प्रकाशित - 28 Oct 2023
केंद्र सरकार किसानों को तोहफा देने की तैयारी कर रही है। ऐसे में एक खबर निकलकर सामने आ रही है कि अब पीएम फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। अब तक किसानों को फसल बीमा योजना के तहत अपनी मौसम से नुकसान हुई फसलों के लिए बीमा लाभ मिलता था, लेकिन अब यह जानकारी में आ रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) का दायरा को बढ़ाकर इसमें तालाब, ट्रैक्टर (Tractor) व मवेशियों आदि पर होने वाले नुकसान के कवरेज को भी शामिल करने की तैयारी कर रही है। यदि ऐसा होता है तो इससे किसानों को लाभ होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से यह दावा किया गया है कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसलों के लिए मिलने वाला इंश्योरेंस कवरेज के दायरे को बढ़ाने वाली है। इसके तहत तालाब, ट्रैक्टर व मवेशियों आदि के लिए बीमा लाभ प्रदान किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मिलने वाले लाभ के दायरे को महज फसलों से आगे बढ़ाना चाह रही है। इसके लिए योजना के कवरेज के दायरे में तालाबों, ट्रैक्टरों, मवेशियों और पॉम ट्री जैसे एसेट को लाने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पोर्ट को नया रूप दिया जा सकता है। इसे ऐसे कॉम्प्रेहेंसिव प्लेटफॉर्म के रूप में डेवलप किया जा सकता है जो फसलों से साथ ही किसानों अन्य संपत्तियों पर भी बीमा करवरेज का लाभ दे। इसके लिए 30 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा सकता है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एआईडीए ऐप के माध्यम से इस मुहिम को आगे बढ़ाया जा सकता है। इस ऐप को इसी साल जुलाई में लॉन्च किया गया है। इसके तहत लोगों के घर-घर जाकर एनरॉलमेंट सुनिश्चित किया जाएगा ताकि फसल बीमा को किसानों के लिए अधिक सुलभ बनाया जा सके। इस ऐप के जरिये इश्योरेंस इंटरमीडियरीज न सिर्फ फसल बीमा के लिए किसानों का एनरॉलमेंट कर सकेंगे, बल्कि वे 4 करोड़ किसानों को भी बिना सब्सिडी वाली योजनाओं का लाभ भी दे पाएंगे।
बता दें कि सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा येाजना के दायरे को बढ़ाने के लिए लगातार कई प्रयास किए गए हैं जिसमें यस-टेक, विंड्स पोर्टल् और एआईडीई ऐप को शामिल किया है। सरकार के प्रयासों के कारण ही बीमा योजना के तहत बीमिम क्षेत्रों में 2022 के दौरान 12 फीसदी सीजन में इसके और बढ़कर 57 से 60 मिलियन हैक्टेयर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस योजना पर काम कर रहे अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही किसान फसल बीमा के लिए नामांकन करते हैं और अपनी अन्य संपत्तियों का भी बीमा कराना चाहते हैं जिन पर सब्सिडी नहीं मिलती है। उन सभी संपत्तियों पर भी सरकार बीमा लाभ देने पर विचार कर रही है जिसे इससे जोड़ा जा सकता है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पीएमएफबीवाई का पुनर्गठन किया था जिसके तहत 2022-23 में बीमित क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़ गया और 49.7 मिलियन हैक्टेयर से अधिक पहुंच गया।
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि फसली बीमा के तहत 2023-24 के खरीफ सीजन में बीमित क्षेत्र का रकबा बढ़कर 57.5-60 मिलियन हैक्टेयर तक पहुंच सकता है। वहीं आंध्रप्रदेश सहित कई राज्य इस योजना में फिर से जुड़ गए हैं। इससे फसल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं अन्य राज्य भी इस योजना का बढ़ता दायरे को देखते हुए इसमें शामिल होने की सोच रहे हैं।
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