Published - 19 Apr 2022
उत्तरप्रदेश में दूसरी बार योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही गरीबोंं के लिए एक लाख नए घर बनाने का ऐलान कर दिया है। दरअसल योगी सरकार ने अपनी 100 दिन की कार्ययोजना में इसे शामिल किया है। इसके तहत गरीबों के लिए एक लाख मकान बनाएं जाएंगे ताकि प्रदेश के अल्प आय वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल सकें। इसके अलावा 100 दिन की कार्ययोजना में अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं को भी शामिल किया गया है। इससे राज्य के सभी वर्गों के लोगों को लाभ होगा।
यूपी सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना में कई योजनाओं को शामिल किया गया है जिससे प्रदेश के सभी वर्गों के लोगों को लाभ होगा। इसके लिए अधिकारियों को अपने स्तर पर भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए है। योगी सरकार की ओर से अपनी 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल प्रमुख कार्य इस प्रकार से हैं-
100 दिवसीय कार्ययोजना तय करने के साथ ही कौनसा विभाग किस योजना का क्रियान्वयन करेगा यह भी तय कर दिया गया है। इस तरह योजनओं को दस विभागों में बांटा गया है जो इस प्रकार से है-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। यह योजना शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए समान रूप से लागू है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जिन लोगों के पास खुद का पक्का मकान नहीं है। उन्हें इस योजना के तहत आवास उपलब्ध कराना है। पीएम आवास योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर आवास उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए बैंक से लोन और सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इसमें लिए गए लोन पर ब्याज में सब्सिडी मिलती है तथा लोन चुकाने के लिए 20 साल तक का समय मिलता है। इस योजना का लाभ बीपीएल कार्ड धारक वाले व्यक्ति ही नहीं बल्कि अन्य जरूरतमंद व्यक्ति जिनके पास रहने को पक्का मकान नहीं है, वे उठा सकते हैं।
सरकार की ओर से पीएम आवास योजना का लाभ विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिया जाता है जिसमें उन्हें सरकार की ओर से घर खरीदने के लिए 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। हालांकि अब मध्यम आय वर्ग को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया है। जिससे उन्हें भी सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। बता दें कि जिन लोगों की आय तीन लाख रुपए से कम है उन्हें विशेष रूप से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। योजना की पात्रता के दिए गए मानदंड के अनुसार जिन लोगों की आय 3 से 6 लाख के बीच में होती है उन्हें निम्न आय वर्ग माना गया है। वहीं जिन लोगों की आय 6 से 12 लाख के बीच में है उनको मध्यम आय वर्ग में रखा गया है। इसके अलावा इसमें उन लोगों को भी मध्यम आय वर्ग की सेकेंड कैटेगरी में शामिल किया गया है जिनकी वार्षिक आय 12 से 18 लाख के बीच हो उन्हें भी सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत शहरी क्षेत्रों में कम आय वर्ग के लोगों के लिए बन रहे घरों के निर्माण की गति के मामले में उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भवन आवंटन के मामले में भी उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश सबसे आगे हैं। मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश को 20.05 लाख और उत्तर प्रदेश को 15.71 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दी हुई है। भवन निर्माण क्षेत्र से जुड़ी एनारॉक की पीएमएवाई की प्रगति से जुड़ी विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार 2024 तक सभी को आवास सुविधा मुहैया कराने के लक्ष्य को लेकर शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक बने लगभग 32 लाख घरों में लगभग एक तिहाई घर (11.22 लाख) अकेले उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बने हैं। इनमें से 9.33 लाख घर लाभार्थियों को आवंटित कर सौंपे जा चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2019 के समाप्त होने तक देशभर में 28.42 लाख घरों का आवंटन कर इन्हें लाभार्थियों को सौंपा जा चुका है। सरकार ने इस योजना के तहत आवास की जरूरत के मुताबिक 2024 तक 1.12 करोड़ घर बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2018 तक पीएमएवाई के तहत पूरे देश में सिर्फ 12.58 लाख घर बन कर तैयार हुए थे। जबकि 2019 में 19.42 लाख घर बन कर तैयार हुए हैं। इनमें से 35 प्रतिशत घरों का निर्माण उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बने।
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में 8.69 लाख घर बन चुके हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में आवास निर्माण की धीमी गति के कारण 2018 में सिर्फ 24 हजार घर बन सके थे, लेकिन 2019 में यह संख्या 72 हजार के आंकड़े को पार कर गई है। इधर उत्तराखंड, गोवा और पंजाब पीएम आवास योजना के तहत घर बनाने की गति काफी धीमी है। यहां दिए गए लक्ष्य के अनुपात में घर नहीं पाए हैं जिन्हें आगे पूरा करने के प्रयास जारी हैं।
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