प्रकाशित - 08 Oct 2022
पशुपालन और डेयरी को लेकर सरकार की ओर से कई लाभकारी योजनाएं संचालित की जा रही है जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों को पशुपालन और डेयरी खोलने के लिए प्रोत्साहित करती है। इन योजना के तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जाता है ताकि उन्हें पशुपालन से संबंधित व्यवसाय खोलने में सहायता मिल सके। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राज्य के किसानों के लिए पशुपालन और डेयरी को लेकर पशुधन विकास योजना चलाई जा रही है। पशुपालन या डेयरी खोलने वाले किसानों को इस योजना के तहत 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। हाल ही में इस योजना में संशोधन किया गया है। इसके तहत इसमें अनुदान की राशि में बढ़ोतरी की गई है। पहले इस योजना में 50 प्रतिशत तक ही अनुदान दिया जाता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार झारखंड सरकार की ओर से राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के सफल संचालन के लिए सब्सिडी की राशि में बढ़ोतरी की गई है। इसमें मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मिनी डेयरी की योजना और डेयरी विकास के लिए आधुनिक यंत्रों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी शामिल है। अब इन योजनाओं के तहत विभिन्न वर्ग के लाभार्थी व्यक्तियों को सरकार की ओर से 50 से 90 प्रतिशत तक का सब्सिडी दी जाएगी।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गव्य विकास निदेशालय द्वारा संचालित उपयोजना के तहत लाभुकों को मिलने वाले अनुदान में संशोधन किया गया है। योजना के तहत अब आपदा, आग लगी, सडक़ दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्तक्ता और दिव्यांग महिलाओं को दुधारू गाय या भैंस की खरीद पर दिए जाने वाले अनुदान में बढ़ोतरी की गई है। अब लाभार्थी महिला को 90 प्रतिशत सब्सिडी पर दो दुधारू गाय या भैंस दी जाएंगी। इससे पहले लाभार्थी महिला को 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता था।
झारखंड में कामधेनु डेयरी फार्मिंग की उपयोजना के तहत यहां किसानों को मिनी डेयरी खोलने के लिए पांच गाय या भैंस वितरण सब्सिडी पर किया जाएगा। मिनी डेयरी खोलने के लिए अधिकतम 10 गाय या भैंस का वितरण किया जाएगा। बता दें कि पहले मिनी डेयरी के जरिये अनुसूचित जाति, जनजाति के लाभार्थियों को 33.33 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं अन्य वर्ग के लाभार्थियों को योजना के तहत गाय या भैंस के मिनी डेयरी की लिए लागत का 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर अब 50 प्रतिशत कर दिया गया है।
अभी तक राज्य में लाभार्थियों को हस्त चलित चैफ कटर का वितरण योजना के तहत 50 प्रतिशत के अनुदान पर किया जाता था। अब इसमें संसोधन करते कर दिया गया है। संशोधन के बाद अब अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के दुग्ध उत्पादकों को 90 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा अन्य सभी जातियों के लिए 75 प्रतिशत का अनुदान निर्धारित किया गया है।
इसके अलावा प्रगतिशील डेयरी किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए मल्किंग मशीन, पनीर खोवा मशीन, बोरिंग एवं काऊ मैट खरीदने के लिए भी सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और दुग्ध उत्पादक समिति को 90 सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा अन्य सभी वर्ग के किसानों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
डेयरी किसान पशुओं का चारा लाने के लिए ट्रैक्टर का उपयोग करते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को नया ट्रैक्टर खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है। इसके तहत किसानों को वहां के निर्धारित नियमों के अनुसार सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। आमतौर पर झारखंड में किसानों को ट्रैक्टर खरीदने के लिए 20 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके लिए समय-समय पर राज्य सरकार की ओर से कृषि विभाग के जरिये किसानों से आवेदन मांगे जाते हैं। आवेदन के बाद चयनित किए गए किसानों को ट्रैक्टर खरीदने के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। झारखंड के किसानों के बीच महिंद्रा, स्वराज और मैसी ट्रैक्टर काफी लोकप्रिय हैं।
इसके अलावा पशुपालन निदेशालय की ओर से संचालित योजनाएं जैसे- बकरा पालन, सूकर पालन, बैकयार्ड लेयर, कुक्कुट पालन, बायलर, कुक्कुट पालन और बत्तख चूजा पालन करने के इच्छुक किसानों को भी अनुदान दिया जाएगा। इसके तहत असहाय विधवा महिला, दिव्यांग, नि:संतान दंपत्ति को छोडक़र अन्य सभी वर्गों के किसानों को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। इससे पहले इस योजना के तहत लाभार्थी को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान ही दिया जाता था। इस तरह झारखंड में पशुपालन और डेयरी की योजनाओं पर अनुदान की राशि में बढ़ोतरी की गई है। इससे यहां के किसानों को लाभ होगा। उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
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