Published - 22 Feb 2022 by Tractor Junction
सरकार की ओर से किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका लाभ उन्हें मिल रहा है। उन्हीं योजनाओं में एक योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है। इस योजना को चलाने का मुख्य उद्देश्य किसान को प्राकृतिक आपदा में फसल को नुकसान पहुंचने पर राहत प्रदान करना है। इस योजना के सफलतापूर्वक छह साल पूरे हो चुके है और पीएम फसल बीमा योजना ने अपने 7वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। इस उपलक्ष्य पर सरकार की ओर से घर-घर फसल बीमा पॉलिसी का वितरण करने का अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना से जुड़े और इसका लाभ प्राप्त करें।
पीएम फसल बीमा योजना के तहत कार्यान्वयन वाले सभी राज्यों में किसानों को ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ के लिए फसल बीमा पॉलिसी प्रदान करने के लिए डोर-टू-डोर वितरण अभियान शुरू किया जाएगा। अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी किसान पीएमएफबीवाई के तहत अपनी नीतियों, भूमि अभिलेखों, दावे की प्रक्रिया और शिकायत निवारण के बारे में संपूर्ण जानकारी से अच्छी तरह अवगत कराया जा सके।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 18 फरवरी, 2016 को मध्य प्रदेश के सीहोर में की थी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना केंद्र सरकार की एक फ़्लैगशीप योजना है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल के नुकसान/क्षति से पीडि़त किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। पीएमएफबीवाई के तहत 36 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा किया गया है। 4 फरवरी, 2022 तक इस योजना के तहत 1,07,059 करोड़ रुपए से अधिक के दावों का भुगतान किया जा चुका है।
• पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को उनकी फसल पर बीमा कवर किया जाता है।
• पीएम फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है। इसके तहत किसानों को नुकसान का आकलन कर भुगतान किया जाता है।
• यदि फसल मानव कारण से नष्ट हुई हो तो उस पर बीमा का लाभ नहीं मिलेगा।
• किसान को प्राप्त होने वाली राशि का भुगतान सीधे डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
• पीएम फसल बीमा अब स्वैच्छिक है। किसान अपनी इच्छानुसार बीमा करा सकते हैं। इसके लिए उन पर कोई दबाव नहीं होगा।
2016 में शुरू हुई पीएम फसल बीमा योजना में 2020 में अहम बदलाव किया गया। इसके तहत किसानों अपनी स्वैच्छा से इस योजना में जुड़ सकते हैं। यानि किसान स्वतंत्र है कि वे स्वैच्छा से अपनी फसल का बीमा कराए या नहीं। पहले किसानों के लिए अपनी फसलों का बीमा करना जरूरी था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब इस योजना को स्वैच्छिक कर दिया गया है।
यदि कोई किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसान जो बीमा नहीं लेना चाहते और उनके खातों से प्रीमियम सीधे कट रहा है उन्हें इसके बारे में बैंक को लिखित में सूचना देनी होगी। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो बैंक ऑटोमेटिक केसीसी लोन की रकम से पीएम बीमा फसल बीमा का प्रीमियम काट लेगा और किसान का नुकसान हो जाएगा। सरकार ने सभी बैंक अधिकारियों से कहा है कि जिस भी फसल का प्रीमियम का पैसा बैंक अकाउंट से सीधे काटा जा रहा है, उसकी जानकारी किसान को होनी चाहिए। ये रकम प्रति एक लाख प्रीमियम पर करीब 2000 रुपए तक हो सकती है।
जिन किसानों की फसलों का बीमा है और यदि उनकी फसलों को प्राकृतिक आपदा जैसे- बारिश, ओलावृष्टि, बाढ़, तूफान आदि से नुकसान हुआ है, वे इसकी सूचना किसान फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के 72 घंटे के भीतर फसल के नुकसान की रिपोर्ट बीमा कंपनी को दे सकते हैं।
बता दें कि रबी और खरीफ फसलों का बीमा प्रति वर्ष किया जाता है जिसके लिए किसानों को प्रीमियम भरना होता है।
पीएम फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम की दर का निर्धारण भी किया गया है। इसके तहत खरीफ की फसलों का बीमा 2 प्रतिशत प्रीमियम पर तथा रबी फसलों का बीमा 1.5 प्रतिशत प्रीमियम की दर पर किया जाता है। इसके अलावा वार्षिक वाणिज्यिक/वार्षिक बागवानी फसलों का बीमा 5 प्रतिशत की दर पर किया जाता है।
पीएम फसल बीमा के लिए आवेदन करते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
पीएम फसल बीमा योजना में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन किया जा सकता है। इस योजना में ऑनलाइन आवेदन के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाकर इसके लिए फॉर्म भर सकते हैं। इसके अलावा सीएससी पर जाकर भी इसके लिए आवेदन किया जा सकता है। वहीं इस योजना में यदि आप ऑफलाइन फॉर्म भरना चाहते है तो इसके लिए आपको कृषि विभाग में जाकर आवेदन फॉर्म लेना होगा और भरकर वहीं जमा करवाना होगा।
वर्ष 2016-17 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों तथा केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा प्रीमियम राशि फसल बीमा कंपनी को दी जाती है। फसल नुकसानी पर किसानों को दावे के अनुसार भुगतान किया जाता है। इस योजना के तहत अब तक वित्तीय वर्ष के अनुसार किसानों को अब तक दावा राशि का भुगतान किया गया वे इस प्रकार से है-
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