प्रकाशित - 12 Aug 2024
किसानों को सरकार की ओर से प्राकृतिक आपदाओं से फसल में होने वाले नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। यह मुआवजा किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत दिया जाता है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से किसानों को फसलों में प्राकृतिक आपदा के कारण हुए 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर प्रति हैक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है। हाल ही में बिलासपुर जिले के बेलगहना तहसील के 4 गांवों के 164 ओला पीड़ित किसानों को 9 लाख रुपए की मुआवजा राशि के चेक का वितरण किया गया।
किसानों को यह मुआवजा राशि जिला कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर एसडीएम युगल किशोर उर्वशा ने कोनचरा में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान की। कार्यक्रम में किसानों को चेक का वितरण किया गया। शेष किसानों को आरटीजीएस के माध्यम से राशि बैंक खातों में जमा करा दी गई है। बता दें कि प्राकृतिक आपदा के तहत प्रति हैक्टेयर नुकसान के लिए 8500 रुपए का मुआवजा दिया जाता है। यह मुआवजा 33 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान पर दिए जाने का प्रावधान है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के बेलगहना के गांव पहांदा, कोनचरा, सूखेना और जरगा के किसानों को ओलावृष्टि से फसल को नुकसान का मुआवजा प्रदान किया गया। इसमें पहांदा के 116, कोनचरा के 33, सूखेना के 11 और जरगा के 4 किसान को मुआवजा दिया गया। बता दें कि बेलगहना के गांव पहांदा, कोनचरा, सुखेना और जरगा के किसानों का रबी धान की फसल को ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा था। ऐसे में यहां के किसानों ने जनदर्शन कार्यक्रम में कलेक्टर को आवेदन देकर मुआवजे की मांग की थी।
छत्तीसगढ़ में राज्य के किसानों के लिए अन्य कई प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है जिससे उन्हें लाभ हो रहा है, किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाएं इस प्रकार से हैं-
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदेश के किसानों को 9,000 रुपए प्रति आदान सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राशि मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक किसानों को दी जाती है। इसके अलावा यदि साल 2020-21 में किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था और किसान धान की जगह कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, तिलहन, दलहन, सुगंधित धान, पपीता, केला आदि फसल लगता है या वृक्षारोपण करता है तो इस स्थिति में किसान को 10,000 रुपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जाती है। वृक्षारोपण करने के लिए किसान को 3 साल तक आदान सहायता राशि दी जाती है।
इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों को नलकूप खनन और पंप स्थापना के लिए अनुदान दिया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य नलकूपों के जरिये उपलब्ध भूजल का समुचित उपयोग करके फसलों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराकर उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाना है।
राज्य के छोटे किसान जिनकी आर्थिक स्थित कमजोर है जो आधुनिक कृषि यंत्र खरीद नहीं पाते हैं, ऐसे में उनकी सुविधा को देखते हुए राज्य में कृषि यंत्र सेवा केंद्र की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे किसानों को कम किराये पर कृषि यंत्र उपलब्ध हो सके। कृषि यंत्र सेवा केंद्र की स्थापना के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है।
सौर सुजला योजना के तहत किसानों को दूर दराज के क्षेत्रों में बिजली की पहुंच के लिए सौर सुजला योजना शुरू की है। इस योजना का संचालन छत्तीसगढ़ क्रेडा द्वारा किया जाता है। इस योजना के तहत सरकार की ओर से 2 एचपी, 3 एचपी और 5 एचपी क्षमता के सौर पंप किसानों को प्रदान किए जाते हैं। इस योजना के तहत रियायती दामों पर सोलर पंप लगाए जाएंगे। अब तक इस योजना से राज्य के करीब एक लाख किसान लाभान्वित हो चुके हैं।
इस योजना के तहत किसानों को पुरस्कृत किया जाता है। आत्मा योजना के तहत वे किसान भाग ले सकते हैं जिन्होंने कृषि या उससे संबंद्ध क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किया हो। इस योजना के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को राज्य, जिला तथा पंचायत समिति स्तरीय पुरस्कार से प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत राज्य, जिला तथा पंचायत समिति स्तर पर चयनित किसानों को क्रमश: 50,000 रुपए, 25,000 रुपए तथा 10,000 रुपए का पुरस्कार दिया जाता है।
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