प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : अब बटाईदार किसानों को भी मिलेगा योजना का लाभ

Share Product प्रकाशित - 10 Aug 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : अब बटाईदार किसानों को भी मिलेगा योजना का लाभ

किसानों को अब समय पर मिलेगा बीमा क्लेम, देरी होने पर मिलेगी 12 प्रतिशत अधिक राशि 

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अब बटाईदार किसानों को भी मिलेगा। इसके अलावा किसानों को अब समय पर बीमा क्लेम का पैसा दिया जाएगा। यदि क्लेम भुगतान में देरी होती है तो बीमा कंपनी की ओर से 12 प्रतिशत अधिक राशि किसानों को भुगतान करनी होगी।

यह जानकारी लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दी गई। पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) पर सांसदों के सवालों के जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की सहायता के लिए योजना चलाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से अब तक करीब 4 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रूप से आग लगने से फसल नष्ट होने पर नुकसान की भरपाई की जाएगी। क्लेम भुगतान में देरी होने पर 12 प्रतिशत अधिक राशि किसानों को दी जाएगी। इसके अलावा बटाईदार किसानों को भी योजना का लाभ मिलेगा।

पीएम फसल बीमा योजना में आवेदन में हुई बढ़ोतरी

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में कृषि से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए कहा कि पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के आवेदन पहले 3.51 करोड़ थे। अब इसमें काफी अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है। आवेदन दुगुने हो गए हैं। अब इस योजना में आवेदन 8.69 करोड़ हो गए हैं। पीएम फसल बीमा योजना का लाभ (Benefits of PM Fasal Bima Yojana) 3.97 करोड़ किसानों को मिला है।

पीएम फसल बीमा योजना के तहत किन फसलों का होता है बीमा

पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के तहत खाद्य फसलें जैसे- अनाज, बाजरा और दालें, तिलहन फसलें जैसे- सरसों, सोयाबीन, मूंगफली आदि फसलों का बीमा किया जाता है। इसके अलावा योजना के तहत वार्षिक वाणिज्यिक फसलें जैसे- गन्ना, कपास आदि और वार्षिक बागवानी फसलें फल व सब्जियों का बीमा किया जाता है।

पीएम फसल बीमा योजना में कितना लगता है प्रीमियम

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत अनाज, दलहन और तिलहन सहित खाद्यान्न फसलों का बीमा कराने पर रबी सीजन की फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत की दर से प्रीमियम का भुगतान होता है। जबकि खरीफ सीजन की फसलों का बीमा के लिए 2 प्रतिशत की दर से प्रीमियम देना पड़ता है। इसके अलावा बागवानी और वाणिज्यिक फसलों के प्रीमियम की दर इससे थोड़ी अधिक होती है। पीएम फसल बीमा के तहत बागवानी और वाणिज्यिक फसलों का प्रीमियम 5 प्रतिशत की दर से लिया जाता है। किसान स्वैच्छा से अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए स्वतंत्र हैं।

पीएम फसल बीमा योजना में किन जोखिमों को कवर किया जाता है

पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के तहत फसल हानि के लिए जिन जोखिमों को कवर किया जाता है, वे इस प्रकार से हैं-

  • उपज हानि (खड़ी फसलें, अधिसूचित क्षेत्र के आधार पर)
  • गैर- निवारणीय जोखिमों जैसे- प्राकृतिक आग और बिजली, तूफान, ओलावष्टि, चक्रवात, आंधी, तूफान, बवंडर आदि कारण से उपज हानि को कवर करने के लिए व्यापक जोखिम बीमा प्रदान किया जाता है।
  • बाढ़, जलप्लावन और भूस्खलन की स्थिति में भी बीमा लाभ दिया जाता है।
  • सूखा, सूखे की अवधि के लिए भी बीमा लाभ मिलता है।
  • कीट या रोग से फसल को हानि होने पर भी बीमा कवरेज मिलता है।
  • रोकी गई बुवाई (अधिसूचित क्षेत्र के आधार पर)- ऐसे मामलों में जहां अधिसूचित क्षेत्र के अधिकांश बीमित किसान, बुवाई या रोपण करने का इरादा रखते हुए और इस उद्देश्य के लिए व्यय किए जाने के बाद, प्रतिकूल मौसम स्थिति के कारण बीमित फसल की बुवाई या रोपण करने से रोक दिए जाते हैं।
  • कटाई के बाद नुकसान (व्यक्तिगत खेत के आधार पर) : उन फसलों के लिए कटाई से अधिकतम 14 दिनों की अवधि तक कवरेज दिया जाता है, जिन्हें कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए कटी और फैली हुई स्थिति में रखा जाता है।
  • पूरे देश में चक्रवात या चक्रवाती बारिश, बेमौसम बारिश के विशिष्ट खतरों के लिए बीमा कवरेज मिलता है।
  • स्थानीय आपदाएं (व्यक्तिगत खेत के आधार पर) : पहचाने गए स्थानीय जोखिमों जैसे- ओलावृष्टि, भूस्खलन और जलप्लावन से होने वाली हानि या क्षति, जो अधिसूचित क्षेत्र में अलग-अलग खेतों को प्रभावित करती है।

पीएम फसल बीमा योजना के तहत इनके लिए नहीं मिलता कवरेज

  • युद्ध और नाते-रिश्तेदार से नुकसान का कवरेज नहीं मिलता है।
  • परमाणु जोखिम, दंगे, दुर्भावनापूर्वक क्षति, चोरी, दुश्मनी की कार्रवाई पर कवरेज नहीं मिलता है।
  • घरेलू या जंगली जानवरों द्वारा चराई या फसल नष्ट करने से नुकसान को कवर नहीं किया जाता है।

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