Published - 20 Oct 2021
किसानों को खेतीबाड़ी व बागवानी के काम को आसान बनाने के लिए सरकार की ओर से किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से किसान खेती के कामों के लिए सरकारी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को कृषि आदान खरीदने के लिए सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जा रहा है।
इसके अलावा कृषि यंत्रों पर सब्सिडी भी दी जाती है। ताकि छोटे किसान भी आधुनिक कृषि यंत्रों से खेती करने में समर्थ हो सके। इसी क्रम में उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से फ्री बोरिंग योजना (Free Boring Yojana) चलाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से किसान अपने खेत में बोरिंग करा सकते हैं। इतना ही नहीं पंप और पाइप खरीदने के लिए भी राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
उत्तर प्रदेश नि:शुल्क बोरिंग योजना (UP Nishulk Boring Yojana) लघु एवं सीमांत कृषकों के लिये वर्ष 1985 से संचालित है। यह विभाग की फ्लैगशिप योजना है। यह योजना अतिदोहित/क्रिटिकल विकास खंडों को छोडक़र प्रदेश के सभी जनपदों में लागू है। यूपी फ्री बोरिंग योजना का क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जाता है। नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने फ्री बोरिंग स्कीम के तहत विभिन्न हॉर्स पावर के पंपसेट खरीदने के लिए कर्ज की सीमा तय की गई है।
यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के तहत वर्गानुसार अनुदान का निर्धारण किया गया है। इसमें सामान्य जाति के लघु एवं सीमांत किसानों और अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों हेतु अनुदान की अधिकतम अनुदान की सीमा तय की गई है जो इस प्रकार से है-
इस योजना मे सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमान्त कृषकों हेतु बोरिंग पर अनुदान की अधिकतम सीमा क्रमश: 5000 रुपए व 7000 रुपए निर्धारित की गई है। सामान्य लाभार्थियों के लिए जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर निर्धारित है। सामान्य श्रेणी के कृषकों की बोरिंग पर पंपसेट स्थापित करना अनिवार्य नहीं है, परंतु पंपसेट क्रय कर स्थापित करने पर लघु कृषकों को अधिकतम 4500 रुपए व सीमान्त कृषकों हेतु 6000 रुपए का अनुदान देय होगा है।
अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों हेतु बोरिंग पर अनुदान की अधिकतम सीमा 10000 रुपए निर्धारित है। न्यूनतम जोत सीमा का प्रतिबंध तथा पंपसेट स्थापित करने की बाध्यता नहीं है। 10000 रुपए की सीमा के अंतर्गत बोरिंग से धनराशि शेष रहने पर रिफ्लेक्स वाल्व, डिलिवरी पाइप, बेंड आदि सामग्री उपलब्ध कराने की अतिरिक्त सुविधा भी उपलब्ध है। पंपसेट स्थापित करने पर अधिकतम 9000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
वर्ष 2012-13 से जल के अपव्यय को रोकने एवं सिंचाई दक्षता में अमिवृद्धि के दृष्टिकोण से कुल लक्ष्य के 25 प्रतिशत लाभार्थियों को 90 एमएम साइज का न्यूनतम 30 मीटर से अधिकतम 60 मीटर एचडीपीई पाइप स्थापित करने हेतु लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 3000 रुपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है। किसानों की मांग के दृष्टिगत शासनादेश संख्या-955/62-2-2012 दिनांक 22 मार्च 2016 से 110 एमएम साइज के एचडीपीई पाइप स्थापित करने हेतु भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
नि:शुल्क बोरिंग योजना के तहत नाबार्ड की ओर से विभिन्न अश्वशक्ति (हॉर्सपावर) के पंपसेटों के लिए ऋण की सीमा निर्धारित की गई है जिसके अधीन बैकों के माध्यम से पंपसेट खरीदने हेतु ऋण की सुविधा उपलब्ध है। जनपदवार रजिस्टर्ड पम्पसेट डीलरों से नगद पंपसेट क्रय करने की भी व्यवस्था है। दोनों विकल्पों में से कोई भी प्रक्रिया अपनाकर आईएसआई मार्का केे पंपसेट खरीदने करने पर अनुदान देय होगा।
फ्री बोरिंग योजना उत्तरप्रदेश सरकार ने अपने राज्य के किसानों के लिए चला रखी है। इसमें राज्य के किसान ही आवेदन कर सकते हैं। फ्री बोरिंग योजना यूपी में आवेदन केे लिए जो पात्रता या शर्तें रखी गई हैं वे इस प्रकार से हैं-
यदि आप उत्तर प्रदेश मुफ्त बोरिंग योजना (Uttar Pradesh Free Boring Yojana) का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए आवेदन करना होगा जिसके लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज की जरूरत होगी।
http://minorirrigationup.gov.in/MediaGallery/Nishulk%20Boring.pdf
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