प्रकाशित - 10 Oct 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र सरकार की ओर से देश के गरीब लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन उपलब्ध कराया जाता है जिसमें चावल, गेहूं व मोटा अनाज दिया जाता है। यह सब चीजें लाभार्थी को फ्री में दी जाती है। केंद्र सरकार की इस योजना को और अधिक सुविधापूर्ण बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से अब राशन आपके द्वार योजना की शुरुआत की जा रही है। इस योजना के तहत लाभार्थी को उसके घर पर ही राशन उपलब्ध कराया जाएगा। लोगों को राशन लेने के लिए सरकारी राशन की दुकान पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
इस संबंध में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि मध्यप्रदेश के जनजातीय विकास खंडों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना की शुरुआत की गई है। आने वाले समय में “राशन आपके द्वार” योजना को पूरे मध्यप्रदेश में लागू किया जाएगा। यह बात पिछले दिनों केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ गुना प्रवास पर पहुंचे गोविंद सिंह राजपूत ने मीडिया से चर्चा के दौरान कही।
खाद्य मंत्री राजपूत के अनुसार मध्यप्रदेश में कई जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विशेष रूप से ट्रायबल एरिया में राशन घर-घर पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। “राशन आपके द्वार” योजना के तहत लोगों को घर-घर राशन पहुंचाने की दिशा में काम किया जा रहा है। अभी प्रदेश के 89 दूर-दराज के गांवों में परिवहन के माध्यम से राशन पहुंचाया जा रहा है। अभी यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हैं और आने वाले समय में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। आने वाले समय में हम गांव-गांव की जगह घर-घर राशन पहुंचाने का काम करेंगे।
खाद्य मंत्री राजपूत के मुताबिक जरूरतमंद व्यक्तियों को राशन मिले, इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार कृत संकल्पित है। वर्तमान में पीडीएस दुकानों में राशन वितरण के लिए बहुत सुधार किए जा रहे हैं। गांव में यदि बुजुर्ग व्यक्तियों को अंगूठे का निशान नहीं मिलने के कारण राशन नहीं मिल रहा है तो उन्हें राशन देने की व्यवस्था नॉमिनी के माध्यम से की जा रही है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर 3 साल पहले से घर-घर राशन व्यवस्था लागू करने की तैयारी चल रही थी जिस पर पहले केंद्र सरकार की ओर से रोक लगा दी गई। उसके बाद हाईकोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ इस योजना को हरी झंडी दे दी। अब इसकी फाइल एलजी के पास भेजी गई है। दिल्ली सरकार को भरोसा है कि इस मंजूरी मिल जाएगी। बता दें कि पहले दो बार इस फाइल को एलजी को भेजा गया और दोनों बार यह फाइल वापस लौटा दी गई थी। बता दें कि दिल्ली में करीब 72 लाख लोग सरकारी राशन पाने के पात्र हैं। इनमें से 17 लाख राशन कार्ड धारक और करीब 30 लाख लोग प्राथमिकता के आधार पर राशन लेने के पात्र हैं। अन्य वर्गों में भी ऐसे लोग है जिन्हें सरकारी राशन की आवश्यकता है जिनकी पहचान दिल्ली सरकार ने की है।
दिल्ली में वन नेशन वन राशन कार्ड व्यवस्था लागू है। आप यदि दूसरे राज्य के निवासी हैं और आपका राशन कार्ड वहां का है तो भी आप दिल्ली में उस राशन कार्ड से सरकारी राशन ले सकते हैं। इस योजना का लाभ उन लोगों को मिल रहा है जो दूसरे राज्य से कमाने के लिए दिल्ली में आते हैं। बता दें कि देश के 17 राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली का सफलता पूर्वक संचालन किया जा रहा है। इसका लाभ श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, शहरी गरीब, कबाड़ उठाने वाले, फुटपाथ पर रहने वाले, संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के अस्थाई श्रमिक व घरेलू श्रमिकों आदि को मिल रहा है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को देश में कहीं भी इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (ई-पीओएस) के माध्यम से किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपने कोटे का राशन प्राप्त करना आसान हो गया है।
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