प्रकाशित - 22 Jun 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
जलवायु परिवर्तन के इस दौर में असमय और असामान्य बारिश का प्रभाव देश की खेती पर पड़ रहा है। कई जगहों पर सूखे के हालत बन रहे हैं। पानी की कमी को देखते हुए सरकार की ओर से किसानों को धान की खेती (Paddy farming) छोड़कर अन्य प्रकार की कम पानी में पैदा होने वाली फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक भी कम समय में तैयार होने वाली किस्मों को विकसित करने में लगे हुए है और उन्होंने ऐसी कई किस्में भी विकसित की है जो किसानों को कम समय में बेहतर उत्पादन देती हैं। इधर सिंचाई के पानी की कमी को देखते हुए सरकार किसानों को मोटे अनाज की खेती (For cultivation of coarse grains) के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए किसानों को 15,000 रुपए तक की सब्सिडी (subsidy) भी दी जा रही है।
मोटे अनाज में किसान ज्वार, बाजारा, रागी जैसी फसलों की खेती कर सकते हैं। इसके अलावा सरकार की ओर से दलहन और तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से मिलेट मिशन चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने किसानों को धान के अलावा अन्य फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मिलेट मिशन योजना (Millet Mission Scheme) शुरू की गई है।
वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार की ओर से मिलेट मिशन योजना (Millet Mission Scheme) शुरू की गई है। योजना के तहत मोटे अनाज जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी, मडुआ, सॉवा, कोदो आदि की खेती के लिए कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को 3,000 रुपए से 15,000 रुपए तक सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। अनुदान की राशि मोटे अनाज की खेती पर निर्धारित की गई कुल लागत का 30 प्रतिशत दी जाएगी। योजना के अनुसार एक किसान न्यूनतम 10 डिसमिल से 5 एकड़ तक के लिए अनुदान का लाभ प्राप्त कर सकता है। योजना के तहत किसानों को 3,000 रुपए से 15,000 रुपए तक डीबीटी के जरिये अनुदान राशि सीधे उसके खाते में दी जाएगी।
अभी यह योजना झारखंड राज्य में चलाई जा रही है और इसके लिए किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। योजना का लाभ उन किसानों को दिया जाएगा जो झारखंड राज्य के स्थाई निवासी हैं। योजना के तहत अनुदान का लाभ रैयत और बटाईदार दोनों तरह के किसान उठा सकते हैं।
मिलेट मिशन योजना झारखंड में आवेदन करते समय किसानों को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
मिलेट मिशन योजना झारखंड का लाभ प्राप्त करने के लिए राज्य के किसान प्रज्ञा केंद्रों के सहयोग से ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। पूर्व में योजनाओं का लाभ प्राप्त करने वाले किसानों को दुबारा से पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन मिलेट योजना में आवेदन करना आवश्यक है। किसान योजना का लाभ 30 अगस्त 2024 से पहले आवेदन करके उठा सकते हैं। योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान अपने प्रखंड विकास अधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक से संपर्क कर सकते हैं।
मिलेट मिशन योजना को 2023-24 से 2027-28 तक पांच सालों के लिए प्रस्तावित की गई है। यह योजना राज्य के 24 जिलों में लागू की गई है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय किसान दिवस पर बाजरा की खेती करने वाले राज्य के 10 किसानों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसमें 50 हजार रुपए का नकद पुरस्कार रखा गया है। पुरस्कार योजना के तहत किसान को इसके लिए 30 अगस्त से पहले सीएससी के माध्यम से पंजीयन करना होगा। इसके बाद 1 सितंबर से 15 नवंबर 2024 तक उनके खेतों व फसल का सर्वेक्षण कराया जाएगा। इस आधार पर पूरे राज्य में किसानों का चयन किया जाएगा। बता दें कि इस योजना के तहत अगले 5 सालों में 5 लाख हैक्टेयर में मोटे अनाज की खेती का लक्ष्य रखा गया है।
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