प्रकाशित - 01 Dec 2022
आज सभी क्षेत्रों में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे जीवन आसान होता जा रहा है। इसी तरह कृषि में नवीन तकनीकों का प्रयोग कर खेती की लागत को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। आज खेती की इतनी आधुनिक मशीनें आ गई है जिससे खेती का काम बहुत हद तक आसान हो गया है। यदि कृषि की शुरुआत से लेकर अब तक देखा जाए तो खेती का कार्य पहले की अपेक्षा आज बहुत आसान हो गया है। आज किसानों के पास आधुनिक कृषि मशीनें है जिसकी सहायता से किसान कम समय और कम श्रम में खेती कर सकते हैं। इतना ही नहीं किसानों को इन आधुनिक कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए सरकार उनकी मदद करती है। इसके लिए सरकार ने कृषि यंत्र अनुदान योजना चला रखी है जिस पर किसानों को ट्रैक्टर, रोटवेटर, कल्टीवेटर, थ्रेसर आदि खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है। अब इसमें ड्रोन को भी शामिल कर लिया है।.
जैसा कि हमने बताया कि कृषि यंत्र अनुदान योजना में अब इसमें ड्रोन को भी शामिल कर लिया है। इसके लिए भी सरकार से किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। ड्रोन के लिए सरकार की ओर से करीब 4 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। ड्रोन की सहायता से किसान अपने खेत में कीटनाशक का छिड़काव बहुत ही कम समय में कर सकते हैं। इसके अलावा भी ड्रोन के कई ऐसे उपयोग है जो किसानों के लिए फायदेमंद हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको ड्रोन पर सरकार की ओर से किसानों को दिए जाने वाले अनुदान (सब्सिडी) के बारें में जानकारी दे रहे हैं।
किसानों के लिए सरकार की ओर से अलग से कृषि ड्रोन तैयार करवाएं गए हैं जिनकी सहायता से किसान अपने खेतों में कीटनाशक का छिड़काव बहुत ही कम समय में कर सकते हैं। इसके अलावा किसान ड्रोन की सहायता से अपने खेत की निगरानी भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं ड्रोन की सहायता से किसान छिटकवां विधि से खेत में बीजों की बुवाई भी कर सकते हैं। इस तरह ये ड्रोन किसानों के खेती के काम को आसान बना सकता है।
ड्रोन को मुख्य रूप से कीटनाशक दवा का छिड़काव करने के लिए बनाया गया है। जब राजस्थान में फसलों पर टिड्डियों का प्रकोप हुआ था तब सरकार ने ड्रोन का इस्तेमाल कीटनाशक के छिड़काव के लिए किया था। इसकी सहायता से कई क्षेत्रों में टिड्डी दल पर छिड़काव कर काबू पाया गया था। किसानों के अनुभव बताते हैं कि करीब 15 बीघा जमीन में कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए 4 मजदूर लगते हैं जो कि 1 घंटे में यह काम करते हैं। इस दौरान प्रति मजदूर न्यूनतम 200 रुपए के हिसाब से करीब 800 रुपए का खर्चा होता हैं। वहीं इसी काम के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है तो मात्र 15 मिनट में पूरे खेत में छिड़काव हो जाता है और इसका खर्च केवल 200 रुपए आता है। इस तरह किसान को कीटनाशक के छिड़काव में ड्रोन के इ्स्तेमाल से सीधे 600 रुपए की बचत होती है।
कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए 4 लाख रुपए की सब्सिडी दे रही है। कृषि मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक ड्रोन एप्लिकेशन से सहकारी समिति किसानों, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों को कस्टम हायरिंग सेंटर द्वारा ड्रोन की मूल लागत के 40% की दर या अधिकतम 4 लाख रुपयों तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। माना यदि आपके कृषि ड्रोन की लागत 10 लाख रुपए है तो आपको 4 लाख रुपए की सब्सिडी सरकार से मिल जाएगी। ऐसे में आपको 10 लाख की लागत वाला ड्रोन मात्र 6 लाख रुपए में मिल जाएगा।
ड्रोन पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए किसानों को आधार कार्ड, पैन कार्ड, भूमि के कागजात, बैंक पासबुक का विवरण इसके लिए पासबुक की कॉपी, किसान का मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक हो और एक पासपोर्ट आकार का किसान के फोटो की आवश्यकता होगी। जो किसान ड्रोन खरीदने के चाहते हैं वे अपने राज्य में चल रही कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान भाई अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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