प्रकाशित - 06 Aug 2023
वैज्ञानिकों की ओर से देश में खाद्यान उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। किसानों के लिए फसलों की नई-नई किस्म और मशीन को विकसित किया जा रहा है ताकि अधिक उत्पादन के साथ किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन तैयार की है जो खेतों में फसल अवशेष हटाने के साथ ही बुवाई का काम भी आसानी से पूरा कर देगी। यानी फसल की कटाई के साथ ही फसल की बुवाई दोनों काम एक ही मशीन से पूरा हो जाएगा। इस मशीन का नाम रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन (rotary disc drill Machine) है। इस मशीन का इस्तेमाल करके किसान अपने खेत में अवशेष छोड़कर बुवाई का काम कर सकते हैं। खास बात ये है कि इस मशीन के इस्तेमाल से आपको किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इस मशीन को भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान द्वारा तैयार किया गया है।
इस मशीन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आप इस मशीन का प्रयोग करते समय खेत में फसल अवशेष यानी पराली को खेत में छोड़कर बुवाई का काम आसानी से कर सकते हैं। बता दें कि हरियाणा व पंजाब में हर साल पराली जलाने की घटनाएं होती रहती है। ऐसा इसलिए की फसल के कटने के बाद दूसरी फसल बोने के लिए खेत खाली होने जरूरी है। ऐसे में किसान पुरानी फसल के अवशेषों जिसे हरियाणा में पराली कहा जाता है उसे जलाना उनकी मजबूरी होती है। लेकिन अब इस मशीन की सहायता से किसान खेत में बिना पराली हटाए नई फसल की बुवाई आसानी से कर सकेंगे। इस मशीन का प्रयोग करने के लिए फसल अवशेषों को हटाने की जरूरत नही होती है।
रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन काफी बेहतर तरीके से बीज की बुवाई का काम करती है। यह मशीन खेत की जमीन पर दो से तीन इंच चौड़ा चीरा बनाती है। मशीन इस दरार को बनाने के साथ ही इसमें बीज की बुवाई का काम भी कर देती है। इसी के साथ खाद भी बीज के साथ ही डाल दिया जाता है। इस तरह बुवाई का काम एक ही बार में यह मशीन पूरा कर देती है और फसल अवशेष को हटाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। यह मशीन अवशेषों को काटकर आगे बढ़ाती है। वहीं यह फसल अवशेष भूमि में मिलकर खाद के रूप में परिवर्तित होकर फसल के लिए पोषण देने का काम करते हैं। इस तरह इस मशीन से किसानों की पराली जलाने की समस्या का समाधान भी होगा और खेत में बुवाई का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा।
रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन (rotary disc drill machine) से गेहूं, धान, मूंग, मक्का व गन्ने की बुवाई की जा सकती है। भारतीय अनुसंधान संस्थान की ओर से तैयार की गई इस मशीन के व्यावसायिक उपयोग की तैयारियां की जा रही है। संस्थान ने इस मशीन का पेटेंट करवाने के लिए आवेदन किया है। जल्द ही इसका पेटेंट प्राप्त हो जाएगा और इसके बाद इसका व्यावसायिक रूप से उपयोग किया जा सकेगा।
रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन से बुवाई करने से बहुत से लाभ किसानों प्राप्त होंगे। इस मशीन के इस्तेमाल से किसानों के श्रम, समय और पैसे की बचत होगी। इस मशीन के प्रमुख लाभ इस प्रकार से हैं
रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन बहुत हल्की मशीन है। इसका वजन हैप्पी सीडर व रोटावेटर से भी बहुत कम होता है। जहां हैप्पी सीडर और रोटावेटर को चलाने के लिए 60 एचपी पावर के ट्रैक्टर की जरूरत होती है, वहीं रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन को 30 से 35 एचपी पावर के ट्रैक्टर के साथ जोड़कर चलाया जा सकता है।
रोटरी डिस्क मशीन की कीमत 1.5 लाख रुपए बताई जा रही है। यह इसकी लागत कीमत है। पेटेंट होने के बाद इसके व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए इसे बाजार में उतारा जाएगा। इसके बाद इसकी कीमत इससे भी अधिक हो सकती है।
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