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खुशखबर : अब नहीं करना होगा इंतजार, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए मात्र 8 दिन में मिलेगी स्वीकृति

प्रकाशित - 03 Jun 2024

सरकार ने तय की कृषि यंत्रों पर अनुदान की समय सीमा, जानें, पूरी जानकारी

सरकार की ओर से छोटे और जरूरतमंद किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद के लिए सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है। अलग-अलग राज्यों में वहां के नियमों के अनुसार कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान दिया जाता है। अक्सर देखा गया है कि किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने में काफी समय लगता है, इसके पीछे अधिकारियों का रवैया भी जिम्मेदार है जिसके कारण किसानों को कई बार कृषि यंत्र अनुदान (agricultural equipment grant) के लिए विभाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। किसानों को निर्धारित समय सीमा में अनुदान स्वीकृत किया जाएगा और 85 दिन के भीतर उन्हें अनुदान की राशि प्राप्त हो जाएगी। इससे राज्य के किसानों को राहत मिलेगी और काम में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर लगाम लगेगी।

कब से लागू होगा यह नियम (When will this rule come into effect)

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब राज्य के किसानों को कृषि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर दी जाने वाली सब्सिडी (subsidy) का भुगतान आवेदन के 85 दिन के अंदर मिल जाएगा। कृषि विभाग की ओर से किसान अधिकार पत्र लागू किया गया है। इसे विभागीय साइट पर अपलोड करने के बाद इस सत्र की फाइलों पर लागू किया जाएगा। संबंधित कर्मचारियों को निर्धारत समय सीमा के अनुसार किसानों की कृषि यंत्र अनुदान से सबंधित फाइलों का निस्तारण करना होगा।

आवेदन के सात दिन में होगी दस्तावेजों की जांच (Documents will be scrutinized within seven days of application)

कृषि विभाग के कर्मचारियों की ओर से बताया जा रहा है कि नए सत्र से राज किसान पोर्टल पर आवेदन के 85 दिन की समयावधि में अनुदान जारी किया जाएगा। विभाग को आवेदन के सात दिन में दस्तावेजों की जांच का काम करना होगा और इसके बाद 8 दिन में प्रशासनिक स्वीकृति जारी करनी होगी। वहीं 45 दिन के भीतर किसान को कृषि यंत्र खरीदकर कृषि पर्यवेक्षक को रिपोर्ट देनी होगी। 15 दिन में कृषि पर्यवेक्षक को पोस्ट वैरिफिकेशन करना होगा। इसके बाद बजट होने पर 10 दिन में अनुदान की राशि का भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में करना होगा।

कृषि यंत्र अनुदान योजना में किन कृषि यंत्रों पर मिलता है अनुदान (Which agricultural equipment is eligible for subsidy under the Agricultural Equipment Grant Scheme)

राजस्थान में कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत 20 बी.एच.पी. से कम की क्षमता से लेकर 35 बी.एच.पी. से अधिक की क्षमता तक के सीड ड्रिल/सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, डिस्क प्लाऊ/डिस्क हैरो, रोटावेटर, मल्टीक्रॉप थ्रेसर, रिज फरो प्लांटर/ मल्टीक्रॉप प्लांटर/ ट्रैक्टर ऑपरेटेड रिपर और चिजल प्लाऊ पर अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा अन्य अनुमोदित कृषि यंत्रों पर अनुदान सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाईजेशन (SMAM) योजना के प्रावधानों के अनुसार दिया जाता है। इसी तरह एन.एफ.एस.एस. (गेहूं एवं दलहन) योजना के तहत रोटावेटर/टर्बो सीडर, मल्टीक्रॉप थ्रेसर, सीड ड्रिल या सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, डिस्क हैरो/डिस्क प्लाऊ इत्यादि कृषि यंत्रों पर एस.एम.ए.एम. योजना के प्रावधानों के अनुसार अनुदान दिया जाता है।

किसानों को कृषि यंत्रों पर कितनी मिलती है सब्सिडी (How much subsidy do farmers get on agricultural equipment)

कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत विभिन्न कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ प्रदेश के किसानों को प्रदान किया जाता है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत व महिला किसानों को कृषि यंत्र की लागत का 50 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। वहीं अन्य किसानों को कृषि यंत्र की लागत का 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। कृषि यंत्रों पर दी जाने वाली सब्सिडी की राशि में जीएसटी (GST) शामिल नहीं किया जाता है। जीएसटी का भुगतान किसान को स्वयं करना होता है।

किसानों के बच्चों को भी मिलता है अनुदान (Farmers' children also get grants)-

कृषि विभाग की ओर से संचालित की जा रही योजनाओं में किसान के बच्चों के लिए भी योजना का संचालन किया जाता है। इसमें कृषि में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सहायता राशि प्रदान की जाती है। योजना के तहत कृषि विषय लेकर सीनियर सैकेंडरी में अध्ययन करने वाली छात्राओं को हर साल 15,000 रुपए की राशि दी जाती है। यह राशि कक्षा 11वीं एवं 12वीं कक्षा हेतु दी जाती है। वहीं कृषि स्नातक शिक्षा जैसे उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, खाद्य प्रसंस्करण व श्री कर्ण नरेंद्र व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, जोबनेर में अध्ययनरत छात्राओं को 25,000 रुपए प्रतिवर्ष की दर से 4/5 वर्षीय पाठ्यक्रम हेतु दिए जाते हैं। इसी प्रकार कृषि स्नातकोत्तर शिक्षा (एम.एस.सी. कृषि) में अध्ययनरत छात्राओं को 25,000 रुपए की राशि प्रतिवर्ष की दर से दो वर्षीय पाठ्क्रम हेतु दिए जाते हैं। इसके अलावा कृषि विषय में पी.एच.डी. में अध्ययरत छात्राओं को 40,000 रुपए प्रति वर्ष अधिकतम तीन वर्ष के लिए प्रदान किए जाते हैं। 

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