प्रकाशित - 10 Jun 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
मानसून की बारिश के साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई का काम शुरू हो जाएगा। खरीफ की प्रमुख फसल धान की खेती (Paddy farming) के अलावा किसान इस सीजन में मक्का की खेती (maize cultivation) करके भी काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। खास बात यह है कि मक्का की खेती के लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। योजना के तहत किसानों को मक्का की 8 किस्मों के बीजों पर अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। ऐसे में किसान कम लागत पर मक्का की खेती करके काफी अच्छा लाभ प्राप्त सकते हैं।
सरकार की ओर से मोटे अनाज की खेती (millet farming) को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत ज्वार, कोदो, चीना, रागी, मडुआ के साथ ही मक्का को भी मोटे अनाज की श्रेणी में रखा गया है। मक्के का कई तरह से उपयोग किया जाता है, मक्के की रोटी तो बनाकर खाई ही जाती है, वहीं बरसात में इसके भुट्टे को सेक कर खाया जाता है। इससे पोपकॉर्न बनाया जाता है। इसके दानों का उपयोग सब्जी, सूप, पकौड़े, टिक्की आदि बनाने में किया जाता है। इसके अलावा बिस्कुट, ब्रेड, कुकीज, वेफर्स आदि ब्रेकरी उत्पादों में भी मक्का का उपयोग होता है। पशुओं के आहार में भी मक्का को शामिल किया जाता है। आजकल इसका उपयोग इथेनॉल बनाने में भी किया जाने लगा है। इस तरह मक्का की बाजार मांग अच्छी होने से इसकी खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से खरीफ अभियान 2024 में मक्का बीज वितरण कार्यक्रम (Maize Seed Distribution Programme) चलाया जा रहा है। इसके तहत किसानों को 25-25 एकड़ में क्लस्टर बनाकर खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। विभाग की ओर से 4493 कलक्टर में मक्का बीज लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा स्वीट कॉर्न (sweet corn), बेबी कॉर्न (baby corn) मक्का की खेती को बढ़ावा देने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। इस समय मक्का की 8 किस्मों के बीजों पर किसानों को अनुदान का लाभ प्रदान किया जा है। बताया जा रहा है कि 150 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से किसानों को मक्का का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। बता दें कि राज्य में किसानों को मक्के के बीजों पर 50 से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।
राज्य के किसानों को मक्का के बीजों पर सब्सिडी प्रदान करने के साथ ही सरकार मक्का को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) के दायरे में लाने पर विचार कर रही है ताकि किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सके। ऐसे में किसानों के लिए मक्का की खेती वरदान साबित हो सकती है। अभी फिलहाल मक्के के बीजों पर अनुदान दिया जा रहा है। राज्य के जो किसान मक्का के बीजों पर अनुदान का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
मक्का की फसल कम अवधि में तैयार हो जाती है। इसकी फसल को तैयार होने में साढ़े तीन माह का समय लगता है। इसके बाद किसान खरीफ की अन्य फसल की खेती करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। खरीफ सीजन में किसान मक्का के साथ खीरा, भिंडी, बींस जैसी सब्जियों की खेती करके अपने मुनाफे को बढ़ा सकते हैं।
यदि आप बिहार के किसान है तो आप मक्का के बीजों पर मिलने वाले अनुदान का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। बिहार सरकार की ओर से राज्य के किसानों को विभिन्न फसलों के बीज पर अनुदान दिया जाता है। जो किसान अनुदान पर मक्का के बीज प्राप्त करना चाहते हैं, वे किसान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, कृषि विभाग बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पोर्टल brbn.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसानों के पास कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीयन संख्या का होना जरूरी है। इसके बिना आप आवेदन नहीं कर पाएंगे। यदि नए किसान है और आपके पास पंजीयन संख्या नहीं है तो आपको आवेदन से पहले अपना पंजीयन करना होगा और पंजीयन संख्या प्राप्त करना होगा। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से किसानों को घर बैठे बीज वितरण की व्यवस्था भी की गई है। इसमें किसानों को बीजों की होम डिलीवरी भी की जाती है। इसके लिए किसान को अतिरिक्त शुल्क देना होता है। किसान बीज अनुदान योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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