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प्रधानमंत्री आवास योजना: गरीबों के लिए 100 दिन में एक लाख घर बनाएगी सरकार

Published - 19 Apr 2022

जानें, क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना और इससे कैसे मिलेगा लाभ

उत्तरप्रदेश में दूसरी बार योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही गरीबोंं के लिए एक लाख नए घर बनाने का ऐलान कर दिया है। दरअसल योगी सरकार ने अपनी 100 दिन की कार्ययोजना में इसे शामिल किया है। इसके तहत गरीबों के लिए एक लाख मकान बनाएं जाएंगे ताकि प्रदेश के अल्प आय वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल सकें। इसके अलावा 100 दिन की कार्ययोजना में अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं को भी शामिल किया गया है। इससे राज्य के सभी वर्गों के लोगों को लाभ होगा।

यूपी सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल मुख्य कार्य

यूपी सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना में कई योजनाओं को शामिल किया गया है जिससे प्रदेश के सभी वर्गों के लोगों को लाभ होगा। इसके लिए अधिकारियों को अपने स्तर पर भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए है। योगी सरकार की ओर से अपनी 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल प्रमुख कार्य इस प्रकार से हैं-

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक लाख गरीबों को घर बनाकर देना।
  • राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 50 हजार नए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाएगा और 80 हजार स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपए की मदद मुहैया कराई जाएगी।
  • मनरेगा के तहत 61 नदियों का पुनरुद्धार भी किया जाएगा।
  • 2600 ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान बनाएं जाएंगे और 6 हजार तालाबों का पुनरुद्धार किया जाएगा।
  • 600 विकास खंडों में कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार की आपूर्ति के लिए ईकाइयां स्थापित की जाएगी तथा 100 उत्पादक समूहों का गठन किया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत 100 दिन में पांच हजार वर्ग किलोमीटर सडक़ बनाई जाएगी।
  • ग्राम विकास मंत्रालय 150 हाईटेक नर्सरी स्थापित करेगा।
  • राज्य के युवाओं को 20 हजार नौकरियां और 50 हजार रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।

कौन सा विभाग करेगा किस योजना का क्रियान्वयन

100 दिवसीय कार्ययोजना तय करने के साथ ही कौनसा विभाग किस योजना का क्रियान्वयन करेगा यह भी तय कर दिया गया है। इस तरह योजनओं को दस विभागों में बांटा गया है जो इस प्रकार से है-

  1. कृषि उत्पादन - कृषि विभाग, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, गन्ना विकास, पशुधन, दुग्ध विकास, मत्स्य, रेशम विकास, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल, सिंचाई एवं जल संसाधन और सहकारिता।
  2. अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास - अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, एमएसएमई, हथकरघा एवं वस्द्योद्योग, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा, आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स, नागरिक उड्डयन, लोक निर्माण विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग, एनआरआइ एवं संस्थागत वित्त।
  3. सामाजिक सुरक्षा - समाज कल्याण, महिला कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, श्रम तथा खाद्य एवं रसद।
  4. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य - चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, बाल विकास एवं पुष्टाहार, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग।
  5. ग्राम्य विकास - ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, नमामि गंगे एवं जलापूर्ति, राजस्व तथा ग्रामीण अभियंत्रण सेवा।
  6. नगरीय विकास - आवास एवं शहरी नियोजन, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण तथा वन एवं वन्य जीव।
  7. पर्यटन एवं संस्कृति - संस्कृति, पर्यटन, धर्मार्थ कार्य, सूचना तथा भाषा।
  8. शिक्षा - बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा और युवा कल्याण।
  9. राजस्व संग्रह - जीएसटी, कर एवं निबंधन, आबकारी, परिवहन, भूतत्व एवं खनिकर्म।
  10. विविध - गृह, सचिवालय प्रशासन, कार्मिक एवं होमगार्ड्स।

क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। यह योजना शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए समान रूप से लागू है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जिन लोगों के पास खुद का पक्का मकान नहीं है। उन्हें इस योजना के तहत आवास उपलब्ध कराना है। पीएम आवास योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर आवास उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए बैंक से लोन और सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इसमें लिए गए लोन पर ब्याज में सब्सिडी मिलती है तथा लोन चुकाने के लिए 20 साल तक का समय मिलता है। इस योजना का लाभ बीपीएल कार्ड धारक वाले व्यक्ति ही नहीं बल्कि अन्य जरूरतमंद व्यक्ति जिनके पास रहने को पक्का मकान नहीं है, वे उठा सकते हैं। 

कौन ले सकता है पीएम आवास योजना का लाभ

सरकार की ओर से पीएम आवास योजना का लाभ विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिया जाता है जिसमें उन्हें सरकार की ओर से घर खरीदने के लिए 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। हालांकि अब मध्यम आय वर्ग को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया है। जिससे उन्हें भी सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। बता दें कि जिन लोगों की आय तीन लाख रुपए से कम है उन्हें विशेष रूप से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। योजना की पात्रता के दिए गए मानदंड के अनुसार जिन लोगों की आय 3 से 6 लाख के बीच में होती है उन्हें निम्न आय वर्ग माना गया है। वहीं जिन लोगों की आय 6 से 12 लाख के बीच में है उनको मध्यम आय वर्ग में रखा गया है। इसके अलावा इसमें उन लोगों को भी मध्यम आय वर्ग की सेकेंड कैटेगरी में शामिल किया गया है जिनकी वार्षिक आय 12 से 18 लाख के बीच हो उन्हें भी सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।

यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने घरों का हुआ निर्माण

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत शहरी क्षेत्रों में कम आय वर्ग के लोगों के लिए बन रहे घरों के निर्माण की गति के मामले में उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भवन आवंटन के मामले में भी उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश सबसे आगे हैं। मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश को 20.05 लाख और उत्तर प्रदेश को 15.71 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दी हुई है। भवन निर्माण क्षेत्र से जुड़ी एनारॉक की पीएमएवाई की प्रगति से जुड़ी विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार 2024 तक सभी को आवास सुविधा मुहैया कराने के लक्ष्य को लेकर शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक बने लगभग 32 लाख घरों में लगभग एक तिहाई घर (11.22 लाख) अकेले उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बने हैं। इनमें से 9.33 लाख घर लाभार्थियों को आवंटित कर सौंपे जा चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2019 के समाप्त होने तक देशभर में 28.42 लाख घरों का आवंटन कर इन्हें लाभार्थियों को सौंपा जा चुका है। सरकार ने इस योजना के तहत आवास की जरूरत के मुताबिक 2024 तक 1.12 करोड़ घर बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2018 तक पीएमएवाई के तहत पूरे देश में सिर्फ 12.58 लाख घर बन कर तैयार हुए थे। जबकि 2019 में 19.42 लाख घर बन कर तैयार हुए हैं। इनमें से 35 प्रतिशत घरों का निर्माण उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बने।

उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में बने सबसे कम घर

रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में 8.69 लाख घर बन चुके हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में आवास निर्माण की धीमी गति के कारण 2018 में सिर्फ 24 हजार घर बन सके थे, लेकिन 2019 में यह संख्या 72 हजार के आंकड़े को पार कर गई है। इधर उत्तराखंड, गोवा और पंजाब पीएम आवास योजना के तहत घर बनाने की गति काफी धीमी है। यहां दिए गए लक्ष्य के अनुपात में घर नहीं पाए हैं जिन्हें आगे पूरा करने के प्रयास जारी हैं।  

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