प्रकाशित - 21 Apr 2023
खेती में अच्छी उपज हो इसके लिए सिंचाई का अहम योगदान है। बिना अच्छी सिंचाई के अच्छी पैदावार बहुत मुश्किल है। किसान सिंचाई की सुविधा के लिए मोटा पैसा खर्च करते हैं। कई बार आसपास नदी या तालाब न होने पर बोरिंग को रेंट पर लेकर भी छोटे किसानों को सिंचाई करनी पड़ती है। विद्युत की सुविधा न होने पर महंगे ईंधन वाले पंप से सिंचाई करनी होती है, जिससे किसानों का खेती में लागत बढ़ता है। लागत बढ़ने से मुनाफा भी कम होता है। सरकार किसानों की आय को बढ़ाने हेतु प्रतिबद्ध है। किसानों को अच्छी सिंचाई सुविधा देने और खेती में लागत को कम करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें किसानों के हित में अच्छी सिंचाई योजनाएं लाती रहती है। देश में और राज्य में बहुत सारे किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी के अभाव में किसान इसका फायदा नहीं उठा पाते।
ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में हम उत्तरप्रदेश सरकार के टॉप 5 नलकूप योजनाओं के बारें में, आवेदन करने की प्रक्रिया, पात्रता, आदि के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
उत्तरप्रदेश (यूपी) बोरिंग योजना में से एक उथले नलकूप योजना का संचालन सन 1985 से ही प्रदेश के किसानों के लिए किया जा रहा है। यह विभाग की फ्लैगशिप योजना है जो सामान्य जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग से आने वाले सभी लघु एवं सीमांत किसानों को नलकूप प्रदान करती है। बता दें कि ये योजना पूरी तरह से फ्री बोरिंग योजना नहीं है, लेकिन इसमें किसानों को अधिकतम 10 हजार रुपए का अनुदान देने का प्रावधान है। सामान्य जाति और पिछड़े वर्ग के किसानों को अधिकतम 7000 और वहीं अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के किसानों को 10000 रुपए का बोरिंग अनुदान दिया जाता है। बोरिंग के अलावा पंपसेट की खरीद पर भी सरकार द्वारा अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। सामान्य एवं पिछड़े वर्ग के किसानों को पंपसेट क्रय करने के लिए अधिकतम 6000 दिए जाते हैं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को अधिकतम 9000 रुपए का अनुदान पंपसेट खरीदने के लिए दिया जाता है। उथले नलकूप योजना में आवेदन करने की पात्रता की बात करें तो ऐसे किसान जो उत्तरप्रदेश के स्थाई निवासी हैं और लघु किसान हैं। 0.2 हेक्टेयर से अधिक जमीन नहीं होनी चाहिए। वह किसान योजना में आवेदन कर सकते हैं। आवश्यक दस्तावेज की बात करें तो आधार कार्ड, किसान पंजीकरण संख्या, पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल पंजीकरण संख्या, जमीन का दस्तावेज, मोबाइल नंबर, खसरा, खतौनी आदि संकलित कर लें। इस उत्तरप्रदेश नलकूप योजना (Agriculture borewell subsidy scheme up) में ऑनलाइन आवेदन के लिए https://scheme.jjmup.org/mi/index.php पर क्लिक करें। नीचे स्क्रॉल करने पर मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के प्रार्थना पत्र 2023 का विकल्प खुलेगा। विकल्प पर क्लिक करें और सभी मांगी गई आवश्यक जानकारी भर कर जमा करें। योजना में ऑफलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। इसके लिए किसान अपने विकास खंड या ब्लॉक में जाकर आवेदन पत्र भर कर खंड विकास अधिकारी या बीडीओ के पास जमा कर सकते हैं। पात्र किसानों को स्क्रूटिनी कर लाभ प्रदान किया जाएगा।
ऐसे क्षेत्र जहां बोरिंग की गहराई 31 मीटर से 60 मीटर तक होती है, वहां मध्यम गहरे नलकूप योजना के लिए किसान आवेदन कर सकते हैं। ये योजना उत्तरप्रदेश के किसानों के लिए है। योजना में सभी जाति या श्रेणी के कृषकों को पात्र माना गया है। मध्यम गहरे नलकूप योजना में लाभ के तौर पर किसानों को 50% तक अनुदान (Agriculture borewell subsidy) देने का प्रावधान है। अधिकतम अनुदान 75000 रुपए का दिया जाएगा। हालांकि नलकूप के विद्युतीकरण यानी नलकूप को बिजली देने के लिए 68000 रुपए का अलग से अनुदान दिया जाएगा। अगर नलकूप असफल होता है तो किसान