Published - 03 Nov 2021 by Tractor Junction
बिहार में किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए कई योजनाएं चलाकर किसानों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। किसानों को परती भूमि पर भी अनुदान दिया जा रहा है। हल्दी, आंवला सहित फलों की खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य के कृषि विभाग शीघ्र ही नई योजना के तहत सहजन, रजनीगंधा और मगही पान का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार क्षेत्रफल का मानक तय कर अनुदान पर आने वाले खर्च और भुगतान आदि का निर्धारण कर दिया गया है। इन फसलों की खेती के लिए किसानों को अनुदान भी दिया जाएगा।
नई योजना के तहत सहजन की खेती जुलाई से सितंबर माह में की जाएगी। इसके लिए न्यूनतम इकाई लक्ष्य 0.74 हेक्टेयर रखा गया है। सरकार खेती पर करीब 41 लाख रुपए खर्च करेगी। इसके लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। सहजन के किसानों को पहले वर्ष में 75 प्रतिशत अनुदान का का भुगतान किया जाएगा। 25 प्रतिशत अनुदान का दूसरे वर्ष भुगतान होगा। वहीं मगही पान की खेती समूह बनाकर की जाएगी। एक समूह में 100 किसान होंगे। यानि प्रति इकाई एक किसान को 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का लाभ दिया जाएगा।
सहजन क्षेत्र विस्तार योजना के तहत पांच-पांच हेक्टेयर का कलस्टर बनाया जाएगा। पौधे संबंधित जिला के प्रखंड की नर्सरी में ही तैयार होंगे। सहायक निदेशक (उद्यान) उसी प्रखंड या आसपास के किसानों का चयन कर पौधे उपलब्ध कराएंगे। इससे पौधे का नुकसान कम होगा।
सहजन की खेती के साथ ही राज्य में रजनीगंधा की खेती को सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए रजनीगंधा के क्षेत्र विस्तार में इकाई का मानक 1.85 हेक्टेयर रखा गया है। इसकी खेती फरवरी मार्च में कराई जाएगी। इसके लिए किसानों को सहायता दिए जाने की योजना है। वहीं दूसरी ओर बिहार में इस साल बाढ़ और अत्यधिक बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इसके चलते कई इलाकों में फसल बर्बाद हो गई तो कई इलाकों में किसान खेती ही नहीं कर पाए। ऐसे सभी किसानों को चिह्नित कर सरकार मुआवजा दिया जाएगा।
बिहार सरकार प्रदेश में आम और लीची के बाग में अदरक, ओल और हल्दी की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 38 हजार रुपए तक का अनुदान देगी। एकीकृत उद्यानिक विकास योजना के तहत ये अनुदान दिया जाएगा। जिला भागलपुर के लिए हल्दी, अदरक और ओल का चयन किया गया। भागलपुर जिले में जो लक्ष्य दिया गया है, उसके अनुसार 50 हेक्टेयर में ओल की खेती और 200 हेक्टेयर बाग हल्दी की खेती और 30 हेक्टेयर बाग में अदरक की खेती कराई जाएगी। इसके लिए 0.36 हेक्टेयर का एक यूनिट बनाया गया है। एक किसान अधिक से अधिक दो यूनिट का लाभ ले सकते हैं।
ओल की खेती के लिए 41 हजार रुपए प्रति एक यूनिट अनुदान दिया जाएगा। हल्दी की खेती के लिए 11150 रुपए प्रति यूनिट अनुदान मिलेगा। इसके अलावा अदरक की खेती के लिए 38000 रुपए प्रति यूनिट अनुदान दिया जाएगा।
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