प्रकाशित - 14 Apr 2023
देश में जल संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। चूंकि 90% भूमिगत जल का उपयोग खेती के लिए किया जा रहा है, यही वजह है कि देश के ज्यादातर राज्यों को सिंचाई के लिए पानी की कमी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बहुत सारे ऐसे किसान हैं, जो जलसंरक्षण कर, तालाब निर्माण कर खेती कर रहे हैं और तालाब के पानी से ही सिंचाई का कार्य भी कर रहे हैं। सरकार जलसंरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जहां देश में तालाब निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं जल संरक्षित करने के और भी तरीके खोज रही है। इन्हीं तरीकों में से एक है धान की डीएसआर तकनीक से बुआई यानी सीधी बिजाई। धान की सीधी बिजाई से किसान का बहुत पानी बचता है, इससे भूमिगत जल का दोहन भी कम होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बिजाई को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को 4000 रुपए प्रति एकड़ अनुदान देने का फैसला किया है।
ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में हम धान की सीधी बुआई पर अनुदान कैसे मिलेगा, कितना अनुदान मिलेगा, प्रक्रिया क्या होगी आदि इस योजना से संबंधित पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
देश में जल संरक्षण को बढ़ावा देने और खेती में पानी की उपयोग को कम करने के लिए सरकार द्वारा किसानों को यह अनुदान दिया जा रहा है ताकि किसान धान की सीधी बिजाई करके पानी की बचत कर सकें। कहा गया है, जल, धरती की आत्मा है। जल का उतना ही दोहन करना चाहिए, जितनी हमारी जरूरत हो। यही वजह है कि सरकार कम सिंचाई वाली फसलों को प्रोत्साहित कर रही है और धान की खेती (paddy farming) न करने वाले किसानों को भी अनुदान दे रही है।
हरियाणा में बासमती चावल की खेती बड़े स्तर पर होती है। यहां से सिर्फ भारतीय बाजार ही नहीं बल्कि सऊदी अरब और कई विदेशी बाजारों में बासमती (basmati) का निर्यात किया जाता है। इसलिए चावल की जरूरतों को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया कि जो भी किसान धान की सीधी बिजाई या डीएसआर तकनीक से बिजाई करेंगे उन्हें 4000 रुपए प्रति एकड़ का अनुदान दिया जाएगा।
ऐसे किसान जो हरियाणा राज्य के स्थाई निवासी हैं, उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। हालांकि किसान को इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करते समय कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
जो किसान धान सीधी बिजाई योजना का लाभ लेने के इच्छुक हैं, उन्हें इस योजना में आवेदन करते समय जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं
धान की सीधी बिजाई के लिए दिए जाने वाले अनुदान के लिए समय-समय पर राज्य सरकार की ओर से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण कराने के लिए योजना की ऑफिशियल वेबसाइट www.fasal.haryana.gov.in पर जाकर पंजीकरण किया जा सकता है। किसान पंजीकरण की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया इस प्रकार से है
जलसंरक्षण एक बड़ा विषय है, जिसे सरकार गंभीरता से ले रही है। लेकिन बिना किसानों के सहयोग से जलसंरक्षण के मिशन को पूरा कर पाना असम्भव है। किसान जल के संचयन में सरकार के बहुत बड़े मददगार बन सकते हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही तालाब निर्माण सब्सिडी वगैरह का लाभ लेकर मछलीपालन के साथ-साथ जलीय खेती और हंस या बत्तख पालन भी साथ में कर सकते हैं। सरकार के अनुदान के अलावा किसानों को एक साथ इतनी सारी कृषि क्रियाओं के जरिये काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा। जलीय खेती में किसान मखाने की खेती, कमल की खेती, लंबे धान की खेती आदि कर सकते हैं। साथ ही मछलीपालन और बत्तख पालन (duck farming) कर किसान तिगुना मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। किसान के इस कदम से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि उनका जल संरक्षण (water conservation) के मिशन में भी बड़ा योगदान हो पाएगा। यदि किसान बारिश का जल तालाब में संरक्षित करते हैं तो उन्हें साल भर सिंचाई के लिए पानी (water for irrigation) उपलब्ध हो जाएगा।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों आयशर ट्रैक्टर, कैप्टन ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।
Social Share ✖