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कोरोना, ब्लैक फंगस के बाद अब एक और आफत “बोन डेथ”

Published - 06 Jul 2021

कोरोना से ठीक हुए मरीजों में बोन डेथ मामले, जानें, क्या है बोन डेथ बीमारी

कोराना संक्रमण के इलाज के बाद ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस, यलो फंगस के मामले सामने आए थे। अब इसके बाद एक ओर बीमारी कोरोना संक्रमित से ठीक हुए मरीजों में देखने को मिल रही है जिसका नाम बोन डेथ है। हाल ही में मुंबई में इसके तीन मामले सामने आने के बाद डाक्टरों की चिंता बढ़ गई है। ये मामले उन मरीजों में देखने को मिल रहे हैं जो कोरोना से ठीक हो चुके थे। मीडिया से मिली जानकारी के हवाले से कोरोना वायरस के चलते लोगों में संक्रमण से उबरने के बाद कई और समस्याएं पाई जा रही हैं। उनमें से उपजे एक रोग की पहचान एवैस्कुलर नेक्रोसिस यानी बोन डेथ के नाम की गई है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एवैस्कुलर नेक्रोसिस के कम से कम तीन मामले पाए गए हैं। डॉक्टरों की आशंका है कि अगले कुछ समय में यह मामले और बढ़ सकते हैं। ब्लैक फंगस और एवैस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों की प्रमुख वजह स्टेरॉयड्स को बताया जा रहा है।

 

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तीनों मरीज डॉक्टर थे इसलिए लक्षण पहचानने में हुई आसानी

मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में 40 साल की उम्र से कम के तीन मरीजों का इलाज किया गया। यह मामले उनके कोविड से उबरने के बाद सामने आए। माहिम स्थित हिंदुजा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ संजय अग्रवाल के अनुसार इन मरीजों को फीमर बोन (जांघ की हड्डियों का सबसे ऊंचा हिस्सा) में दर्द हुआ। तीनों मरीज डॉक्टर थे इसलिए उन्हें लक्षण पहचानने में आसानी हुई ऐसे में वह तुरंत इलाज के लिए आए।


क्या है एवैस्कुलर नेक्रोसिस यानी बोन डेथ

कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुए 40 की उम्र के लोगों में यह मामला देखने में आया है जिनमें एवैस्कुलर नेक्रोसिस बीमारी (बोन डेथ) के लक्षण पाए गए हैं। एवैस्कुलर नेक्रोसिस में हड्डियां गलने लगती हैं। मरीज को फीमर बोन (जांघ की हड्डियों का सबसे ऊंचा हिस्सा) में दर्द होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बोन टिशू तक ब्लड ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाता है। 


एवैस्कुलर नेक्रोसिस (बोन डेथ) होने के कारण

इसी बीमारी अग्रवाल का रिसर्च पेपर एवैस्कुलर नेक्रोसिस ए पार्ट ऑफ लॉन्ग कोविड-19 मेडिकल जर्नल बीएमजे केस स्टडीज में प्रकाशित हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि कोविड -19 मामलों में जीवन रक्षक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के चलते एवीएन  मामलों में बढ़ोत्तरी होगी। रिपोर्ट के अनुसार कुछ अन्य आर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट्स ने बताया कि उन्होंने भी कोविड के बाद के रोगियों में ऐसे एक या दो मामले देखे हैं। सिविल हॉस्पिटल के एक डॉक्टर ने कहा कि जो मरीज लंबे समय से कोविड-19 पीडि़ता हैं और उन्हें स्टेरॉयड की जरूरत है, यह चिंता का विषय है। राज्य सरकार की टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर राहुल पंडित ने कहा कि वह एवैस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों पर उनकी नजर है। उन्होंने कहा कि एक या दो महीने के भीतर में ऐसे मामले आ सकते हैं क्योंकि एवीएन आमतौर पर स्टेरॉयड के उपयोग के पांच से छह महीने बाद होता है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल महीने में स्टेरॉयड का जमकर इस्तेमाल हुआ। ऐसे में जल्द ही और मामले पाए जा सकते हैं।


टीकाकरण में तेजी से कोरोना नए मामलों में आई कमी

कोरोना टीकाकरण में तेजी आने से अब देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में निरंतर गिरावट देखी जा रही है। अब प्रतिदिन आ रहे नए मामलों की संख्या में भी कमी देखने को मिली है वहीं मौतों का आंकड़ा भी कम हुआ है। मीडिया से मिली जानकारी के हवाले से देश में बीते 24 घंटे में एक्टिव केस में 3, 279 मामलों की कमी आई है। जानकारी के अनुसार देश में फिलहाल 4,82,071 एक्टिव केस हैं, वहीं मृतकों की संख्या 402728 हो गई है। वहीं टीकाकरण की बात करें तो देश में रविवार को 14,81,583 लोगों का वैक्सीनेशन हुआ, वहीं अब तक कुल टीकाकरण की संख्या 35 कोरड़ 29 लाख हो चुकी है। दूसरी ओर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद आईसीएमआर के अनुसार देश में रविवार को कुल 15,22,504 लोगों की जांच हुई, वहीं अब तक कुल टेस्टिंग की संख्या 41,97,77,457 हो गई है।


अब तक कितने लोगों को लगाई जा चुकी है वैक्सीन की डोज

देश में मौजूदा समय बड़े स्तर पर कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का अभियान चल रहा है। इसके तहत बड़ी संख्या में लोगों को रोजाना टीके लगाए जा रहे हैं। ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो 21 जून से 3 जुलाई तक पिछले 13 दिनों में भारत में वैक्सीन की 6.77 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। वैक्सीनेशन का यह आंकड़ा 8 जून से 20 जुलाई की तुलना में 67 फीसदी अधिक है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में केंद्रीयकृत टीका और वितरण नीति अपनाए जाने से रिकॉर्ड संख्या में टीका लगाए जा रहे हैं। देश में 16 फरवरी से टीकाकरण शुरू हुआ था, लेकिन तबसे लगाई गई कुल वैक्सीन की डोज का 20 फीसदी हिस्सा इन दो हफ्तों में लगाया जा चुका है। 21 जून से शुरू हुए बड़े स्तर पर टीकाकरण के बाद से अब तक रोजाना औसतन वैक्सीन की 52.08 लाख डोज लगाई जा रही हैं। वहीं पिछले 13 दिनों में रोजाना का यह औसत करीब 31.20 लाख डोज का है।


कोरोना संक्रमण की भारत में वर्तमान स्थिति

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में 39,796 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढक़र 3,05,85, 229 हो गई है। बीते 24 घंटे में 723 लोगों की मौत हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय के अनुसार बीते 24 घंटे में 42,352 लोग ठीक हुए, जिसके बाद संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या दो करोड़ 97 लाख से अधिक हो गई है।


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