प्रकाशित - 22 Dec 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
2020 और 2021 में अपनी पहली और दूसरी लहर से कहर मचाने वाला कोरोना एक बार फिर दस्तक दे रहा है। इस बार भी इसकी शुरुआत चीन से ही हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन में एक बार फिर से कोरोना अपने पैर पसार रहा है। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। बताया जा रहा है जिस तादाद में कोरोना की संक्रमितों की संख्या चीन में मिल रही है, इससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में चीन की करीब 60 प्रतिशत तक जनसंख्या कोरोना की चपेट में आ सकती है। वहीं इस बार कोरोना पूरी दुनिया में 10 प्रतिशत आबादी को अपनी गिरफ्त में ले सकता है। जिसका असर भारत पर भी पड़ सकता है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों और इससे संबंधित नियमों का पालन करना आवश्यक हो जाता है ताकि देश में 2020 और 2021 जैसे हालत फिर से न बन सकें।
इस खबर के बारे में आपको बताने का मकसद हमारा ये कतई नहीं है कि हम आपको डरा रहे हैं, बल्कि इस खबर से हम आपको आपके स्वास्थ्य पर आने वाले खतरे से सचेत कर रहे हैं। इसलिए ये खबर हर किसी के लिए जरूरी हो जाती है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में कोरोना संक्रमण के चीन में मच रहे कहर, इसका दुनिया पर प्रभाव और भारत पर इसका कितना असर दिखाई दे सकता है और इससे बचाव कैसे करें, इन सभी बातों पर चर्चा करेंगे। तो बने रहिये हमारे साथ।
चीन में कोरोना संक्रमण ने फिर से पैर पसार लिए हैं और संक्रमण की दर बढ़ती जा रही है। आगे इसकी दर और तेज होने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महामारी विशेषज्ञ और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फीगल-डिंग ने बताया कि चीन में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। लोगों को अस्पताल मे जगह नहीं मिल रही हैं। महामारी विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन के 60 प्रतिशत से अधिक और पूरी दुनिया में 10 प्रतिशत जनसंख्या कोरोनो के इस नए वैरिएंट से संक्रमित हो सकती है। वहीं लाखों लोगों की मौत होने की आशंका है। चीन में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में हमें भी सचेत रहने की जरूरत है।
चीन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिसमें चीन में कोरोना संक्रमण से पीडित मरीजों का इलाज अस्पताल में नीचे रखकर किया जा रहा है। वहीं एरिक फेगल-डिंग, एक महामारी विशेषज्ञ और यू.एस. में स्थित स्वास्थ्य अर्थशास्त्री के मुताबिक लग रहा है कि फिर से साल 2020 वापस आ गया है। रिपोर्टों की मानें तो हर दिन दोगुने मामले सामने आ रहे हैं। कई रिपोर्टों द्वारा यह भी कहा गया है कि चीन की करीब 60 प्रतिशत जनसंख्या कोरोना के इस नए वैरिएंट से प्रभावित हो सकती है। इसके पीछे प्रमुख कारण कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण की कमी और अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड की खराब स्थिति का होना बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन में हालात इतने बेकाबू हो चुके हैं कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने यहां तक कह दिया है कि जिसे भी संक्रमित होना है, संक्रमित होने दें, जिसे मरने की जरूरत है, उसे मरने दें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने ये भी दावा किया है कि अब चीन में संक्रमितों की संख्या एक दिन से भी कम समय में दोगुनी हो सकती है।
कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बैठक बुलाई । इसमें कोरोना की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर बताया कि कुछ देशों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक्सपर्ट के साथ बैठक की गई है। अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधितों को सतर्क रहने और निगरानी तेज रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है इस बार ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए.5.2 और बीएफ.7 का फैलाव तेजी से हो रहा है। लेकिन ये ज्यादा खतरनाक नहीं है। इस वेरिएंट से लोग जल्दी से ठीक हो रहे हैं। लेकिन फिर भी एतियात बरतना जरूरी है।
डॉक्टर के मुताबिक कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित होने पर आपको अपने शरीर में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जो इस प्रकार से हैं-
गले में खराश जो बाद में गंभीर इंफेक्शन रूप ले सकता है।
शरीर में दर्द की शिकायत होना।
शरीर में हल्का या तेज बुखार जैसे लक्षण दिखाई देना।
कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर अभी तक डब्ल्यूएचओं की तरफ से कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। ऐसे में कोराना से बचाव के लिए हम पुरानी गाइडलाइन को अपनाकर अपना बचाव कर सकते हैं जिसमें बाहर जाते समय मास्क का उपयोग, बार-बार हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके इससे बचा जा सकता है। इसके अलावा आप नियमित व्यायाम, हैल्दी डाइट और इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजों को अपने भोजन में शामिल करके इससे काफी हद तक इससे बचाव कर सकते हैं। हालांकि भारत में बूस्टर डोज भी लगाई जा रही है, जो इससे बचाव करने में सहायक हो सकती है।
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