प्रकाशित - 15 Jul 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र सरकार की ओर से आम बजट 2024-25, 23 जुलाई को पेश किया जाना है। इससे पहले बजट में होने वाली घोषणाओं पर अनुमान लगाए जा रहे हैं तो कहीं बजट में योजना के संबंध में घोषणा करने की मांग की जा रही है। एक ऐसी ही मांग मनरेगा योजना (MGNREGA YOJANA) के संबंध में की जा रही है। बताया जा रहा है कि बजट 2024 से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ व्यापारिक और श्रमिक संगठनों ने 24 जून को प्री-बजट बैठक की। इसमें यह मांग उठाई गई है कि दिहाड़ी मजदूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाए और मनरेगा के तहत काम के समय को दोगुना किया जाए। मनरेगा के तहत काम के समय को 200 दिन करने की मांग की गई है। बैठक के बाद माना जा रहा है इस केंद्रीय बजट 2024 में केंद्र सरकार मनरेगा योजना के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है जिससे इस योजना से जुड़े करोड़ों लोगों को लाभ होगा।
मनरेगा (MGNREGA) या नरेगा योजना के तहत 100 दिन की अवधि का रोजगार प्रदान किया जाता है। राजस्थान की बात करें तो यहां 100 दिन पूरे करने वाले श्रमिकों को 25 दिन का रोजगार और दिया जा सकता है। यानी 125 दिन का रोजगार दिया जाता है। अन्य राज्यों में 100 दिन का कम से कम रोजगार प्रदान किया जाता है।
मनरेगा के तहत अलग-अलग राज्यों में मजदूरी की दर अलग-अलग है। सबसे अधिक मजदूरी हरियाणा में 374 रुपए प्रतिदिन है। जबकि सबसे कम मजदूरी अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में 234 रुपए प्रतिदिन है। अन्य राज्यों में यूपी व उत्तराखंड में 337 रुपए, बिहार और झारखंड में 245 रुपए, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 243 रुपए, राजस्थान में 266 रुपए, गोवा में 256 रुपए, पंजाब में 322 रुपए, ओडिशा में 254 रुपए, आंध्रप्रदेश में 300 रुपए, असम 249 रुपए, गुजरात 208 रुपए, कर्नाटक 349 रुपए, केरल में 346 रुपए, जम्मू-कश्मीर में 259 रुपए, महाराष्ट्र 297 रुपए, तमिलनाडु में 319 रुपए, पश्चिम बंगाल में 250 रुपए प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्याति ने राज्य सभा में बताया था कि 18 दिसंबर 2021 तक देश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के तहत जॉब कार्ड रखने वाले परिवारों की कुल संख्या 15.63 करोड़ है। इसमें से उत्तर प्रदेश में जॉब कार्ड वाले परिवारों की अधिकतम संख्या 2,11,25,892 और गोवा में न्यूनतम संख्या में जॉब कार्ड 34,459 है। मरेगा योजना की वेबसाइट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत 13.07 करोड एक्टिव वर्कर्स हैं।
मनरेगा (MGNREGA) का पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम है। इसे नरेगा (Nrega) के नाम से भी जाना जाता है। मनरेगा योजना के तहत सरकार की ओर से सड़कों, नहरों, तालाबों और कुओं के निर्माण कार्य या सफाई कार्य में रोजगार प्रदान किया जाता है। इसके तहत आवेदक के निवास के 5 किलोमीटर के दायरे में रोजगार दिया जाता है। इसके लिए न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाता है।
मनरेगा के तहत रोजगार पाने के लिए सबसे पहले आपके पास मनरेगा जॉब कार्ड (MGNREGA job card) का होना जरूरी है। यदि आपके पास मनरेगा जॉब कार्ड है तो आप योजना के तहत काम प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपके पास मनरेगा जॉबकार्ड नहीं है और इसे बनवाना चाहते हो तो इसके लिए अपने संबंधित ब्लॉक में आवेदन कर सकते हैं। यहां पर आपको आधार कार्ड और बैंक खाते का विवरण देना होगा। इसके बाद आपको जॉब कार्ड मिल जाता है। इस जॉब कार्ड के मिलने के बाद आप मनरेगा के तहत काम कर सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों जॉन डियर ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।