Published - 06 Apr 2022
पीएम किसान सम्मान निधि में एक ताजा अपडेट निकल कर सामने आई है। जैसा कि हमने ट्रैक्टर जंक्शन की पिछली खबर में बताया था कि ई-केवाईसी कराने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है तो बता दें कि अब आप ई-केवाईसी 22 मई तक करा सकते हैं। पहले ये तिथि 31 मार्च थी। इसी बीच ई-केवाईसी की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है। अब ई-केवाईसी आधार आधारित न होकर बायोमैट्रिक तरीके से होगी। जानकारी के लिए बता दें कि आधार आधारित ओटीपी प्रमाणिकारण के माध्यम से ई-केवाईसी कराने की प्रक्रिया को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है। इसलिए अब किसानों को बायोमैटिक तरीके से ई-केवाईसी करानी होगी। इसके लिए किसान को अपने अंगूठा के निशान देना होगा। इसी निशान से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
बायोमैट्रिक ई-केवाईसी के लिए किसानों को अपने निकटतम सीएससी सेंटर पर जाना होगा। वहां आपको अपने अंगूठे का निशान देना होगा। आपके अंगूठे के निशान को आपके आधार कार्ड में दिए गए अंगूठे के निशान से मिलान किया जाएगा। यदि निशान मिल जाता है तो आपकी बायोमैट्रिक ई-केवाईसी पूरी हो जाएगी। यदि नहीं मिलता है तो ई-केवाईसी अमान्य समझी जाएगी। बता दें कि बायोमैट्रिक ई-केवाईसी का सिस्टम पीएम किसान सम्मान निधि की साइट पर अभी फिलहाल उपलब्ध नहीं है इसलिए आपको बायोमैट्रिक ई-केवाईसी कराने के लिए सीएचसी सेंटर पर ही जाना होगा।
अब तक ई-केवाईसी आधार नंबर पर आधारित होती थी। इसके लिए आपके मोबाइल पर ओटीपी आता था। और उस ओटीपी को डालकर ई-केवाईसी की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता था। लेकिन अब ये प्रक्रिया कुछ समय के लिए बंद कर दी गई है अब आपको बायोमैट्रिक तरीके से ई-केवाईसी करानी होगी जिसके लिए आपको सीएचसी सेंटर जाना होगा। यहां ई-केवाईसी के लिए आपसे 15 से लेकर 30 रुपए तक शुल्क देना पड़ सकता है।
समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के माध्यम से कई बार ऐसे मामले सामने आए है जिनमें अपात्र लोग पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने अब पीएम किसान सम्मान निधि योजना में पात्र लोगों तक योजना का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ई-केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया है। ई-केवाईसी के माध्यम से वास्तविक पात्र किसानों की पहचान कर पीएम किसान सम्मान निधि की राशि उनके खातों में दी जाएगी। अभी इस योजना की 11वीं किस्त आने वाली है। इसे देखते हुए ई-केवाईसी करने की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है और इसलिए इसकी अंतिम तिथि भी सरकार की ओर से बढ़ा दी गई है जिससे किसान समय रहते ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर सकें।
केवाईसी का मतलब होता है ग्राहक को पहचानना। यानि बैंक अपने ग्राहक की पहचान करता है जिसे सेवाओं का लाभ मिल रहा है। इसी तरह पीएम किसान सम्मान निधि के तहत योजना से जुड़े लाभार्थी किसानों की पहचान का काम ई-केवाईसी के माध्यम से किया जा रहा है। ई-केवाईसी कराने का सबसे बड़ा फायदा है कि सही पात्र व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सकेगा। बता दें कि कई लोगों ने किसान न होते हुए भी इस योजना में अपना नाम जुड़वाकर फर्जी तरीके से इसका फायदा उठाया। जब ये बात सरकार को पता चली तो उसने ऐसे लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी और योजना से जुड़े किसानों के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया ताकि वास्तविक पात्र किसान को इस योजना का लाभ मिल सके। यदि आप भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े हैं और बिना रूकावट के निरंतर पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ लेना चाहते हैं तो जल्द ही ई-केवाईसी जरूर कराएं।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए किसान के नाम खेती की जमीन होनी चाहिए। यदि कोई किसान खेती कर रहा है, लेकिन खेत उसके नाम नहीं है, तो वह लाभार्थी नहीं होगा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को 1 दिसंबर 2018 से लागू किया गया था। इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के माध्यम से किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की राशि बतौर आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाती है। ये राशि हर चार माह के अंतराल में 2-2 हजार की तीन किस्तों में किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाती है। इससे किसान अदान यानि खाद, बीज, कीटनाशक खरीदने सहित अन्य जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
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