प्रकाशित - 04 Apr 2023
सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के बेघर लोगों को सस्ते आवास उपलब्ध कराएं जाते हैं। इस योजना के तहत योजना में चयनित लाभार्थी को सरकार की ओर से घर बनाने के लिए पैसा दिया जाता है। ये पैसा लाभार्थी को किस्तों में दिया जाता है। लाभार्थी इस किस्त में मिले पैसे की मदद से अपना घर का मकान बनाने में समर्थ हो पाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की ओर से विशेष रूप से लाभार्थियों को घर निर्माण के आर्थिक रूप से मदद दी जाती है। मकानों का निर्माण कार्य जारी है और ऐसे में लाभार्थियों को अनुदान राशि भी जारी की जा रही है। लेकिन पटना में कई ऐसे मामले आए हैं जिसमें लाभार्थी ने अनुदान की राशि तो ले ली पर मकान का निर्माण नहीं कराया है। इस मामले की जानकारी सरकार को मिलने के बाद सरकार ने ऐसे लोगों की जांच की तो इस तरह के करीब 400 मामले निकले जिसमें पीएम आवास योजना में लाभार्थी ने अनुदान की राशि तो ले ली पर उसका उपयोग मकान के निर्माण में नहीं किया और आवास कार्य अभी भी अधूरा है। ऐसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार अब इन लोगों से अनुदान राशि वसूली करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पटना में ऐसे 400 मामले ही सामने आए है जिसमें लाभार्थी ने सरकार से मिलने वाली अनुदान की राशि तो ले ली पर मकान का निर्माण पूरा नहीं किया है। ऐसे लाभुकों पर सर्टिफिकेट केस हुआ है। इनसे पीएम आवास योजना के तहत दी गई अनुदान राशि की वसूली की जाएगी।
पीएम आवास योजना के तहत मैदानी इलाकों में रह रहे लोगों को 1 लाख 20 हजार रुपए और पहाड़ी इलाकों में रह रहे लोगों को घर बनाने के लिए 1.30 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है। सरकार का मानना है कि इस आर्थिक सहायता से जरूरतमंद लोग अपना घर बना सकेंगे। सबको रहने को आवास मिले इस उद्देश्य से सरकार ने ये योजना शुरू की है। पीएम आवास योजना ग्रामीण को 2023-24 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
पीएम आवास योजना के तहत पटना में सात हजार मकानों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। इनके लिए जिन लाभुकों को राशि नहीं दी गई है, उनको निर्माणाधीन घरों की स्थित देखकर अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा।
बिहार के दानापुर जिले में सबसे अधिक मकानों का काम अधूरा पड़ा है। दानापुर में करीब 1300 और मनेर में 600 मकानों का निर्माण कार्य अधूरा है। इनमें से 400 ऐसे घर है जिनके लाभुकों ने सरकार से अनुदान राशि प्राप्त करने के बाद भी इन घरों का निर्माण नहीं किया है। ऐसे लाभुकों से सरकार वसूली करेगी। इधर गलत रिपोर्ट करने वाले 30 आवास सहायकों से शोकॉज पूछने के साथ उनका वेतन बंद किया गया है। बता दें कि पीएम आवास योजना के तहत दो चरणों में मकान का निर्माण किया जा रहा है। इसमें वर्ष 2016-2021 में 97 हजार में से 96 प्रतिशत मकान तैयार हैं। वहीं 2021-22 40 हजार मकानों में से 91 प्रतिशत घर बनकर तैयार हैं।
पीएम आवास योजना केंद्र सरकार की योजना है। इसके तहत देश के हर राज्य में गरीबों और जरूरतमंद लोगों जिनके पास खुद का घर नहीं है उन्हें रहने के लिए आवास उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के तहत सरकार मकान बनाने और मकान की मरम्मत कराने के लिए पैसा देती है। वहीं शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत लाभार्थी को मकान खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है। पीएम आवास योजना ग्रामीण अभी चल रही है। इसके तहत लाभार्थियों को मकान बनाने और जर्जर मकान की मरम्मत के लिए पैसा दिया जा रहा है। लाभार्थियों को पैसा किस्तों में दिया जाता है।
पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत मकान बनाने को लेकर कुछ नियम तय किए गए हैं, ये नियम इस प्रकार से हैं-
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