Published - 18 Jan 2021
अगर आप युवा हैं साथ ही नई सोच के साथ खुद का उद्यम स्थापित करके दूसरों को रोजगार देने की सोच रहे हैं तो केंद्र की मोदी सरकार की नीतियां अब आपकी हर कदम पर मदद करेगी। केंद्र सरकार ने नए उद्यमियों की मदद के लिए एक हजार करोड़ रुपए के स्टार्ट अप इंडिया सीड फंड की घोषणा की है। इस समय देश में आईटी, स्वास्थ्य व कृषि क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप सबसे ज्यादा संख्या में काम कर रहे हैं और अभी यहां काम करने की बहुत गुंजाइश है।
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मोदी सरकार ने पांच साल पहले 16 जनवरी 2016 को स्टार्ट अप इंडिया अभियान शुरू किया था। इस अभियान के पांच वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी ने देश में एडवांस टेक्नोलॉजी वाले नए एंटरप्राइजेज (उद्यमों) और इनोवेशन (नवाचार) को बढ़ावा देने के लिए एक हजार करोड़ रुपये के ‘स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड’ की शुरुआत की है। प्रारंभ : स्टार्टअप भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में ई.टॉयलेट से लेकर पीपीई किट और दिव्यांगों के लिए सेवाएं देने तक के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनका मकसद नए स्टार्ट अप की वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करना है। इससे नये उद्यमियों को शुरुआती पूंजी उपलब्ध होने के साथ नये उद्यमों की शुरुआत और उनकी वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्टार्ट-अप की वृद्धि से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उस क्षेत्र के लोगों के जीवन में सुधार लाने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर आयोजित सम्मेलन में बिमस्टेक सदस्य देशों की भी भागीदारी रही। बिमस्टेक बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के देशों में बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग की पहल वाला क्षेत्रीय संगठन है। इसमें भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड को मिलाकर सात देश शामिल हैं।
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सन् 2014 में केवल चार स्टार्टअप का मूल्यांकन ही एक अरब से ज्यादा का था जो कि यूनिकॉर्न क्लब में शामिल थे लेकिन आज 30 से ज्यादा भारतीय स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न क्लब के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में 2020 में ही 11 भारतीय स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए हैं। देश में इस समय 41 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। इनमें से 5,700 से ज्यादा आईटी के क्षेत्र में हैं, वहीं 3,600 से ज्यादा स्वास्थ्य क्षेत्र और करीब 1,700 स्टार्टअप कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि ऐसा स्टार्टअप जिसका मूल्यांकन एक अरब डॉलर तक पहुंच जाता है, वह यूनिकॉर्न कहलाता है। 44 प्रतिशत स्टार्ट-अप में महिलाएं मुख्य भूमिका में हैं।
सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार स्टार्ट-अप के लिए इक्विटी पूंजी जुटाने में मदद के वास्ते कोषों के फंड की योजना को पहले ही अमल में ला चुकी है। अब आने वाले दिनों में सरकार स्टार्ट-अप को गारंटी के जरिए कोष जुटाने में भी मदद करने वाली है। मोदी ने कहा कि आज स्टार्ट-अप के मामले में भारत दुनिया का तीसरा बड़ा देश बन गया है। इस दौरान कई उभरते उद्यमियों को आगे बढऩे में मदद की गई। इनोवेटिवटेक्नोलॉजी के साथ ये उद्यमी आगे बढ़े और इनमें कई बड़ी कंपनी बन चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में स्टार्ट-अप केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि नए उभरते 40 प्रतिशत स्टार्ट-अप देश के दूसरी और तीसरी कैटेगरी के शहरों से सामने आ रहे हैं। भारत स्टार्टअप पारिस्थितिकी के मामले में ‘युवा का, युवा द्वारा, युवाओं के लिए’के मंत्र पर काम कर रहा है।
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