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खुशखबर : असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाई, अब पहले से अधिक मिलेगा वेतन

प्रकाशित - 27 Sep 2024

जानें, अब कितना मिलेगा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को वेतन

दिल्ली सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक बड़ा तोहफा दिया है। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने पदभार ग्रहण करने के बाद असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी (Minimum Wage) बढ़ाने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री के इस फैसले का लाभ दिल्ली के लाखों श्रमिकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री के निर्णय के अनुसार श्रमिकों के न्यूनतम वेतन यानी बेसिक सैलेरी (Basic Salary) में बढ़ोतरी की गई है जिससे अब उन्हें पहले से अधिक वेतन मिल सकेगा। दिल्ली सरकार ने अलग-अलग श्रेणियों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन में अलग-अलग बढ़ोतरी की है। दिल्ली सरकार ने अकुशल मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी 18,066 रुपए प्रति माह कर दी है। वहीं अर्धकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 19,929 रुपए प्रति माह निर्धारित की है। इसके अलावा कुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 21,917 रुपए प्रति महीना तय किया है।

पहले कितनी थी दिल्ली में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मजदूरी

न्यूनतम मजदूरी की नई दरों की घोषणा से पहले दिल्ली में अब तक मजदूरों को जो वेतन दिया जा रहा है, वे इस प्रकार से है-

  • अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी- 17,494 रुपए प्रति माह
  • अर्धकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी- 19,279 रुपए प्रति माह
  • कुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी- 21,215 रुपए प्रति माह

दिल्ली में पहले से अब कितनी बढ़ी श्रमिकों की मजदूरी

दिल्ली में पहले जो मजदूरी मिलती थी उसकी तुलना में अब ज्यादा मजदूरी मिलेगी। विभिन्न मजदूर श्रेणी में अब असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जितनी बढ़ी सैलेरी मिलेगी, उसका विवरण इस प्रकार से है-

मजदूर श्रेणी नई मजदूरी     पुरानी मजदूरी  बढ़ोतरी
 
अकुशल श्रमिक 18066 रुपए 17,494 रुपए 572 रुपए
अर्धकुशल श्रमिक 19,929 रुपए  19,279 रुपए 650 रुपए
 
कुशल श्रमिक 21,917 रुपए 21,215 रुपए 702 रुपए 

                

अन्य राज्यों की तुलना में दिल्ली में सबसे अधिक है श्रमिकों का वेतन

दिल्ली में पूरे देश में असंगठित क्षेत्र के लोगों को सबसे अधिक मजदूरी या वेतन दिया जा रहा है। यदि राज्यवार न्यूनतम वेतन के आंकड़े देखें तो राजस्थान में अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 8,063 रुपए है। मध्यप्रदेश में 10,000 रुपए, उत्तर प्रदेश में 8300 रुपए, हरियाणा में 10,000 रुपए और छत्तीसगढ़ में 10,900 रुपए है। यदि देश भर की तुलना दिल्ली के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के वेतन से की जाए तो दिल्ली में सबसे अधिक न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है।

साल में दो बार होनी चाहिए श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी

दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का जिस प्रकार से साल में दो बार डीए बढ़ता है उसी तरह असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का वेतन भी साल में दो बार बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2016-17 में जब आप सरकार ने न्यूनतम वेतन बढ़ाने की बात की तो भाजपा ने एलजी के माध्यम से उसे रोका। तब सरकार कोर्ट से आर्डर लेकर आई और न्यूनतम वेतन (Basic Salary) में बढ़ोतरी का काम शुरू किया। इसमें हमने यह प्रावधान भी डाला कि जिस तरह से सरकारी अधिकारियों का साल में दो बार डीए लगने से वेतन बढ़ता है, उसी प्रकार साल में दो बार न्यूनतम वेतन बढ़ना जरूरी है। आतिशी ने कहा कि 2013 में केजरीवाल सरकार आने से पहले दिल्ली में अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन मात्र 7722 रुपए था। अर्धकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 8528 रुपए और कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन केवल 9388 रुपए था।

क्या होती है न्यूनतम मजदूरी या वेतन (What is minimum wage or salary)

न्यूनतम मजदूरी या वेतन वह न्यूनतम राशि होती है जो एक नियोक्ता अपने कर्मचारी को कानूनी रूप से भुगतान करता है यानी यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें नियोक्ता को कम से कम कानूनी रूप से निर्धारित वेतन हर हाल में अपने कर्मचारी को देना होता है।

दिल्ली में कब से लागू होगी न्यूनतम मजदूरी की नई दरें

अभी दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की मात्र घोषणा की है, लेकिन मजदूरी की यह बढ़ी हुई दरें तभी लागू होगी जब उपराज्यपाल इसे अपनी मंजूरी देंगे। ऐसे में यह प्रस्ताव उपराज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। उपराज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह नियम पूरे दिल्ली में लागू हो जाएगा।

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