Published - 30 Apr 2022
सरकार की ओर से किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसान अपनी फसलों का बीमा करा कर संभावित हानि से हुए नुकसान का मुआवजा ले सकते हैं। पिछले दिनों आयोजित फसल बीमा पाठशाला कार्यक्रम में राजस्थान राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि पीएम फसल बीमा योजना के तहत पिछले 3 वर्षो से अधिक समय के दौरान 1 करोड़ 23 लाख फसल बीमा पॉलिसी धारक किसानों को 15 हजार 600 करोड़ रुपए से अधिक के फसल बीमा क्लेम वितरित किए गए। कटारिया प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में आयोजित फसल बीमा पाठशाला कार्यक्रम को ऑन-लाइन संबोधित कर रहे थे। पाठशाला का आयोजन चयनित ग्राम पंचायतों में शुरू हो गया है जो एक मई तक चलेगा।
पीएम फसल बीमा योजना में खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा और दालें) का बीमा किया जाएगा। तिलहन फसलों सहित वार्षिक वाणिज्यिक अथवा वार्षिक बागवानी फसलों सहित बारहमासी फसलों के अलावा वार्षिक बागवानी फसलों का बीमा कराया जा सकता है। इस योजना में रबी और खरीफ सीजन की फसलों को शामिल किया गया है।
किसान की ओर से बीमा कंपनी को दिए जाने वाले प्रीमियम की दर खरीफ सीजन के लिए अनाज, दलहन और तिलहन सहित खाद्यान्न फसलों के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा। वहीं रबी सीजन के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम भरना होगा। इसके अलावा वार्षिक बागवानी और वाणिज्यिक फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम देय होगा।
पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को इसके लिए आवेदन करना होगा। यदि किसान ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो वह पीएम फसल बीमा योजना की वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए किसान किसी भी बैंक से फार्म लेकर भर कर जमा करा सकते हैं। यह फार्म बैंक में ही जमा कराना होगा।
कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना’’ की राशि को 2 हजार करोड़ से बढ़ाकर 5 हजार करोड़ रुपए कर दी है। इसके अलावा राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत आगामी तीन वर्ष में 4 लाख से अधिक किसानों को ड्रिप/फव्वारा, 50 हजार किसानों को पाइप लाइन, 45 हजार किसानों को फार्म पौंड तथा 300 सामुदायिक जल स्त्रोत पर अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राजस्थान जैविक खेती मिषन के तहत आगामी 3 वर्ष में करीब 4 लाख किसानों को जैविक खेती कार्यक्रम से लाभान्वित करने की योजना है। इसके लिए एक ऑर्गेनिक बोर्ड का भी गठन भी किया जाएगा।
कटारिया ने बताया कि राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के तहत आगामी 2 वर्ष में 50 हजार किसानों को बीज स्वावलंबन योजना से लाभान्वित किया जाएगा तथा 12 लाख लघु सीमांत कृषकों को प्रमाणित किस्मों के बीज मिनिकिट निशुल्क उपलब्ध कराने के साथ 3 लाख पशुपालकों किसानों को हरा चारा बीज मिनिकिट उपलब्ध कराया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि राजस्थान संरक्षित खेती मिशन के तहत आगामी 2 वर्ष में 25 हजार किसानों को ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस तथा लोटनल की स्थापना के लिए 10 हजार किसानों को फल-बगीचे विकसित करने के लिए अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत 2 वर्ष में एक करोड़ 25 लाख तारबन्दी करवायी जाएगी तथा 3 किसानों को एक यूनिट मानने की शर्त को समाप्त कर एकल कृषक को भी लाभान्वित किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि आगामी 2 वर्ष में 60 हजार किसानों को कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों के लिए एक हजार 500 कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी तथा 1 हजार ड्रोन उपलब्ध कराएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक लाख किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा तथा एसटी, एससी वर्ग के किसानों को 45 हजार रुपए का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। कटारिया ने कहा कि राज्य के किसान ‘‘राज किसान साथी पोर्टल’’ पर आवेदन करके विभाग की विभिन्न योजनाओं के लाभ उठा सकते हैं, साथ ही अपनी शिकायतें भी इस पोर्टल पर दर्ज करा सकते हैं।
श्री कटारिया ने कहा कि किसानों को कृषि योजनाओं के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन आदि योजनाओं से भी लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में अधिक संख्या में कृषि महाविद्याालय खोले गये हैं। राज्य में पशुधन के बीमा के साथ नस्ल सुधार कार्यक्रम एवं गाय सर्वधन योजना से भी कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है। पशुपालकों को पशुधन हेतु मुफ्त दवाई तथा पशुधन हेतु एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। चूरू जिले में फार्म-पौंड द्वारा सिंचाई के साथ-साथ मत्स्य पालन भी हो रहा है। कार्यक्रम में राज्य स्तर से कृषि विभाग के आयुक्त कानाराम, सीएससी के अधिकारी, फसल बीमा अनुभाग के अधिकारियों एवं बीमा कंपनियों के अधिकारियों मौजूद थे।
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