Published - 24 Dec 2021 by Tractor Junction
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से महिलाएं अपना रोजगार शुरू कर सकती है। इन्हीं योजनाओं में से एक बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी योजना है जिसके तहत महिलाओं को सरकार की ओर से रोजगार दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत महिलाओं के खाते में सरकार की ओर से सहायता राशि प्रदान की जाती है। ये लाभ उन्हीं महिलाओं को दिया जाता है जो जरूरतमंद है और जिन्होंने इस योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा है। बता दें कि इस योजना के तहत महिलाओं के खाते में 4 हजार रुपए बतौर सैलेरी के रूप में दिए जा रहे हैं। इसके अलावा कमीशन भी दिया जाता है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी योजना के बारें मे जानकारी दे रहे हैं ताकि गरीब और जरूरतमंद महिलाएं इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकें।
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी योजना यानि सेल्फ हेल्प ग्रुप छोटे लेवल पर काम कर रही महिलाओं का एक समूह है। ये अपने संसाधनों और सेविंग्स फंड का इस्तेमाल करके अपना कारोबार बढ़ता हैं। किसी सूक्ष्म कारोबार से जुड़े इस गु्रप में 10-25 महिलाएं शामिल हो सकती हैं। एसएचजी यानी सेल्फ हेल्प गु्रप बनाने के लिए समूह को रजिस्टर करना होता है। साथ ही बैंक खाता खुलवाना होता है। वहीं तय सीमा में बेहतर प्रदर्शन पर बैंक की तरफ से उसे आसान ऋण मिलने लगता है। साथ ही कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलता है। इस योजना का इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को पहुंचाना है। इस सरकारी योजना से उत्तरप्रदेश की 58000 महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी घर घर जाकर वित्तीय सेवायें उपलब्ध कराती है। इन्हें 6 महीने के लिए सरकार की तरफ से 4000 रुपए का मानदेय दिया जाता है। इसके अलावा काम बढऩे पर उनको ट्रांजेक्शन होने पर कमीशन भी दिया जाएगा। इससे उनकी नियमित आय हो सकेगी।
बीते दिनों 21 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज दौरे के दौरान हुए कार्यक्रम में पीएम मोदी ने महिलाओं को 1000 करोड़ रुपए की धनराशि स्वसहायता समूहों के खातों में अंतरित की। इससे स्वसहायता समूहों की लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को फायदा होगा। यह अंतरण दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत किया गया है, जिसके अनुसार प्रति स्वसहायता समूह 1.10 लाख रुपए के हिसाब से 80 हजार समूहों को समुदाय निवेश निधि (सीआईएफ) तथा 15 हजार रुपए प्रति स्वसहायता समूह के हिसाब से 60 हजार समूहों को परिचालन निधि प्राप्त हो रही है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री 20 हजार व्यापार सखियों (बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी-बीसी सखी) के खातों में पहले महीने का 4000 रुपए मानदेय भी हस्तांतरित किया है। बता दें कि बीसी-सखियां जब घर-घर जाकर जमीनी स्तर पर वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराती हैं, तो उन्हें छह महीने के लिए 4000 रुपए मानदेय दिया जाता है, ताकि वे स्थायी रूप से काम कर सकें और उसके बाद लेन-देन से मिलने वाले कमीशन से उन्हें आय होने लगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगल योजना के तहत एक लाख से अधिक लाभार्थियों को 20 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि भी हस्तांतरित की।
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी योजना के तहत कार्य करने वाली महिलाओं के लिए कुछ पात्रता भी निर्धारित की गई है, जो इस प्रकार से है-
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट सखी योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए समूह की महिलाओं को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है; ये दस्तावेज प्रकार से हैं-
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी योजना के लिए कहां कराएं रजिस्ट्रेशन
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए यूपी बी.सी.सखी एप लांन्च किया गया है। इसे गूगल पर सर्च करके अपलोड किया जा सकता है। इसके बाद आप इस योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि इस योजना के प्रथम चरण के लिए उम्मीदवारों का चयन हो चुका है। जल्द ही दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
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