Published - 06 Nov 2021 by Tractor Junction
किसानों के हित में आंध्रप्रदेश सरकार ने एक बड़ा आदेश जारी कर अधिकारियों को धान की खरीद के संबंध में निर्देश दिए है। इसमें राज्य के मख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि धान खरीद के लिए कोई सख्त पॉलिसी बनाई जानी चाहिए ताकि किसानों की उपज की खरीद समय पर की जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि रायथु भरोसा केंद्रों (आरबीके) के जरिये खेतों में ही धान की खरीद की जाए। मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सोमवार को अमरावती कैंप ऑफिस में मंत्री समूह के साथ एक समीक्षा बैठक की और धान खरीद के निर्देश दिए।
मीडिया से मिली जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री रेड्डी ने बैठक में कहा कि धान खरीद के लिए प्रदेश में कोई स्पष्ट नीति बनाई जानी चाहिए जिसमें किसी प्रकार की अनियमितता न हो। उन्होंने कहा कि पॉलिसी ऐसी बननी चाहिए जिससे कि धान की खरीद में कोई धांधली न हो और किसानों को उनकी फसल की उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि धान की खरीद में मिल मालिकों की कोई मिलीभगत नहीं होनी चाहिए।
किसानों के हित में धान की खरीद को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, वे इस प्रकार से हैं-
राज्य सरकार की ओर से धान उत्पादन करने वाले किसानों को धान का लाभकारी मूल्य मिल सके इसके लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार चाहती है कि हर किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य का फायदा मिले। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी किसानों को बिना किसी रुकावट और अड़चन के न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले। इसके लिए धान खरीद के प्रति किसानों की जागरूकता बढ़ाने के लिए उचित प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
आंध्र प्रदेश को भारत का धान का कटोरा कहा जाता है। यहां की फसल का 77 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा चावल है। आंध्र प्रदेश में नागरिकों का मुख्य व्यवसाय खेती है, इसके लगभग 62 प्रतिशत हिस्से में खेती होती है। आंध्र प्रदेश की मुख्य फ़सल चावल है और यहां के लोगों का मुख्य आहार भी चावल ही है। यहां की अन्य प्रमुख फसलों में ज्वार, तंबाकू, कपास और गन्ना की खेती की जाती हैं। आंध्र प्रदेश भारत का सबसे अधिक मूंगफली पैदा करने वाला राज्य है। राज्य के क्षेत्रफल के 23 प्रतिशत हिस्से में सघन घने वन हैं। वन उत्पादों में सागवान, यूकेलिप्टस, काजू, कैस्यूरीना और इमारती लकड़ी मुख्य रूप से हैं।
अधिकारियों के मुताबिक राज्य भर में अनुमानित 15.66 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की जा रही है और मौजूदा सीजन में 87 लाख मीट्रिक टन उपज की उम्मीद है। साथ ही, अनुमान है कि लगभग 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जाएगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि 6884 आरबीके के अंतर्गत धान की खेती की जा रही है।
केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष खरीफ तथा रबी फसल को मिलाकर 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है। यह मूल्य देश के सभी राज्यों के लिए एक सामान लागू होते हैं। इस वर्ष सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। जबकि ग्रेड-ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति निर्धारित किया गया है।
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