Published - 21 Aug 2020
सरकार की ओर से आधुनिक खेती को जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही है ताकि किसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर आधुनिक तरीके से खेती कर अपनी आय में बढ़ोतरी कर सके। कई बार किसान की फसल प्राकृतिक आपदा जैसे-आंधी, तूफान, बारिश, ओलावृष्टि आदि से खराब हो जाती है जिससे उसे हानि उठानी पड़ती है।
इस हानि से किसानों को बचाने के लिए सरकार संरक्षित खेती पर जोर दे रही है। इसके अंतर्गत पॉली हाउस व नेट शेड हाउस का निर्माण कर उसमें फसल उगाकर किसान सुरक्षित उत्पादन प्राप्त करने के साथ ही अपनी आमदनी में इजाफा कर सकेगा। दुनिया के कई विकसित देशों में संरक्षित खेती की जाती है। भारत में भी इसको बढ़ावा मिल रहा है। आज कई किसान पॉली हाउस व नेट शेड का निर्माण कर बागवानी कर रहे हैं जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है। संरक्षित खेती करने का फायदा यह है कि एक तो फसल खराब नहीं होती है और दूसरा बैमौसमी फसल उगाकर अच्छी कमाई की जा सकती है।
देश में सरंक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) चलाई जा रही है, जिसका एक घटक है सरंक्षित खेती है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन ( एमआईडीएच ) के तहत सरकार की ओर से संरक्षित खेती के लिए पॉली हाउस व शेड नेट हाउस पर अनुदान मुहैया कराया जाता है। इस समय मध्यप्रदेश में इसके लिए अनुदान देने की प्रक्रिया चल रही है। मध्यप्रदेश सरकार उद्यानिकी विभाग द्वारा पॉली हाउस एवं शेड नेट हाउस पर किसानों को सहायता देने के लिए आवेदन आमंत्रित किए है। राज्य के किसान इस योजना में पंजीकरण करा पाली हाउस व शेड नेट हाउस निर्माण के लिए अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।
• मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उद्यानिकी विभाग के माध्यम से किसानों संरक्षित खेती हेतु प्रोत्साहन देने के लिए व्यावसायिक उद्यायिकी फसलों की संरक्षित खेती की प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है जिसके तहत किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी किसानों को दी जाती है।
• ग्रीन हाउस ढांचा / पॉली हाउस- प्रति लाभार्थी 4,000 वर्ग मीटर क्षेत्र तक के लिए लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।
• शेडनेट हाउस- इस योजना के तहत शेड नेट हाउस या जाली गृह निर्माण पर प्रति लाभार्थी 4,000 वर्ग मीटर क्षेत्र तक के लिए लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।
• उच्च कोटि सब्जी / फल / फूल उत्पादन- पॉली हाउस / छायादार जाली गृह के तहत उच्च कोटी सब्जी एवं फूलों की खेती और रोपण सामग्री की लागत पर प्रति लाभार्थी 4,000 वर्ग मीटर क्षेत्र तक के लिए लागत का 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है।
शेड नेट हाउस - टयूब्लर स्ट्रक्चर- शेड नेट हाउस (टयूब्लर स्ट्रक्चर) के लिए मंडला, छतरपुर, अलीराजपुर, खरगौन, बडवानी जिले में सामान्य / अनुसूचित जनजाति के किसान आवेदन कर सकेंगे। वहीं डिंडोरी में अनुसूचित जनजाति के किसान आवेदन कर सकते हैं। जिला आगर-मालवा, रतलाम में सामान्य / अनुसूचित जाति के किसान आवेदन कर सकेंगे। वहीं ग्वालियर, टीकमगढ़, राजगढ़, दतिया, हरदा, इंदौर, गुना, सिंगरौली, होशंगाबाद, मंदसौर, रायसेन, सागर, धार, झाबुआ जिले में सामान्य वर्ग के किसान तथा नीमच जिले में सभी वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं।
ग्रीन हाउस ढांचा ( टयूब्लर स्ट्रक्चर ) 500 से 1008 वर्ग मीटर तक - ग्रीन हाउस ढांचा (टयूब्लर स्ट्रक्चर) 500 से 1008 वर्ग मीटर तक के लिए ग्वालियर, गुना, बुहरानपुर, राजगढ़, धार, मंदसौर, सिंगरौली, सीधी जिले के सामान्य वर्ग के किसान तथा छतरपुर में अनुसूचित जनजाति /अनुसूचित जाति के किसान आवेदन कर सकते हैं।
ग्रीन हाउस ढांचा ( टयूब्लर स्ट्रक्चर ) - 2080 से 4000 वर्ग मीटर तक - ग्रीन हाउस ढांचा (टयूब्लर स्ट्रक्चर)- 2080 से 4000 वर्ग मीटर तक के लिए राजगढ़, ग्वालियर, खंडवा, रायसेन, मंदसौर, बैतूल, धार, गुना, खरगौन, इंदौर, सीधी जिले के सामान्य वर्ग के किसान आवेदन कर सकेंगे। वहीं छतरपुर, रतलाम जिले में अनुसूचित जनजाति / अनुसूचित जाति के किसान आवेदन कर सकते हैं।
उच्च कोटि की सब्जियों की खेती, पॉली हाउस / शेडनेट हाउस - उच्च कोटि की सब्जियों की खेती, पॉली हाउस / शेडनेट हाउस के लिए अशोकनगर, हरदा, खंडवा, टीकमगढ़, आगर-मालवा, दतिया, ग्वालियर, छतरपुर, भोपाल, होशंगाबाद, सागर, मंदसौर, गुना, रायसेन, धार सामान्य अलीराजपुर, बडवानी, खरगौन जिले केे सामान्य वर्ग व अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसान आवेदन कर सकेंगे। वहीं नीमच, रतलाम, सीधी में सभी वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं।
• आवेदक का फोटो
• आवेदक का आधार कार्ड
• खेत/खसरा खतौनी की प्रति
• आवेदक की बैक पासबुक की प्रति
• आवेदक का जाति प्रमाण पत्र
• आवेदक का मोबाइल नंबर
• किसान को आधार नंबर सहित ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा।
• कृषक को अपने हिस्से की अंश पूंजी की व्यवस्था स्वयं की अथवा बैंक ऋण के माध्यम से करनी होगी।
• बैंक ऋण वाले कृषक को प्राथमिकता दी जाएगी।
• योजना का क्रियान्वयन कृषक निजी भूमि में किया जाएगा।
• हितग्राही के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध होना चाहिए।
• वनाधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त आदिवासियों को भी अनुदान की पात्रता होगी।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्य प्रदेश द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन ( एमआईडीएच ) योजना के तहत इसके लिए आमंत्रित किए गए हैं। मध्य प्रदेश के किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर आनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। इस योजना के संबंध में यदि आप और अधिक जानकारी चाहते हैं तो उधानिकी विभाग मध्यप्रदेश की वेबसाइट http://mpfsts.mp.gov.in/ देखे सकते हैं अथवा जिला उद्यानिकी विभाग में संपर्क कर सकते हैं।
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