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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना - जल्द मिलेंगे फसल बीमा के 811 करोड़ रुपए

प्रकाशित - 07 Dec 2022

फसल बीमा योजना : किसानों को जल्द किया जाएगा फसल बीमा क्लेम का भुगतान

किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इसके तहत सरकार बीमा कंपनियों के माध्यम से किसानों को अपनी रबी और खरीफ की फसलों का बीमा कराने की सुविधा प्रदान करती है। इस योजना में लाखों की संख्या में किसान अपनी फसलों का बीमा कराते हैं। बीमा के बाद फसल नुकसान होने पर बीमा कंपनी को सूचना दी जाती है और बीमा कंपनी फसल की रिपोर्ट तैयार करती है और इसके बाद बीमा कंपनी की ओर से किसान को क्लेम की राशि का भुगतान किया जाता है। लेकिन कई बार किसानों के क्लेम का पैसा देरी से आता है। ऐसे में सरकार बीमा कंपनी को बीमा क्लेम का भुगतान करने के लिए आदेश जारी करती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कई राज्यों में चल रही है। इसी कड़ी में झारखंड राज्य के किसानों के लिए एक खुशखबर आई है। राज्य के जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा इस योजना के तहत कराया था। उनके बकाया क्लेम का भुगतान जल्द कर किया जाएगा। इसके तहत बीमा कंपनी की ओर से यहां के किसानों को करीब 811 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया जाएगा।

राज्य के किसानों को कौनसे साल का बीमा क्लेम दिया जाएगा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य के किसानों को 2017-18 से वर्ष 2020 तक का लम्बित भुगतान जल्द किया जाएगा। किसानों को लम्बित फसल बीमा राशि का भुगतान किया जा सके इसके लिए पिछले दिनों झारखंड के कृषि मंत्री बादल ने भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान और इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उसमें कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने हिस्से का राज्यांश देने को तैयार है, बशर्ते बीमा कंपनियां अपनी तरफ़ से शपथ पत्र दें कि किसानों के बीमा क्लेम का भुगतान जल्द करेंगी।

किसानों को कब मिलेगी बकाया क्लेम की राशि

झारखंड कृषि मंत्री बादल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा से जुड़ी बीमा कंपनियों को राज्यांश की राशि देने की पहल की जाएगी। राज्यांश और केंद्रांश की राशि मिलते ही प्रभावित किसानों को क्लेम की राशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफ़र कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के द्वारा किसानों के लंबित दावे का भुगतान जल्द से जल्द कराया जाएगा। मंत्री बादल ने कहा कि राज्य सरकार बीमा कंपनियों को लगातार 2015-16 से राशि तो दे रही है पर किसानों को उस मात्रा में उसका लाभ नहीं मिल पाता है जितना उन्हें होना चाहिए। ऐसे में बीमा कंपनियों के द्वारा जैसे ही शपथ पत्र दिया जाएगा राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि तुरंत जारी कर देगी, इसे लेकर केंद्र सरकार से आई टीम ने स्पष्ट तौर से बीमा कंपनियों को शपथ पत्र देने के निर्देश दिए हैं।

राज्य से राशि मिलते ही 7 दिनों में होगा लंबित दावों का भुगतान

झारखंड के किसान जो पीएम फसल बीमा योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं तथा जिनका 2017-18 से 2020 तक का क्लेम सेटलमेंट नहीं हुआ है, उन किसानों को जल्द ही क्लैम का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य सरकार के द्वारा जैसे ही राशि जारी की जाएगी बीमा कंपनियां किसानों के लंबित दावे 811 करोड़ की राशि का भुगतान 7 दिनों के अंदर कर देगी। किसानों को बीमा क्लेम की राशि का भुगतान पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा और लापरवाही बरतने वाली कंपनी पर पैनल्टी लगाने का प्रावधान भी किया गया है। यह भी तय किया गया कि सभी बीमा कंपनियां राज्य सरकार को शपथ पत्र देंगी। केन्द्रांश और राज्यांश की राशि मिलने के सात दिनों के अंदर सभी किसानों के क्लेम का भुगतान उनके बैंक एकाउंट में कर दिया जाएगा।

पीएम फसल बीमा योजना की अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

झारखंड में अब लागू होगी नई फसल बीमा योजना

झारखंड सरकार ने राज्य के किसानों की सहायता के लिए राज्य स्तर पर फसल राहत योजना नाम से एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की है। ये योजना प्रधानमंत्री बीमा योजना की तरह ही कार्य करेगी। यह योजना मुख्य रूप से किसी भी प्राकृतिक आपदा और प्राकृतिक दुर्घटनाओं के कारण फसल क्षति की स्थिति में किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। वास्तव में देखा जाए तो झारखंड राज्य फसल राहत योजना, फसल बीमा योजना न होकर फसल क्षति होने पर किसानों को प्रदान की जाने वाली एक क्षतिपूर्ति योजना है। यह किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण फसल क्षति के मामले में सुरक्षा कवच प्रदान करने के साथ ही एक निश्चित आर्थिक सहायता प्रदान करने के संकल्प को पूरा करेगी।

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana : किसानों को नहीं देना होगा प्रीमियम 

फसल राहत योजना झारखंड का लाभ भू:स्वामी तथा भूमिहीन किसान, दोनों को मिल सकेगा। किसानों को इस योजना के तहत किसी भी प्रकार के फसल बीमा प्रीमियम भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी तथा उन्हें सीधे तौर पर सरकार की ओर से फसल क्षति की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। 

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