प्रकाशित - 10 Jun 2023
पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना की खास बात ये हैं कि इस योजना के जरिये किसानों को सीधे तौर पर सहायता दी जाती है। इस योजना में डीबीटी (DBT) के माध्यम से पैसा सीधे किसान के खाते में पैसा भेजा जाता है इसलिए इसमें बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होती है। इसके बावजूद इस योजना का लाभ बहुत से ऐसे लोग भी उठाने लगे जो वास्तविकता में किसान है ही नहीं। ऐसे में सरकार ने वास्तविक किसानों की पहचान करने के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) कराना अनिवार्य कर दिया है।
सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार इस योजना में शामिल सभी किसानों को जो पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं उन्हें ई-केवाईसी करना अनिवार्य है। ई-केवाईसी कराने की प्रक्रिया सभी उन राज्यों के किसानों के लिए पूरी करना जरूरी है जहां यह योजना लागू है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने प्रदेश के किसानों से अपील की है कि जिन किसानों की ई-केवाईसी नहीं हुई है, वे जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरी कर लें ताकि उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आगे की किस्तें बिना रूकावट के मिलती रहें। इसके लिए लास्ट डेट 15 जून तय की गई है। प्रदेश के किसान 15 जून से पहले ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर ले ताकि उन्हें 14वीं किस्त का लाभ आसानी से मिल सके।
ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आज हम आपको पीएम किसान योजना 14वीं किस्त की न्यू अपडेट जानकारी दे रहे हैं, तो आइए जानते हैं आखिर ई-केवाईसी (e-KYC) क्या है और यह किसानों के लिए क्यों जरूरी की गई है।
केवाईसी का मतलब है अपने ग्राहक के बारे में जानें। बैंक अपने ग्राहक के बारे में जानना चाहता है कि जिस व्यक्ति का मेरे बैंक में खाता है वास्तव में वह वहीं व्यक्ति है। ऐसे में बैंक कुछ समय बीत जाने के बाद अपने ग्राहकों की केवाईसी करते हैं। इसके लिए बैंक ग्राहक से आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो की स्वहस्ताक्षरित कॉपी मांगता है और दस्तावेजों का सत्यापन करता है। इसे ही केवाईसी करना कहते हैं। जब यही प्रक्रिया डिजिटल तरीके से पूरी की जाती है तो इसे ही ई-केवाईसी (E-KYC) कहा जाता है।
पीएम किसान योजना में मिलने वाली किस्त के लालच में कुछ फर्जी किसान भी इस योजना से जुड़ गए और किस्त का लाभ लेने लगे। जब यह बात सरकार की जानकारी में आई तो सरकार ने पीएम किसान योजना के तहत किसान सम्मान निधि के जुड़े किसानों के लिए ई-केवाईसी की प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया ताकि फर्जी किसानों को योजना से बाहर किया जा सके और वास्तविक किसान को इस योजना का लाभ बिना रूकावट के मिलता रहे। यदि आप किसान है और निरंतर पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको ई-केवाईसी अवश्य करवाना होगा। बिना ई-केवाईसी के आपकी अगली किस्त रोकी जा सकती है।
ई-केवाईसी करवाने से वास्तविक किसान को पीएम किसान योजना की किस्तों का लाभ मिल सकेगा और योजना से फर्जी किसानों को बाहर किया जा सकेगा। इतना ही नहीं इन फर्जी किसानों से सरकार अब तक जो किस्तें उन्होंने इस योजना के तहत प्राप्त की हैं, उनकी वसूली भी की जाएगी। इसके लिए बाकायदा पीएम किसान सम्मान निधि की आफिशियल वेबसाइट पर पैसा रिटर्न करने का आप्शन दिया गया है। ऐसे किसान यहां से पीएम किसान योजना की किस्त पैसा रिटर्न कर सकते हैं। बता दें कि यूपी में करीब 2 लाख से ज्यादा फर्जी किसानों की पहचान की गई थी। इनमें से बहुतों को पैसा रिटर्न करने का नोटिस भी भेजा गया।
यदि किसान निर्धारित समय सीमा तक ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं तो उन्हें पीएम किसान योजना के तहत पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त करने के लिए अपात्र माना जाएगा। उन्हें आगे मिलने वाली किस्तों से वंचित किया जा सकता है। ऐसे में इस योजना के पात्र किसान जल्द से जल्द ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर लें ताकि उन्हें योजना का लाभ बिना किसी परेशानी के मिलता रहे।
किसान ई-केवाईसी करवाने के लिए अपने निकटतम सीएससी पर जाकर यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके लिए आपको आधार कार्ड और रजिस्ट्रड्र मोबाइल नंबर की जरूरत होगी। सीएससी के जरिये ई-केवाईसी (e-KYC) करवाने के लिए आपको कुछ शुल्क भी देना होगा। इसके अलावा आप अपने मोबाइल से भी इस प्रक्रिया को ऑनलाइन घर बैठ कर पूरी कर सकते हैं। इसके तहत ईकेवाईसी ओटीपी के माध्यम से की जाती है।
पीएम किसान योजना के तहत ऑनलाइन ई-केवाईसी (How to do online e-KYC) करने के लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करना होगा। ये स्टेप्स इस प्रकार से हैं
मीडिया के अनुसार बताया जा रहा है कि जून माह के अंतिम सप्ताह तक पीएम किसान सम्मान निधि की 14 वीं किस्त (14th installment of PM Kisan Yojana) सरकार जारी कर सकती है। हालांकि इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। बता दें कि आमतौर पर पीएम किसान सम्मान निधि की पहली किस्त अप्रैल से जुलाई के बीच जारी की जाती है। वहीं दूसरी किस्त अगस्त से नंबवर के तक जारी होती है। इसके अलावा इसकी तीसरी किस्त दिसंबर से मार्च के दौरान जारी की जाती है।
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