द्वारा नलकूप के खनन में कुल व्यय राशि का 10 प्रतिशत या अधिकतम 1000 रुपए काटकर शेष धन किसान को वापस कर दिया जाता है। योजना में ऑनलाइन आवेदन के लिए मध्यम गहरे नलकूप योजना यूपी की ऑफिशियल वेबसाइट https://scheme.jjmup.org/mi/index.php पर जाएं। मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना प्रार्थना पत्र पर क्लिक करें। मध्यम नलकूप पर सब्सिडी योजना पर क्लिक कर, आवेदन हेतु आगे की प्रक्रिया को फॉलो करें। सभी जानकारी भरने और अंत में मोबाइल ओटीपी से सत्यापित करने के बाद आवेदन सबमिट करें। मध्यम गहरे नलकूप योजना में ऑफलाइन आवेदन के लिए अपने ब्लॉक में बीडीओ या खंड विकास अधिकारी के पास आवेदन करें। पात्र किसानों की स्क्रूटिनी कर योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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भूमिगत जल के काफी निचले स्तर वाले क्षेत्रों में गहरे नलकूप योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। गहरे नलकूप योजना में भी उत्तरप्रदेश के सभी जाति वर्ग एवं श्रेणी के किसान पात्र हैं। वर्तमान में गहरे नलकूप योजना के तहत किसानों को दिया जाने वाला अधिकतम लाभ 1 लाख रुपए तक का है। किसानों को गहरे नलकूप बनाने के लिए अधिकतम 50% तक का अनुदान दिया जाएगा। बोरिंग असफल होने की दशा में किसानों से 10% या अधिकतम 1000 रुपए काट कर शेष धन किसान को वापस कर दिया जाएगा। नलकूप के विद्युतीकरण हेतु 68000 हजार रुपए का अतिरिक्त अनुदान भी मान्य है। इस उत्तरप्रदेश बोरिंग योजना में ऑनलाइन आवेदन (application for borewell in up) के लिए गहरे नलकूप योजना यूपी की ऑफिशियल वेबसाइट https://scheme.jjmup.org/mi/index.php पर जाएं। मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना आवेदन पत्र पर क्लिक करें। गहरे नलकूप योजना का विकल्प चुन कर आवेदन में आगे की प्रक्रिया को पूरा करें। गहरे नलकूप के लिए ऑफलाइन आवेदन करने के लिए अपने ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी के पास आवेदन दें। नलकूप पर सब्सिडी के लिए दिए गए आवेदन की स्क्रूटिनी कर पात्र किसानों को लाभ प्रदान किया जाएगा।
डॉ. राम मनोहर लोहिया सामूहिक नलकूप योजना के तहत एससी, एसटी, ओबीसी, सामान्य हर वर्ग के किसान आवेदन हेतु पात्र हैं। हालांकि एससी एसटी यानी अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के किसान समूहों को नलकूपों के लिए 100% या 5 लाख रुपए का अनुदान (Government Subsidy for borewell in up) देने का प्रावधान है। सामान्य श्रेणी के लघु या सीमांत किसान 75% या अधिकतम 3.92 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। योजना में ऑनलाइन आवेदन के लिए सामूहिक नलकूप योजना यूपी की ऑफिशियल वेबसाइट https://scheme.jjmup.org/mi/index.php पर जाकर आवेदन करें। इस बोरिंग अनुदान योजना (Boring Anudan up) में ऑफलाइन आवेदन करने के लिए किसान समूह अपने ब्लॉक में जाकर बीडीओ के समक्ष आवेदन कर सकते हैं।
झांसी, ललितपुर, चित्रकूट, मिर्जापुर, महोबा, इलाहाबाद, सोनभद्र एवं चंदौली कुल 8 जनपद ऐसे हैं जो पठारी क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में नलकूप निर्माण ज्यादा मुश्किल होता है। सामुदायिक ब्लास्टकुप बनाने के लिए यहां 10 लाख रुपए की औसतन लागत आती है। वहीं निजी ब्लास्टकूप बनाने की लागत भी 3.15 लाख रुपए के लगभग आती है। अतः जो किसान समूह या किसान ब्लास्टकूप निर्माण योजना में आवेदन करना चाहते हैं वो योजना में ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए ब्लास्टकूप निर्माण योजना यूपी की ऑफिशियल वेबसाइट https://scheme.jjmup.org/mi/index.php पर जाएं। किसान इस योजना में ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। इस बोरिंग सब्सिडी योजना (boring subsidy up) में ऑफलाइन आवेदन करने के लिए किसान अपने ब्लॉक में खंड विकास अधिकारी या बीडीओ के समक्ष आवेदन कर सकते हैं।
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