प्रकाशित - 13 Jun 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले जिस फाइल पर साइन किए वह पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की किस्त से जुड़ी हुई थी। इस फाइल के साइन होने के बाद कर्नाटक में भी किसानों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने भी प्रदेश के 17.09 लाख से अधिक छोटे किसानों के खातों में 3-3 हजार रुपए जारी करने का फैसला किया है।
बता दें कि पिछले साल राज्य में सूखा पड़ा था जिससे किसानों को नुकसान हुआ था। ऐसे में किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार छोटे किसानों को 3,000 रुपए की राशि जारी करेगी। राज्य के छोटे किसानों के लिए यह एक मुआवजा होगा। बता दें कि राज्य के किसानों को पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके तहत यहां के किसानों को भी हर साल 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता उनके खाते में सीधी भेजी जाती है। इसी के साथ ही अब यहां के किसानों को सूखे का मुआवजा भी जारी किया जाएगा।
राज्य के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने मीडिया से कहा कि लाभार्थी किसानों की सूची तैयार की जा रही है। यह मुआवजा होगा। उन्होंने कहा कि बारिश पर निर्भर रहने वाले किसानों और नहरों के अंतिम छोर पर रहने वाले किसानों को यह मुआवजा दिया जाएगा। जहां पानी की सप्लाई खराब है। कैबिनेट उप समिति की बैठक में हर किसान को 3,000 रुपए देने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि लोकसभा और विधान परिषद चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता के कारण सरकार यह फैसला नहीं ले सकी थी।
गौंडा ने बताया कि एनडीआरएफ की ओर से 232 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, जो काफी नहीं है। इसे देखते हुए हमने एसडीआरएफ से 232 करोड़ रुपए और जोड़े हैं। इस मुआवजे के अलावा राज्य किसानों को फसल बीमा की राशि भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को अब तक 1654 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है और 136 करोड़ रुपए की राशि अभी जारी की जानी है। मंत्री ने कहा कि एक जून को मानसून आने के बाद राज्य में बहुत अधिक बारिश हुई। इससे कर्नाटक में पानी का संकट कुछ हद तक कम हुआ है। हमने अधिकारियों को उन जगहों पर जहां बारिश हो रही है वहां पर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक में अच्छी बारिश हो रही है इससे किसान काफी खुश है, क्योंकि पिछले साल किसानों को भयंकर सूखे का सामना करना पड़ा था जिससे कई किसान बुवाई नहीं कर पाए थे तो कई किसानों की फसलें खराब हुई। लेकिन इस समय राज्य में बारिश हो रही है और ज्यादातर जिलों में औसत से अधिक बारिश हुई है। ऐसे में यहां के किसान खुश है कि इस बार वह फसलों की बुवाई कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे।
यहां की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। यहां के तटीय मैदान में चावल, ज्वार और रागी की खेती की जाती है। यहां गन्ना मुख्य नकदी फसल है। यहां काजू, इलायची, सुपारी, अंगूर की खेती भी की जाती है। इसके पूर्वी क्षेत्र में सिंचाई से गन्ना, रबर और केले व संतरे की खेती की जा सकती है। यहां की काली मिट्टी में कपास, तिलहन और मूंगफली की फसल अच्छी होती है। यहां के वन क्षेत्रों में चंदन के पेड़ अधिक होने से इसका तेल भी निर्यात होता है। इसके अलावा यहां सागौन, शीशम, नीलगिरी, बांस के पेड़ भी अधिक है।
कर्नाटक राज्य में भी केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू है। यहां के करीब 55 लाख किसान इस योजना से जुड़े हुए है जिनको योजना का लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत यहां के किसानों को हर साल 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता सीधे उनके खाते में भेजी जाती है। ऐसे में अबकी बार यहां के किसानों को पीएम किसान योजना , पीएम फसल बीमा योजना (PM Crop Insurance Scheme) और राज्य सरकार द्वारा फसल मुआवजा (crop compensation) जैसी तीन योजनाओं का लाभ मिलेगा।
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