Published - 13 Feb 2021 by Tractor Junction
उत्तरप्रदेश में इन दिनों घरौनी काफी चर्चा मेें है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस घरौली को मिलने के बाद किसान इससे गिरवी रखकर बैंक से कर्ज भी ले सकेगा। हाल ही में यूपी में 1001 ग्रामों के 1,57,244 ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) के डिजिटल वितरण का डिजिटल वितरण कार्यक्रम (वर्चुअल) हुआ। इस अवसर पर सीएम ने डिजिटल खसरा का शुभारंभ भी किया। इस दौरान सीएम योगी ने प्रदेश के 11 जनपदों (जनपद जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, वाराणसी एवं आजमगढ़) के लाभार्थियों से संवाद भी किया।
दरअसल यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में किसानों को उनकी जमीन का मालिकाना हक प्रदान कर रही है। इसके तहत दिए जाने वाला ग्रामीण आवासीय अभिलेख जिसे घरौली कहा गया है का डिजिटल वितरण किया जा रहा है ताकि बरसों से एक स्थान पर रह रहे ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिले। इससे कोई दूसरा इस पर अवैध रूप से कब्जा न कर पाए।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार स्वामित्व योजना ग्राम्य सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी क्रांति है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि घरौनी मात्र भूमि का मालिकाना हक दिलाने वाला सरकारी कागज नहीं, बल्कि यह गांव के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने, आत्मसम्मान का बोध कराने और आत्मनिर्भरता की राह दिखाने का माध्यम है। स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को अपने ग्राम के आबादी क्षेत्र में स्थित अपनी सम्पतियों (भवन, प्लाट आदि) के प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि यह विवाद और भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे ही, जरूरत पडऩे पर बेझिझक इन दस्तावेजों के आधार पर बैंक से सहजतापूर्वक ऋण भी लिया जा सकेगा। इस ऋण के जरिए ग्रामीण अपना कोई उद्यम भी लगा सकते हैं। इस तरह यह स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने का भी जरिया बनेगा।
कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के सात नागरिकों को मुख्यमंत्री के हाथों घरौनी मिली। सभी 11 जिलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने घरौनी का वितरण किया। घरौनी प्राप्त करने वालों से वर्चुअल संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तैनी जमीनों पर लोगों के मकान तो थे, लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं था, नतीजतन आए दिन लोगों को उत्पीडऩ और विवाद झेलना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सरकार उनकी पुस्तैनी जमीन का मालिकाना हक दे रही
अब तक 37 जिलों के कुल 1,578 ग्रामों के 2,09,016 भूखंड स्वामियों को आवासीय अभिलेख (घरौनी) प्राप्त हो चुके हैं। सीएम योगी ने कहा कि घरौनी के माध्यम से आबादी क्षेत्र का प्रारंभिक डाटा तैयार होने से विकास हेतु सरकारी योजनाएं संचाचित किए जाने में भी सुगमता होगी। ड्रोन के माध्यम से सर्वेक्षण कर सही जानकारी आधारित अभिलेख तैयार हो रहे हैं। दैवीय आपदाओं की स्थिति में स्थानीय प्रशासन द्वारा तेजी से सहायता भी मिल सकेगी।
अब जारी किया जाएगा ऑनलाइन डिजिटल खसरा
डिजिटल खसरा का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूर्व के 21 स्तम्भों के ऑफलाइन खसरे के स्थान पर अब 46 स्तम्भों के नए और पूर्णत: ऑनलाइन डिजिटल खसरे जारी होने का काम व्यापक जनमहत्व का है। इस ऑनलाइन खसरा में गाटा, फसल एवं सिंचाई के साधन, दैवीय आपदा एवं कृषि अपशिष्ट निस्तारण, वृक्ष, गैर कृषि भूमि, लीज, दो फसली क्षेत्रफल व अकृषित भूमि तथा विशेष विवरण अंकित किया जाएगा। लेखपालों को प्रदेश सरकार की ओर से पूर्व में ही लैपटॉप व मोबाइल फोन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। अत: इस ऑनलाइन खसरे को फील्ड में ही भरा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल 1,08,846 राजस्व ग्रामों के लगभग 7.65 करोड़ गाटा/खसरों का कम्प्यूटीकरण किया जाना है। ऑनलाइन खसरा होने के कारण हर स्तर से इसका पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। इससे अभिलेखों में पारदर्शिता आएगी। बता दें कि, डिजिटल खसरे के लिए राजस्व परिषद द्वारा साफ्टवेयर तैयार किया गया है।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।