Published - 23 Feb 2022
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। इसके तहत उन्हें सरकारी स्तर पर सहायता और सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसी क्रम में मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए भी सरकार की ओर से सहायता और अनुदान दिया जाता है। लेकिन मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करने से पहले इसका प्रशिक्षण लिया जाना जरूरी हो जाता है ताकि किसान इससे अधिक कमाई कर सकें। प्रशिक्षण का उद्देश्य न केवल मुर्गी पालन की विधिवत जानकारी देना है। इसी के साथ ही इस व्यवसाय को कैसे बेहतर रोजगार का साधन बनाए इस बात पर जोर देना है।
इसके लिए कई राज्यों में प्रशिक्षण की व्यवस्था समय-समय पर कृषि और पशुपालन विभाग की ओर से की जाती है। इसके अलावा कई संस्थाएं भी इसके लिए सशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। आज हम आपको ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से ऐसे संस्थानों की जानकारी दे रहे हैं जो मुर्गी पालन का व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। बता दें कि आज मुर्गी पालन एक बहुत बड़े व्यवसाय के रूप में उभर रहा है। इस व्यवसाय को करके लोग लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं ऐसे संस्थानों के बारे में जानकारी जो मुर्गी पालन का प्रशिक्षण देते हैं।
पशुचिकित्सा महाविद्यालय, महू में मुर्गी पालन का व्यवसायिक प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण 24 से 26 तक आयोजित किया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति जो व्यक्ति इस प्रशिक्षण में सम्मिलित होना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए पूर्व में सूची प्रेषित करनी होगी ताकि आवास, भोजन और प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनियोजित की जा सके। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुल्क तीन हजार रुपए रखा गया है। इसमें प्रशिक्षणार्थी के तीन दिन के आवास, चाय, नाश्ता, दोपहर और रात्रि का भोजन और प्रशिक्षण पुस्तक का शुल्क शामिल है। इस प्रशिक्षण के लिए डॉ. एम एस जमरा के मोबाइल नंबर 8234843736 पर संपर्क किया जा सकता है।
केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान बरेली की ओर से भी समय-समय पर मुर्गी पालन के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। ये संस्थान दो तरह का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलता है। इसमें एक तो सामान्य प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो सारे किसानों के लिए होता है। इसकी अवधि करीब एक हफ्ते से दस दिन की होती है, इसमें किसानों से कोई भी फीस नहीं ली जाती हैं। केवल रहने खाने का उनका अपना खर्च होता है। जब 50-60 की संख्या हो जाती है तो ट्रेनिंग शुरू की जाती हैं। वहीं दूसरा प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेष कार्यक्रम होता है, जैसे कि हैचरी, लेयर पालन या फिर ब्रायलर पालन पर, इस तरह के कई कार्यक्रम होते हैं। ये 14 दिनों की ट्रेनिंग होती है, जिसकी फीस भी होती है। मुर्गी पालन का प्रशिक्षण करने वाले लोग, संस्थान में फोन, पत्र या फिर ईमेल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। एक बार रजिट्रेशन होने पर जब भी कार्यक्रम शुरू होता है, लोगों को बुला लिया जाता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए निदेशक, केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान फोन: 91-581-2303223; 2300204; 2301220; 2310023; पर संपर्क किया जा सकता है।
उपरोक्त संस्थानों के अलावा मुर्गी पालन के प्रशिक्षण के लिए किसान या फिर युवा अपने जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर भी संपर्क कर सकते हैं। जहां पर लोगों के लिए समय-समय पर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जाता है।
मुर्गी पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए सरकार की ओर से लोन और सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए किसी भी सरकारी बैंक से लोन लिया जा सकता है। मुर्गी पालन व्यवसाय के लिए कुल लागत का 75 फीसदी तक लोन मिल सकता है। एसबीआई ने मुर्गी पालन के लिए लोन वाली इस योजना का नाम ब्रायलर प्लस योजना रखा है। यहां से आपको 5,000 मुर्गियों के पोल्ट्री फार्म के लिए 3 लाख रुपए तक का ऋण मिल सकता है। इस लोन पर सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जाता है। इसमें सामान्य वर्ग को 25 फीसदी सब्सिडी का लाभ मिलता है। वहीं एससी/एसटी वर्ग के लोगों के लिए 35 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी नाबार्ड केे तहत प्रदान की जाती है।
मुर्गी पालन व्यवसाय यानि पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए यदि आप लोन ले रहे हैं तो इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार से हैं-
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