प्रकाशित - 14 Oct 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत गरीब व जरूरतमंदों को सस्ती कीमत अपना घर मुहैया कराया जाता है। खास बात यह है कि इस योजना के तहत लाभार्थी को मकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता राशि या सब्सिडी (subsidy) दी जाती है जिससे वे अपने घर का सपना पूरा कर सकते हैं। इस समय पीएम आवास योजना का दूसरा चरण यानी प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 चल रही है। इसे केंद्र सरकार ने 9 अगस्त 2024 को लॉन्च किया था। पीएम आवास योजना के प्रथम चरण की जोरदार सफलता के बाद केंद्र सरकार ने इस योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की है ताकि देश के अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को आवास उपलब्ध कराया जा सके।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 (Pradhan Mantri Awas Yojana 2.0) के तहत देश के अलग-अलग राज्यों में 3 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 2 करोड़ घर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बनाए जाएंगे और एक करोड़ घर प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत बनाने की मंजूरी दी गई है। वहीं पीएम आवास योजना ग्रामीण को 2024-25 से अगले पांच वर्षों यानी 2028-29 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसे में देश के सभी पात्र व्यक्ति पीएम आवास योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इसी बीच सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी (subsidy) को लेकर भी नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत भी दी है। यदि लाभार्थी पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी से संबंधित नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनसे सब्सिडी का पैसा वसूला जा सकता है यानी आपको सब्सिडी का पैसा लौटाना पड़ सकता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना ग्रामीण (PM Awas Yojana Gramin) और शहरी इलाकों में पीएम आवास योजना शहरी (PM Awas Yojana Urban) का संचालन किया गया है। इसमें पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत सरकार की ओर से मैदानी इलाकों में रह रहे लोगों को मकान बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता यानी अनुदान दिया जाता है। जबकि पहाड़ी इलाकों के लोगों को मकान निर्माण के लिए 1.30 लाख रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। वहीं पीएम आवास योजना शहरी के तहत लाभार्थी को अधिकतम 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जाती है, यह एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी होती है जो सीधे लाभार्थी के खाते में दी जाती है। इस सब्सिडी के जमा होने पर बैंक आपको कम ब्याज पर लोन की सुविधा प्रदान करते हैं जिससे आपको ब्याज में छूट मिलती है और आपके लोन की किस्त कम हो जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत लाभार्थी को अधिकतम 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। यह पैसा लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। यदि लाभार्थी कुछ गलतियां कर देते हैं तो उनको मिलने वाली सब्सिडी का पैसा वापस भी लिया जा सकता है। ऐसे में हमारे लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि हम कौनसी गलतियां नहीं करें ताकि हमें सब्सिडी के लाभ वंचित होना पड़े।
यदि किसी लाभार्थी को क्रेडिट सब्सिडी मिल चुकी है। उसने घर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। लेकिन किसी कारणवश वह उस निर्माण कार्य को बंद करा देता है तो ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत मिलने वाला सब्सिडी का पैसा लाभार्थी को लौटाना पड़ता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत लोगों ने सब्सिडी का पैसा खाते में आने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया जिस पर सरकार ने उन्हें नोटिस जारी किए। ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश में सामने आया। जहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि लेकर मकान नहीं बनाने वाले लोगों से राज्य सरकार वसूली की तैयारी कर रही है। पूरे प्रदेश की करीब 30 हजार ऐसे लाभार्थी सामने आए जिन्होंने पीएम आवास योजना की पहली किस्त लेने बाद भी मकान निर्माण कार्य शुरू नहीं किया।
यदि पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत लाभार्थी ने बैंक से लोन लिया है और वह बैंक को समय पर लोन की किस्तें नहीं चुका पाता है तो ऐसी स्थिति में बैंक उस लोन को नॉन परफॉर्मिंग असेट यानी एनपीए मान लेता है। ऐसा होने पर लाभार्थी को मिली क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी वापस चली जाती है यानी लाभार्थी को सब्सिडी का लाभ नहीं मिलता है।
पीएम आवास योजना के तहत (PM Awas Yojana) यदि कोई लाभार्थी मकान के इस्तेमाल का सर्टिफिकेट यानी प्रमाण-पत्र जमा नहीं करता है तो भी सरकार उससे सब्सिडी का पैसा वापस ले सकती है। इस सर्टिफिकेट को लोन की पहली किस्त मिलने की तारीख से एक साल से 36 माह के अंदर जमा करना होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत लाभार्थी को मकान खरीदने के लिए बैंक से लोन मिलता है जिसके लिए सरकार की ओर से लाभार्थी को ब्याज सब्सिडी दी जाती है जिसे क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी कहा जाता है। इस सब्सिडी का पैसा सीधा लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर किया जाता है। जब तक ब्याज सब्सिडी का पैसा होता है तब तक लाभार्थी को होम लोन में ब्याज पर छूट का लाभ मिलता रहता है। जब ब्याज सब्सिडी का पैसा खत्म हो जाता है तो ऐसी स्थिति में लाभार्थी को लोन की रकम बैंक की वास्तविक ब्याज दर पर लौटानी पड़ती है। ऐसे में लोन की किस्तों की राशि में बढ़ोतरी हो जाती है और उसे पहले से अधिक पैसा किस्तों में चुकाना पड़ता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत लाभार्थी को 50 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है। यह लोन 20 साल की अवधि के लिए दिया जाता है। इसके तहत लगने वाले ब्याज की दर में लाभार्थी को आय वर्ग श्रेणी के अनुसार 3 से लेकर 6 प्रतिशत तक ब्याज में छूट प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत अधिकतम 6 लाख रुपए तक की सब्सिडी या ब्याज में छूट मिल सकती है। पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत ईडब्ल्यूएस व एलआईजी कैटेगरी के लाभार्थियों को अधिकतम 6 लाख रुपए का बैंक लोन मिल सकता है जिस पर 6.5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी मिलती है। वहीं मध्यम वर्ग यानी एमआईजी कैटेगिरी-1 वर्ग को अधिकतम 9 लाख रुपए का लोन मिल सकता है और इस पर उन्हें 4 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है। इसके अलावा एमआईजी-2 वर्ग को अधिकतम 12 लाख रुपए का बैंक लोन मिल सकता है और उन्हें सरकार की ओर से 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इससे अधिक राशि का लोन लेने पर लाभार्थी को सब्सिडी का लाभ नहीं मिलता है। इससे अधिक की राशि पर उसे बैंक की वास्तवित होम लोन की दर से ब्याज देना होता है।
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