Published - 01 Feb 2021
केंद्र सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजना एक जिला एक उत्पाद की अनुमोदित की जारी सूची में बिहार के सहरसा और सुपौल का मखाना और मधेपुरा के आम को शामिल किया गया है। इसको लेकर हर ओर चर्चा है कि इन उत्पादों को सूची में शामिल किए जाने से इनको वैश्विक पहचान मिलेगी जिससे विश्व भर के बाजार में इसे बेचना आसान हो जाएगा। इससे मखाना व आम उत्पादक किसानों को काफी लाभ मिलेगा। मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक पीएमएफएमई योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद के रूप में सहरसा और सुपौल के मखाना को शामिल किए जाने से इस उत्पाद को बाहर का बाजार मिलने से किसानों के दिन बदलने की उम्मीद बन गई है। संभावना है कि इस व्यवस्था से किसानों को उपज की सही कीमत मिलेगी। वहीं मखाना की खेती का कारोबार कोसी-मिथिलांचल क्षेत्र में अधिक उन्नत होगा।
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पीएमएफएमई योजना के तहत देश के हर जिले से प्रमुख एक उत्पाद का नाम मांगा गया था। यह कहा गया था कि ऐसे प्रमुख एक उत्पाद का नाम दें जिसे संबंधित जिले से बाहर का बाजार उपलब्ध कराया जाय। बाहर के बाजार में वह उत्पाद हाथों-हाथ खरीद लिया जाय। ऐसे में सहरसा से प्रमुख उत्पाद के रूप में मखाना का नाम भेजा गया। जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद के लिए जिलावार एक प्रमुख उत्पाद का नाम मांगा गया था। सहरसा जिला से यहां के प्रमुख उत्पाद मखाना का नाम भेजा गया था। उन्होंने कहा कि सहरसा जिले में प्रचूर मात्रा में मखाना की खेती होती है। एक अनुमान मुताबिक तीन से चार हजार एकड़ चौर वाली भूमि में मखाना की खेती होती है। जिले के नवहट्टा, महिषी और सत्तरकटैया प्रखंड क्षेत्र में अधिक मात्रा में मखाना की खेती होती है।
कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल क्षेत्र से मखाना ट्रेन से भी जाता है। मखाना का पैकेट फारबिसगंज, पूर्णिया और दरभंगा में तैयार कर ट्रेन से दिल्ली, पंजाब, मुंबई सहित अन्य जगहों पर भेजा जाता है। वहीं कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल के मखाना की मांग विदेश तक है। लेकिन बाहर के बाजार तक किसान की पहुंच नहीं होने का फायदा स्थानीय व्यापारी उठाते हैं। किसान से कम कीमत में खरीद अधिक मुनाफे पर बाहर बिक्री करते हैं।
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सहरसा के अलावा अन्य 5 जिले का मखाना भी एक जिला एक उत्पाद के लिए जारी अनुमोदित सूची में शामिल किया गया है। इसमें सहरसा, सुपौल के अलावा अररिया, कटिहार, मधुबनी और दरभंगा जिला के उत्पाद के रूप में मखाना को शामिल किया गया है। वहीं सहरसा में मखाना प्रसंस्करण उद्योग लगाने की योजना है। हालांकि जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि मखाना प्रसंस्करण उद्योग लगने में अभी समय लगेगा। यह भविष्य की योजना है।
मधेपुरा जिले का आम और पूर्णिया व खगडिय़ा के केला को एक जिला एक उत्पाद के रूप में चयनित किया गया है। किशनगंज अन्नानास, लखीसराय के टमाटर और मुंगेर के लेमन ग्रास को संबंधित जिला के उत्पाद के रूप में घोषित करते पीएमएफएमई योजना में जगह दी गई है। बता दें कि देश भर के 707 जिलों के एक-एक उत्पाद की सूची जारी की गई है। इस आशय का पत्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय सीनियर इंस्पेक्टिंग ऑफिसर रामकेश मीणा ने जारी की है।
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यह केंद्र सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजना है। इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में असंगठित रूप से कार्य कर रहे छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का निर्माण करना है। इसके साथ की इस क्षेत्र से जुड़े कृषक उत्पादक संगठनों, स्व सहायता समूहों सहकारी उत्पादकों सहायता भी प्रदान करना है। इस योजना के तहत 2020-21 से 2024-25 के मध्य 2 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को वित्तीय, तकनीकी एवं विपणन सहयोग प्रदान करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान रखा गया है।
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