन घनमीटर साधारण मिट्टी आती है। जिसके आधार पर 100 घनमीटर साधारण मिट्टी की ढुलाई के लिए करीब 33 ट्रैक्टर ट्रालियों का प्रयोग किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली-1963 के नियम-3 के अनुसार यदि किसान दो मीटर की गहराई तक सामान्य मिट्टी को निकालता है तो उसे खनन नहीं माना जाएगा। वहीं विभाग द्वारा कई तरह के कार्यो के लिए पर्यावरणीय अनापत्ति से छूट प्रदान की गई है। ये इस प्रकार हैं :
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