Published - 07 Jan 2021
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे कार्य शुरू करने के निर्देश कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने जिला कलेक्टरों को दिए हैं। इसके तहत किसानों की सूचना पर सर्वे कार्य कराया जाएगा और प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान पर राहत दी जाएगी। बता दें कि पिछले दिनों राजस्थान के कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसे देखते हुए कृषि मंत्री ने कलेक्टरों को इस नुकसान का सर्वे करावा किसानों को राहत पहुंचाने की बात कही है। बता दें कि देश में किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत यदि किसानों की फसलों को किसी प्राकृतिक आपदा के चलते क्षति होती है तो इसकी भरपाई फसल बीमा योजना के तहत की जाती है।
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अभी देश में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते कई स्थानों पर बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई है ऐसे में जिन किसानों की फसलों को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है वह किसान अपने खेतों का सर्वे करवा सकते हैं। कृषि मंत्री श्री कटारिया ने मीडिया को बताया कि राज्य में 4 जनवरी से ओलावृष्टि हुई है, जिससे अधिसूचित फसलों में ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। रबी 2020-21 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत स्थानीय आपदाओं से अधिसूचित फसल की क्षति की स्थिति में फसल के नुकसान का आंकलन व्यक्तिगत बीमित फसली कृषक के स्तर पर किए जाने का प्रावधान है। उन्होंने निर्देश दिए कि कृषि विभाग के कार्मिकों तथा बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों द्वारा भी कृषकों से आवेदन प्राप्त किए जाए।
जिला कलक्टरों से कहा है कि वह कृषि विभाग, राजस्व विभाग एवं बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों की संयुक्त टीम द्वारा ओलावृष्टि से प्रभावित कृषकों का सर्वे कार्य शीघ्र सम्पादित करवाने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावित पात्र बीमित किसानों को रबी 2020-21 की फसलों में हुए नुकसान का समय पर लाभ प्रदान किया जा सके।
वर्ष 2020-21 में खरीफ में बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग, मोठ, गवार, चंवला, उड़द, अरहर, सोयाबीन, तिल, धान, कपास, मूंगफली, प्याज, संतरा, अमरूद, किन्नू, अरंडी फसलों एवं रबी में गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा, धनिया, ईसबगोल, मेथी, रबी मक्का, मसूर, टमाटर, प्याज, लहसुन, तरबूज, आंवला व बैंगन फसलों को अधिसूचित किया गया है।
फसल बीमा योजना के तहत किसानों ने जिस बीमा कंपनी से बीमा करवाया है उस कंपनी के टोल फ्री नंबर पर 72 घंटे के अन्दर सूचित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसान लिखित में 7 दिनों के अन्दर अपने बैंक अथवा बीमा एजेन्ट अथवा कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित कर अपनी फसलों का सर्वे करवा सकते हैं।
किसान जिस कंपनी से बीमा करवाया है उसके टोल फ्री नंबर पर नुकसानी की सूचना दे सकते हैं। किसानों की सुविधा के लिए प्रमुख बीमा कंपनियों के नंबर हम यहां उपलब्ध करा रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-
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