प्रकाशित - 11 Apr 2023
नरमा कपास के भावों में तेजी का रूख दिखाई दे रहा है। अभी बीते दिन इसके भाव 8800 रुपए तक पहुंच गए। यह तेजी काफी समय बाद देखने को मिली है। किसानों को उम्मीद है कि इस साल नरमा कपास से उन्हें काफी अच्छा लाभ हो सकता है। इस समय प्रतिदिन नरमा कपास के भावों में 200 से 300 रुपए तक उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों की तुलना में अब नरमा के भावों में तेजी देखने को मिली है। इस समय कपास का बाजार भाव 8000 रुपए से लेकर 9500 रुपए प्रति क्विंटल तक देखने को मिल रहा है। बाजार में नरमा कपास के भावों में तेजी आना किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित होगा। यही भाव रहा तो किसानों को इस बार नरमा कपास से काफी लाभ होने की उम्मीद की जा सकती है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से नरमा कपास का विभिन्न मंडियों में बाजार भाव और आगे क्या रहेगा बाजार का रूख और इससे किसानों को कितना लाभ होगा इन सब बातों की जानकारी देंगे, तो आइये जानते हैं नरमा-कपास बाजार तेजी में मंदी रिपोर्ट।
देश की विभिन्न मंडियों में नरमा कपास (Soft Cotton) का भाव अलग-अलग चल रहा है। लेकिन अधिकांश मंडियों में इसके भाव एमएसपी से ऊपर हैं। देश की अधिकांश मंडियों में नरमा कपास के भावों में तेजी दर्ज की गई। विभिन्न मंडियों में नरमा कपास के भाव इस प्रकार से हैं-
महाराष्ट्र मंडी में कपास का भाव 12000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है।
आंध्रप्रदेश मंडी में कपास का भाव 9950 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से विपणन वर्ष 2023-24 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाते हुए भाव निर्धारित किए हैं। इसमें मध्यम रेशे वाले कपास का एमएसपी (MSP of Cotton) 5756 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। वहीं लंबे रेशे वाले कपास का भाव 6025 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। बता दें कि पिछले वित्तीय फसल विपणन वर्ष में मध्यम कपास का 5515 रुपए था। जबकि लंबे रेशे वाले कपास का भाव 5825 रुपए तय किया गया था। कपास के भावों में पिछले सीजन के मुकाबले इस सीजन में मध्यम रेशा कपास में 241 रुपए और लंबा रेशा कपास में 200 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इससे किसानों को इस बार एमएसपी पर भी कपास का बेहतर भाव मिलेगा।
12 प्रतिशत से अधिक नमी वाली कपास को नहीं खरीदा जाता है, ऐसी कपास अच्छी क्वालिटी की नहीं मानी जाती है। कपास की एमएसपी पर बिक्री के लिए कुछ मानदंड निर्धारित किए गए हैं जिसके अनुसार ही इसकी खरीद की जाती है। कपास बेतहर क्वालिटी की होनी चाहिए। इसमें बिलकुल भी पीलापन नहीं होना चाहिए। इसमें नमी की मात्रा 8 से लेकर 12 प्रतिशत तक होनी चाहिए। 12 प्रतिशत से अधिक नमी वाली कपास को नहीं खरीदा जाता है, क्योंकि इसे अच्छी क्वालिटी की नहीं मानी जाती है। क्वालिटी के हिसाब ही इसके रेट निर्धारित किए जाते हैं।
उदाहरण के लिए मान लें कि सबसे अच्छी कपास जिसमें नमी का प्रतिशत 8 या इससे कम है उसका रेट 5725 है। तो 9 प्रतिशत नमी वाली कपास का रेट 5667.70, 10 प्रतिशत नमी वाली कपास रेट 5610.50 और 11 प्रतिशत के लिए 5553.25 तथा सबसे कम रेट 12 प्रतिशत नमी वाली कपास का 5496 रुपए प्रति क्विंटल रेट होगा।
ऊपर देखने से आपको पता चलेगा कि कपास में नमी का कितना महत्व होता है। यदि 8 प्रतिशत तक की नमी को अच्छा कपास माना जाता है। इससे ज्यादा नमी वाली कपास को अच्छा नहीं माना जाता है। इसके भाव आपको कम ही मिलेंगे। इसलिए कपास में नमी का बहुत ध्यान रखें और मार्केट में बेचने से पहले नमी की मात्रा की जांच अवश्य कर लें।
भारत में कपास का उत्पादन कई राज्यों में किया जाता है। इसमें सबसे अधिक कपास का उत्पादन गुजरात में होता है। इसके बाद महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु में कपास का उत्पादन होता है। बता दें कि गुजरात में करीब 14 लाख किसान कपास की खेती (Cotton Farming) कर रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र में 22 लाख, आंध्रप्रदेश में करीब 7.49 लाख, मध्यप्रदेश में 4.78 लाख, हरियाणा में करीब 2.82 लाख, पंजाब में करीब 2.43 लाख, राजस्थान में करीब 3.75 लाख और तमिलनाडु में करीब 2.50 लाख किसान कपास का उत्पादन कर रहे हैं।
बाजार एक्सपर्ट्स की मानें तो कपास का भाव आगे उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। इसमें जो तेजी आई है वे नई कपास की आवक में बढ़ोतरी के साथ समान्तर भाव में आ जाएगी, लेकिन कपास के भाव ज्यादा नीचे नहीं होंगे। जिस तरह कपास में तेजी आई है उससे उम्मीद है कि इस वर्ष किसानों को कपास के अच्छे भाव मिलेंगे। बाजार भाव एमएसपी से ऊंचे बने रहेंगे।
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