प्रकाशित - 03 Oct 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सोयाबीन व कपास की खेती (Soybean and Cotton Cultivation) करने वाले किसानों के लिए खुशखबर आई है। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों को सोयाबीन और कपास पर 5,000 रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। राज्य के किसानों को यह सब्सिडी खरीफ सीजन 2023 के तहत दी जा रही है जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। योजना के तहत प्रथम चरण में राज्य के 49 लाख से अधिक पंजीकृत किसानों सोयबीन और कपास की फसल के लिए सब्सिडी (subsidy) जारी की गई है। योजना का लाभ 96 लाख किसानों को दिया जाएगा। शेष किसानों को भी जल्द ही दूसरे चरण में सब्सिडी की राशि प्रदान की जाएगी। हाल ही में राज्य कैबिनेट की बैठक के दौरान सब्सिडी वितरण के पहले चरण की शुरुआत की गई। राज्य सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी (DBT) के माध्यम से 49.5 लाख पंजीकृत किसानों के खातों में 2,398.93 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं।
महाराष्ट्र में पिछले साल खरीफ सीजन 2023 के दौरान सोयाबीन और कपास की फसलों को बारिश से काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद राज्य सरकार ने किसानों को प्रति हैक्टेयर 5,000 रुपए की सब्सिडी (subsidy) देने की घोषणा की थी। इस घोषणा को सरकार ने अब पूरा करते हुए सोयाबीन व कपास किसानों के खाते में सब्सिडी की राशि ट्रांसफर की है जिससे इन किसानों को काफी राहत मिलेगी।
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुडे ने कहा कि इस योजना का लाभ 96 लाख किसानों को दिया जाना है। इसके लिए आधार वेरिफिकेशन और अन्य प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद चरणबद्ध तरीके से शेष किसानों को भी सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाएगा। कृषि विभाग के अनुसार राज्य 96 लाख किसान हैं जो कपास और सोयाबीन की खेती करते हैं। इसमें से 68,06,923 किसानों ने सब्सिडी (subsidy) के लिए सरकारी पोर्टल पर जानकारी अपलोड की है।
सरकार की ओर से किसानों को राहत प्रदान करने के लिए सोयाबीन और कपास की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। योजना के तहत प्रति हैक्टेयर 5,000 रुपए की सब्सिडी किसानों को दी जा रही है। इस योजना के तहत एक किसान को अधिकतम दो हैक्टेयर तक ही सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाएगा।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र दौरे के दौरान कहा था कि इस सीजन में कपास और सोयाबीन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी। इससे भी यहां के किसान काफी आश्वास्त हैं कि उनको सोयाबीन की फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा। यह खरीद कब होगी इसको लेकर अभी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। इसी के साथ केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कच्चे खाद्य तेल पर से आयात शुल्क भी बढ़ा दिया है ताकि सोयाबीन की कीमतों में सुधार हो सके। हालांकि केंद्र सरकार के इस कदम से सोयाबीन की कीमतों में तेजी जरूर आई है, लेकिन अभी भी सोयाबीन के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) के बराबर या उससे नीचे बने हुए हैं जिससे किसानों को सोयाबीन की फसल बाजार में बेचने से जितना लाभ होना चाहिए उतना नहीं हो पा रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25 के लिए 4892 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है जो पिछले साल 2023-24 के मुकाबले 292 रुपए अधिक है। इसके बावजूद बाजार में सोयाबीन के भाव (soybean prices) एमएसपी से ऊपर नहीं आ रहे हैं। यदि बात करें महाराष्ट्र की मंडियों की तो यहां सोयाबीन का भाव (soybean price) वर्तमान बाजार दरों के अनुसार सायोबीन का औसत मूल्य 4073.33 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे कम बाजार की कीमत 2850 रुपए प्रति क्विंटल है और सबसे उच्च बाजार कीमत 4561 रुपए प्रति क्विंटल है। यहां की नासिक लासलगांव (निफाड) मंडी में 4608 रुपए प्रति क्विंटल, परभणी गंगाखेड मंडी में 4650 रुपए व परभणी ताड़कलास मंडी में 4600 रुपए प्रति क्विंटल और यवतमाल बाभुलगांव मंडी में 4625 रुपए सोयाबीन के भाव देखें गए हैं। यह भाव इन मंडी में सोयाबीन के उच्चतम भाव हैं। ऐसे में सोयाबीन के गिरते भावों को लेकर किसान काफी चिंतित हैं।
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