Published - 09 Jul 2021
कोरोना संक्रमण को लेकर पूरी दुनिया पिछले साल से अब तक इस पर नियंत्रण पाने की कोशिशों में जुटी हुई है। वहीं ये वायरस आए दिन अपना रूप बदलकर लोगों को अपने आगोश में लेता जा रहा है। अभी तक कोरोना के चार वैरियंट अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा की पहचान की गई थी। जिसमें डेल्टा वैरियंट को सबसे खतरनाक माना जा रहा था। लेकिन अब डेल्टा से भी खतरनाक वैरियंट सामने आया है। इस वैरियंट के खतरनाक होने का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इस वैरियंट पर वैक्सीन का भी कोई असर नहीं होता है।
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मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार हाल ही में मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के लांबडा वैरिएंट को डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा बताया है। यह वैरिएंट दुनियाभर में कोरोना के नए मामले बढऩे के पीछे एक बड़ी वजह माना जा रहा है। मलेशियाई स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अभी तक 30 देशों में इस वैरिएंट का पता लगा है, जिनमें से एक ब्रिटेन भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी लांबडा को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट माना है जिसका मतलब है अभी वैरिएंट के असर को लेकर गहन जांच किया जाना जरूरी है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने इसी साल 14 जून को लांबडा को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया था। लेकिन दक्षिण अमेरिकी देश से शुरू होकर 30 देशों में पहुंचने के बावजूद लांबडा को अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अभी तक वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित नहीं किया है।
इस वैरियंट को अन्य अब तक पाए गए वैरियंट से काफी खतरनाक माना जा रहा है। इसके पीछे कारण ये है कि ये तेजी से फैलता है और साथ में ही एंटीबॉडीज को भी बेअसर कर देता है। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी इस तथ्य की पुष्टि के लिए और अधिक डेटा की जरूरत है।
पेरू में किए गए एक शुरुआती अध्ययन में यह दावा किया गया है कि लांबडा वैरिएंट आसानी से चीन की बनाई कोरोनावैक वैक्सीन को बेअसर कर देता है। हालांकि, अभी तक इस अध्ययन की गहन समीक्षा किया जाना बाकी है तो इसके निष्कर्षों को अंतिम सच नहीं माना जा सकता।
हाल ही में लांबडा वैरिएंट ऑस्ट्रेलिया में पाया गया है। यह ब्रिटेन के साथ ही 30 देशों में मौजूद है लेकिन इससे जुड़े मामलों की संख्या अभी भी कम है। ब्रिटेन में भी 6 मामले मिले और ये सभी अंतरराष्ट्रीय सफर से लौटे लोगों में पाया गया है। हालांकि, अभी तक भारत या उसके पड़ोसी देशों में इस वैरिएंट से जुड़ा कोई केस नहीं पाया गया है। लेकिन वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट बताने का मतलब ही यही है कि अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और संभवत: यह कई देशों में फैल चुका है। हालांकि, फ्रांस, जर्मनी, यूके और इटली जैसे देशों में इससे जुड़े मामले मिले हैं, जहां से कई यात्री भारत आते हैं।
लांबडा के साथ अभी तक सात ऐसे वैरिएंट हैं जिन्हें डब्लूएचओ ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट बताया है। चूंकि अभी इस वैरिएंट के मामले मामूली है और इसके संबंध में अधिक जानकारी भी नहीं है। इसलिए इस पर अभी फिलहाल गहन जांच की जरूरत बताई जा रही है। अभी फिलहाल अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा चार ऐसे वैरिएंट हैं जिनको लेकर चिंता का बनी हुई हैं और इनसे बड़ा खतरा बताया जा रहा है। इधर भारत में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
अभी भारत में दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है और अब कोरोना के केसों में भी भारी गिरावट देखने को मिल रही है लेकिन इसी बीच एक्सपर्ट्सों द्वारा तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर एक्सपर्ट्सों कहना है कि तीसरी लहर कब आएगी ये नहीं कहा जा सकता है लेकिन संभवत: दूसरी लहर कमजोर होने करीब 4 हफ्तों में यह लहर आ सकती है। इधर सरकार भी देश के नागरिकों को कोरोना प्रोटोकॉल को पूरी जिम्मेदारी से निभाने की अपील लोगों से कर रही है ताकि संभावित तीसरी लहर को आने से रोका जा सके।
देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से कम होने लगी है। हर दिन कोरोना के नए मरीजों का ग्राफ नीचे जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के 43 हजार 733 नए केस सामने आए हैं, जबकि 930 मरीजों की मौत हुई है। कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद अब देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या अब 3 करोड़ 6 लाख 63 हजार 665 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना से 4 लाख 59 हजार 920 एक्टिव केस हैं, जबकि 2 करोड़ 97 लाख 99 हजार 534 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। वहीं अब तक कोरोना से 4 लाख 4 हजार 211 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में अब तक 36,13,23,548 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
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