प्रकाशित - 20 Jul 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
एक तरफ सरकार की ओर से किसानों को ऋण माफी योजना (Loan Waiver Scheme) का लाभ दिया जा रहा है तो दूसरी ओर साइबर क्रिमिनल्स अपना जाल बिछाकर किसानों से ठगी की वारदाओं को अंजाम देने में लगे हुए है। किसानों को जितनी खुशी सरकार की ओर से उनके पुराने ऋणों को माफ करने की हुई उससे अधिक टेंशन उन्हें साइबर क्रिमिनल्स से हो सकती है, क्योंकि जैसे ही सरकार की ओर से किसानों के अकाउंट में ऋण माफी योजना (Loan Waiver Scheme), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के तहत मुआवजा की राशि, पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत दी जाने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Prime Minister Kisan Samman Nidhi Yojana) किस्त आदि योजनाओं का पैसा जमा कराया जाता है। वैसे ही साइबर क्रिमिनल्स सक्रिय हो सकते हैं।
ऐसी कई खबरें आए दिन सुनने-पढ़ने को मिलती है कि अमुक व्यक्ति के खाते से पैसे पार करके ठगी की वारदात की गई। ऐसे में किसानों को भी साइबर क्रिमिनल्सों से सावधान रहने की आवश्यकता है। साइबर पुलिस ने भी किसानों को सचेत करने के उद्देश्य से साइबर क्रिमिनल्स से बचने की सलाह देते हुए इससे बचने के कुछ उपाय बताए हैं। यदि आप इन उपायों को अपनाते हैं तो आप बहुत हद तक साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको साइबर क्रिमिनल्सों से बचाव के उपाय बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं, इसके बारे में।
साइबर क्रिमिनल्स किसानों का भरोसा जीतने के लिए छोटे-छोटे पेमेंट से शुरुआत करते हैं, और फिर आपसे आपकी निजी सूचनाएं साझा करने या ज्यादा निवेश करने के लिए कहते हैं। जब आप पूरा उनके चक्कर में आ जाते हैं तब यह आपकी नकदी लेकर गायब हो जाते हैं। इसके अलावा साइबर क्रिमिनल्स आपको टेलीग्राम या व्हाट्सएप के माध्यम से पार्ट-टाइम जॉब्स जैसे- वीडियो लाइक करने के बारे में भी मैसेज भेज कर आपसे ठगी कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साइबर अपराधियों ने अब ठगी का एक नया तरीका निकाला है। ये अधिकतर व्हाट्सएप पर कॉल करके लोगों से ठगी करते हैं। इसके लिए ऐसे अपराधी पुलिस अधिकारी की वर्दी पहनकर कहीं का फर्जी एसएचओ, थानेदार बनकर कॉल करते हैं। ये फोन उठाने वाले व्यक्ति को कहते हैं कि उनका बेटा, बेटी, या कोई करीबी रिश्तेदार उनके कब्जे में है। उसे दुष्कर्म, मारपीट, हत्या आदि के मामले में पकड़ा गया है। यदि इसे छुड़ाना चाहते हैं तो इसके बदले में उन्हें रुपए भेजने होंगे। ये अपराधी दस हजार से लेकर एक लाख रुपए तक की डिमांड करते हैं। बता दें कि ऐसे मामले झारखंड राज्य में अधिक हो रहे हैं। यहां वॉट्सएप पर पुलिस अधिकारी का प्रोफाइल फोटो लगाकर जिस नंबर से साइबर अपराधी आम लोगों को कॉल कर रहे हैं, उनमें अधिकांश नंबर के पहले दो अंक 92 होते हैं। यह कोड पाकिस्तान का है। ऐसे में इस नंबर से कॉल आने पर लोग सतर्क रहे और इसे महत्व न दें और इसके बारे में अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं।
किसानों सहित आमजन को साइबर अपराधियों से बचने की सलाह दी जाती है। इसके लिए यदि आप कुछ उपाय करें तो आप ठगी के शिकार होने से बच सकते हैं। साइबर क्राइम पुलिस द्वारा कुछ उपाय बताए गए हैं, जो प्रकार से हैं-
यदि किसी के साथ साइबर ठगी की वारदात होती है तो ऐसे मामलों की शिकायत आप नीचे दी गई जगहों पर कर सकते हैं।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल पर आप साइबर ठगी के मामलों की ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसमें शिकायत दर्ज कराने का तरीका इस प्रकार से है-
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