प्रकाशित - 02 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों के खेती के काम को आसान बनने के लिए आज बाजार में कई प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हैं, लेकिन महंगे होने के कारण हर किसान इन कृषि यंत्रों की खरीद नहीं कर सकता है। ऐसे में सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को कृषि यंत्रों/मशीनों (agricultural equipment/machines) की खरीद के लिए सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Center) खोलने और उसके लिए कृषि यंत्रों की खरीद हेतु सब्सिडी दी जा रही है। जो किसान कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कृषि यंत्रों की खरीद करना चाहते हैं, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
दरअसल राज्य सरकार की ओर से किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि यंत्रीकरण योजना (agricultural mechanization scheme) के तहत 80 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है। इस समय राज्य सरकार की ओर स्माम योजना के तहत किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना पर सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। साथ ही कृषि यंत्रों की खरीद पर भी अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए 5 अप्रैल से आवेदन शुरू किए जाएंगे। ऐसे में जो प्रदेश के जो किसान भाई सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग सेंटर की खोलना चाहते हैं या कृषि यंत्र की खरीद करना चाहते हैं, वे इस योजना में आवेदन करके अनुदान का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
कषि विभाग की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि यंत्रीकरण योजना (agricultural mechanization scheme) के तहत कुल 82 करोड़ 25 लाख रुपए की योजना को स्वीकृति दी गई है। योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से इस साल किसानों को 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इन कृषि यंत्रों में जुताई, बुवाई, निराई-गुड़ाई, सिंचाई, कटाई, दौनी तथा उद्यानिकी से संबंधित कृषि यंत्र शामिल किए गए हैं। इसके अलावा सरकार स्माम योजना के तहत इस वर्ष 104 करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से कृषि यंत्रों के साथ कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि यंत्र बैंक एवं स्पेशल कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए भी सब्सिडी दी जाएगी। स्माम योजना के तहत अवशेष प्रबंधन के यंत्र जैसे- सुपर सीडर, हैप्पी सीडर (Happy Seeder), स्ट्रॉ बेलर व मैनेजमेंट सिस्टम आदि पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए किसानों 40 से लेकर 80 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है जो अलग-अलग कृषि यंत्रों या मशीनों पर अलग-अलग सब्सिडी दी जाएगी।
कस्टम हायरिंग केंद्र (custom hiring center) के लिए कृषि विभाग की ओर से किसानों को अलग-अलग योजनाओं के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि यंत्र बैंक एवं स्पेशल कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए अलग-अलग सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी जो इस प्रकार है
सब मिशन ऑन मैकेनाईजेशन स्माम योजना (SMAM Scheme) के तहत 2024-25 में राज्य के सभी जिलों में कुल 267 कस्टम हायरिंग सेंटर जिसकी अनुमानित लागत 10 लाख रुपए है। इस पर किसानों को 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी।
सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन (SMAM) योजना 2024-25 में राज्य के 9 जिलों पटना, भोजपुर, कैमुर, बक्सर, नालंदा, रोहतास, नवादा, औरंगाबाद और गया जिलों में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए अनुदान दिया जाएगा।
स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की इकाई लागत पर किसानों को 80 प्रतिशत या अधिकतम 12 लाख् रुपए का अनुदान दिया जाएगा। वहीं सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन (SMAM) योजना 2024-25 में राज्य के चयनित गांवों में 101 कृषि यंत्र बैंक जिसकी इकाई लागत 10 लाख रुपए है इस पर 80 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी।
इस समय बिहार सरकार की ओर से किसानों को कृषि यंत्रीकरण योजना (agricultural mechanization scheme) और स्माम (SMAM) योजना दो योजनाओं के माध्यम से किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि यंत्र बैंक के लिए 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। इसके लिए आवेदन 5 अप्रैल से शुरू किए जाएंगे। बिहार राज्य के किसान इसमें आवेदन कर सकेंगे। आवेदक का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। आवेदक के चयन के बाद लाटरी की तिथि को ही परमिट जारी किया जाएगा जिसकी वैद्यता अवधि 21 दिनों की होगी।
जो किसान कस्टम हायरिंग के केंद्र या कृषि यंत्र बैंक के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें कृषि यंत्रीकरण सॉफ्टवेयर OFMAS आवेदन करने से पहले कृषि विभाग, बिहार के डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा। बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के OFMAS में आवेदन स्वीकर नहीं किया जाएगा। डीबीटी पोर्टल् पर रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट (www.farmech.bih.nic.in) पर आवेदन करना होगा।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए बिहार राज्य के इच्छुक प्रगतिशील किसान, जीविका समूह, ग्राम संगठन और क्लस्टर फेडरेशन अपनी सुविधानुसार कहीं से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत सभी प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए किसान कृषि यंत्र की कीमत से अनुदान की राशि को घटाकर शेष राशि का भुगतान करके संबंधित विक्रेता से यंत्र की खरीद कर सकेंगे। अनुदान की राशि संबंधित कृषि यंत्र निर्माता के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। ऑनलाइन आवेदन से संबंधित विशेष जानकारी के लिए किसान अपने प्रखंड कृषि पदाधिकारी/सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण)/जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
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