प्रकाशित - 18 Nov 2024
किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार की ओर से किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका उन्हें लाभ मिल रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से किसानों को उनकी फसल खरीद पर बोनस भी दिया जा रहा है जिससे उन्हें अपनी फसल के बेचने पर 3100 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी (MSP) दिया जाएगा जिसमें बोनस के 800 रुपए शामिल होंगे। इस तरह राज्य के किसानों को इस बार धान विक्रय करने पर केंद्र द्वारा निर्धारित एमएसपी 2300 रुपए के साथ 800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस दिया जाएगा। इस राशि को राज्य के मुख्यमंत्री 8 दिसंबर को जारी करेंगे।
राज्य के मुख्यमंत्री के मुताबिक किसानों को इनपुट सहायता के रूप में प्रति क्विंटल धान पर 800 रुपए की अतिरिक्त राशि दी जाएगी, क्योंकि राज्य के किसानों को अक्सर बाढ़, चक्रवात, सूखा और फसलों पर कीटों के हमलों जैसी आपदाओं से जुझना पड़ता है जिससे फसल प्रभावित होती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए धान किसानों को इस बार 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। धान के लिए 3100 रुपए प्रति क्विंटल की इस राशि में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के रूप में 2300 रुपए और इनपुट सहायता के रूप में 800 रुपए शामिल हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पिछले दिनों राज्य के किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए धान के लिए प्रति क्विंटल 800 रुपए की अतिरिक्त राशि देने का ऐलान किया था। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में ओडिशा के धान किसानों को 3100 रुपए प्रति क्विंटल देने का वादा किया था। भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार 8 दिसंबर को बरगढ़ जिले के सोहेला में राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन आयोजित करेगी जिसमें किसानों को प्रति क्विंटल 800 रुपए की अतिरिक्त राशि जारी की जाएगी। किसान को एमएसपी के साथ इस अतिरिक्त राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से 48 घंटे के अंदर उनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
ओडिशा सरकार की ओर से किसानों के लिए लाभार्थी सीएम किसान योजना के साथ कालिया योजना शुरू की गई है। इसके लिए राज्य बजट में 1935 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत तीन घटकों को शामिल किया है जिसके तहत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह तीन घटक इस प्रकार से हैं-
योजना के इस घटक के तहत छोटे और सीमांत किसानों को खेती के लिए हर साल 4,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह वित्तीय सहायता 2,000 रुपए प्रति फसल सीजन के हिसाब से साल में दो बार दो किस्तों में दी जाएगी। इसमें पहली किस्त रबी फसल सीजन और दूसरी किस्त खरीफ फसल सीजन के लिए जारी की जाएगी। इससे प्राप्त होने वाली किस्त से किसान खेती के लिए उर्वरक, बीज और कीटनाशकों जैसे कृषि इनपुट खरीद सकते हैं।
योजना के दूसरे घटक में भूमिहीन किसान जो बागवानी, पशुधन और मत्स्य पालन आधारित गतिविधियों से जुड़े हुए है, उन्हें इस घटक के तहत हर साल 12,500 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना के तहत छोटी बकरी पालन इकाइयां, डकरी इकाइयां, मिनी परत इकाइयां, मछुआरों के लिए मत्स्य पालन किट, मशरूम की खेती, शहद की मक्खियों को पालना, तसर की खेती, डेयरी फार्मिंग, दोहरे उद्देश्य वाली कम इनपुट प्रौद्योगिकी वाली पक्षी इकाइयों को शामिल किया गया है।
इस योजना का तीसरा घटक कृषि विद्या निधि योजना है जिसके तहत योजना के लाभार्थियों के बच्चों को राज्य के एआईएसएचई कोड वाले सरकारी और निजी संस्थानों में इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग, कृषि और संबद्ध डिप्लोमा और आईटीआई में विभिन्न ट्रेडों जैसे- पेशेवर या तकनीकी पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
ओडिशा सरकार ने भी अपने राज्य में पीएम किसान योजना लागू की हुई है। इसके तहत राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ भी प्रदान किया जा रहा है। इस योजना से जुड़े किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्त का लाभ उपरोक्त योजना के लाभ अलावा मिल रहा है। ऐसे में उड़ीसा के किसानों को केंद्र की पीएम किसान योजना और राज्य की सीएम किसान योजना दोनों का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
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